• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-आसमान पर पंजा मारने निकला ’सरफिरा’

Deepak Dua by Deepak Dua
2024/07/11
in फिल्म/वेब रिव्यू
5
रिव्यू-आसमान पर पंजा मारने निकला ’सरफिरा’
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)

इतिहास बताता है कि जब भारत के आसमान पर महंगी एयरलाइन्स का कब्ज़ा था और हवाई जहाज में बैठने की कुव्वत सिर्फ अमीरों में थी तब ’एयर डेक्कन’ नाम की एक सस्ती एयरलाइन ने आकर इस आसमान का रंग बदल दिया था। भारतीय सेना में कैप्टन रहे जी. आर. गोपीनाथ के दुस्साहस भरे जज़्बे और जुनून ने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए इस एयरलाइन की शुरुआत की थी जिसके बाद भारतीय उड्डयन क्षेत्र की तस्वीर बदलने लगी। आज अगर देश के तमाम छोटे शहर हवाई मार्ग से जुड़ रहे हैं, ट्रेन के दामों पर हवाई-टिकटें मिल जाती हैं तो इसके पीछे गोपीनाथ और उनकी उन सरफिरी कोशिशों का ही हाथ है। उन्हीं की कहानी दिखाने का काम कर रही है यह फिल्म ‘सरफिरा’ (Sarfira)।

गोपीनाथ ने इस एयरलाइन को शुरू करने की कहानी अपनी एक किताब में लिखी थी। उसे आधार बना कर डायरेक्टर सुधा कोंगरा ने करीब चार साल पहले तमिल फिल्म ‘सूराराई पोट्टरू’ (Soorarai Pottru) बनाई थी जिसे काफी पसंद किया गया था। उसी फिल्म का यह हिन्दी रीमेक है (Sarfira) जिसे सुधा ने ही बनाया है। मूल फिल्म की कहानी दक्षिण भारत में स्थित थी और चूंकि नायक ने ‘डेक्कन’ नाम की एयरलाइन शुरू करनी है सो इसे उत्तर भारत में तो लाया नहीं जा सकता था इसलिए इसे महाराष्ट्र के अंदरूनी इलाके और फिर मुंबई में स्थित किया गया। इससे इस कहानी का सत्व बचा रहा है और लिखने वालों ने इसमें गंवई मराठी टच डाल कर इसे ज़मीन से भी जोड़े रखा है। चूंकि यह फिल्म मूल फिल्म का लगभग फ्रेम-दर-फ्रेम रीमेक है इसलिए इसमें भी कमोबेश वैसी ही भावनाओं, बातों, हरकतों, घटनाओं आदि का ज्वार है जो मूल फिल्म में था। डायरेक्टर सुधा (Sarfira) फिल्म से अपनी पकड़ को कहीं भी कम नहीं होने देती हैं। इसके चलते कहीं-कहीं बस हल्का-सा डगमगाती यह फिल्म पूरे समय कस कर बांधे रखती है।

कुछ नया, अनोखा और दुस्साहस भरा करने वालों की कहानियों को सिनेमा ने जब-जब कायदे से उठाया है, दर्शकों ने उसे माथे से लगाया है। यह फिल्म भी खुद को उसी कतार में खड़ा करती है। मूल फिल्म के नाम का अर्थ ‘साहसी को सलाम’ था और इस फिल्म में नायक का नाम वीर है। यह फिल्म (Sarfira) उसकी वीरता के साथ-साथ उसके कभी हार न मानने वाले जज़्बे को दिखाती है। फिल्म दिखाती है कि अपने सपनों के लिए अपनी निजी ज़िंदगी तक को दांव पर रखने वाले ऐसे लोग जब उछल कर पंजा मारते हैं तो आसमान का एक टुकड़ा अपनी मुट्ठी में दबोच लाते हैं।

(ऑल इंडिया रेडियो के एफ.एम. रेनबो चैनल पर आए मेरे रिव्यू को यहाँ क्लिक कर के सुनें)

लेकिन यह फिल्म (Sarfira) सिर्फ अकेले नायक की कहानी नहीं है। यह उसके माता-पिता, पत्नी, परिवार, दोस्तों व अन्य लोगों के उस विश्वास को भी दिखाती है जो नायक की हर नाकामी के साथ बढ़ता चला जाता है। फिल्म बताती है कि अपनों का साथ हो तो इंसान असंभव को भी संभव बना सकता है।

