-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)
पत्नी दिल्ली में एक बड़ी कंपनी में अफसर। पति मुंबई में फिल्में लिखने में स्ट्रगलर। दोनों एक-दूसरे को बहुत प्यार करते हैं। रोज़ाना वीडियो कॉल पर लंबी बातें करते हैं। कुछ दिन बाद दोनों की शादी की दूसरी सालगिरह है।
लेकिन अचानक आ गया कोरोना और हो गया लॉकडाउन। दूर से बातें करते-करते इन दोनों के रिश्ते में बदलाव आने लगता है और प्यार से तकरार, वॉर और फिर मनुहार तक का सफर इस कहानी में चलता है।
लॉकडाउन में जहां रिश्तों के समीकरण बदल रहे थे वहीं कहानियां और उन्हें कहने का ढंग भी बदला था। यू-ट्यूब पर ‘हमारा मूवी’ के तहत मुफ्त में देखी जा सकने वाली इस मिनी सीरिज़ में छोटे-छोटे चार एपिसोड हैं जिनकी शूटिंग इसके सभी कलाकारों ने एक-दूसरे के संपर्क में आए बिना लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने घरों में फोन पर की है जो इस कहानी को सूट भी करती है। इस सीरिज़ की बड़ी खासियत सौविक गुप्ता की यह कहानी ही है जिसमें सिर्फ बातें हैं, घटनाएं नहीं। लेकिन यह हमें अपने साथ एक सफर पर लिए चलती है जिसमें हम नायक-नायिका के रिश्ते के बीच आ रहे बदलाव को न सिर्फ महसूस करते हैं बल्कि कहीं-कहीं खुद को उनसे जुड़ा हुआ भी पाते हैं। सौविक का निर्देशन भी प्रभावी है लेकिन उन्हें लेखन के लिए ज़्यादा सराहा जाना चाहिए।
परेश पाहूजा और मंजरी फड़नीस ने सचमुच बहुत अच्छा काम किया है। आसान नहीं होता है यूं वीडियो कॉल पर लंबी-लंबी बातें करते हुए अभिनय करना जब तक कि अदाकार खुद को किरदार में तब्दील न कर ले। हालांकि यही लंबी-लंबी बातें दो-एक जगह अखरी भी हैं और यह भी लगा है कि चार एपिसोड की बजाय इसे एक लंबी शॉर्ट-फिल्म बनाया जाता तो शायद यह ज़्यादा असर छोड़ती। काम शिवम भार्गव का भी अच्छा है। उनके छोटे-से किरदार में एक अनोखा ट्विस्ट भी है। गीत-संगीत आश्चर्यजनक रूप से बढ़िया है।
एक अच्छी, प्यारी, दिल छूने वाली छोटी-सी कहानी को कुछ अलग ढंग से देखने का मन हो तो यह मिनी सीरिज़ देखी जा सकती है। पहले एपिसोड का लिंक यह रहा।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि सीरिज़ कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-20 May, 2022
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)