अक्षय कुमार अपने किरदार की गहराई को तलहटी तक जाकर छूते हैं। पर्दे पर उनके मूड के साथ-साथ दर्शकों का मूड भी बदलता है। राधिका मदान खुल कर खेलती हैं। उन पर वैसे भी इस किस्म के किरदार जंचते हैं। सीमा विश्वास, परेश रावल, आर. शरत कुमार, प्रकाश बेलावड़ी, इरावती हर्षे, अनिल चरणजीत जैसे अन्य कलाकार भी असरदार काम करते हैं। अक्षय के दोस्त सैम बने सौरभ गोयल शुरू से अंत तक फिल्म (Sarfira) में बने रहे हैं। अपनी भाव-भंगिमाओं से सौरभ गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। गीत-संगीत कम है, अच्छा है। लोकेशन व कैमरा प्रभाव बढ़ाते हैं।

अंत के करीब पहुंच कर रोमांचित करती, भावुक करती इस किस्म की फिल्में हमें सपने देखना और उन्हें सच करने के लिए जुटना सिखाती हैं। ऐसी फिल्में हमें तृप्त करती हैं, इनका स्वागत होना चाहिए।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-12 July, 2024 in theaters

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए सिनेमा व पर्यटन पर नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: Akshay Kumaranil charanjeetparesh rawalprakash belawadir. sarathkumarradhika madansarfirasarfira reviewSaurabh Goyalseema biswassudha kongarasuriya
ADVERTISEMENT
Previous Post

रिव्यू-यो ‘ककुदा’ न हंसावेगो न डरावेगो

Next Post

वेब-रिव्यू : विटामिन्स की कमी है इस ‘पिल’ में

Related Posts

रिव्यू-चरस तो मत बोइए ‘मालिक’
CineYatra

रिव्यू-चरस तो मत बोइए ‘मालिक’

वेब-रिव्यू : राजीव गांधी हत्याकांड पर सधी हुई ‘द हंट’
CineYatra

वेब-रिव्यू : राजीव गांधी हत्याकांड पर सधी हुई ‘द हंट’

रिव्यू : मस्त पवन-सी है ‘मैट्रो… इन दिनों’
CineYatra

रिव्यू : मस्त पवन-सी है ‘मैट्रो… इन दिनों’

रिव्यू-‘कालीधर’ के साथ मनोरंजन ‘लापता’
CineYatra

रिव्यू-‘कालीधर’ के साथ मनोरंजन ‘लापता’

रिव्यू-’शैतान’ से ’मां’ की औसत भिड़ंत
CineYatra

रिव्यू-’शैतान’ से ’मां’ की औसत भिड़ंत

वेब-रिव्यू : रंगीले परजातंतर की रंग-बिरंगी ‘पंचायत’
फिल्म/वेब रिव्यू

वेब-रिव्यू : रंगीले परजातंतर की रंग-बिरंगी ‘पंचायत’

Next Post
वेब-रिव्यू : विटामिन्स की कमी है इस ‘पिल’ में

वेब-रिव्यू : विटामिन्स की कमी है इस ‘पिल’ में

Comments 5

  1. NAFEESH AHMED says:
    12 months ago

    पैसा वसूल मूवी….

    कोई शक नहीं कि….. हिम्मते मर्दा….. मदद ए खुदा…

    औऱ अक्षय तो अक्षय ही हैँ….

    Reply
  2. Dharmendra Khare says:
    12 months ago

    आप जो निष्पक्ष तरीके से लिखते हैं, वही तरीका मेज आपकी लेखनी का कायल बनाता है।
    फिल्म का रिव्यू बहुत ही अच्छा है। आप के रिव्यू से लगता है कि फिल्म देखने लायक है।

    Reply
    • CineYatra says:
      12 months ago

      धन्यवाद… आभार

      Reply
  3. Kaynat says:
    12 months ago

    Waaah … Bahut khoobsourat samiksha sirfire ki

    Reply
    • CineYatra says:
      12 months ago

      शुक्रिया…

      Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment