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Home फिल्म/वेब रिव्यू

वेब-रिव्यू : किस का पाप है ‘पॉप कौन’…?

Deepak Dua by Deepak Dua
2023/03/19
in फिल्म/वेब रिव्यू
11
वेब-रिव्यू : किस का पाप है ‘पॉप कौन’…?
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

चेतावनी-इस सीरिज़ को देखने के बाद हो सकता है कि आप खुद को पागल घोषित करवाने पर आमादा हो जाएं या दुनिया को पागल समझने लगें। मुमकिन है कि आप किसी को मार डालें या सामने वाली दीवार पर सिर पटक-पटक कर खुदकुशी कर लें। यह भी संभव है कि आप अपने कपड़े फाड़ डालें, बाल नोच लें और ‘यह दुनिया यह महफिल मेरे काम की नहीं…’ गाते हुए किसी जंगल को निकल लें।

हां तो इस वेब-सीरिज़ की कहानी यह है कि…! क्या सचमुच ऊपर लिखी चेतावनी पढ़ने के बाद आप इस सीरिज़ की कहानी जानना चाहते हैं…? क्या सचमुच आपके मन में यह बात आ रही है कि एक बार कहानी पता चल जाए तो आप इस सीरिज़ को देखने या न देखने का फैसला करें…? और क्या सचमुच आप इस रिव्यू को आगे पढ़ने जा रहे हैं…? मर्ज़ी आपकी।

तीन लेखकों ने मिल कर इस सीरिज़ के छह एपिसोड लिखने का पाप किया है। इन तीनों में से एक फरहाद सामजी ही इस सीरिज़ के निर्देशक भी हैं। यह वही फरहाद हैं जो ‘बागी 3’  (रिव्यू-क्यों तारीफों के काबिल है ‘बागी 3’) जैसी बेहद घटिया फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर थे और ‘हाउसफुल 4’ व ‘बच्चन पांडेय’ (रिव्यू : जंक-सिनेमा परोसती है ‘बच्चन पांडेय’) जैसी उतनी ही घटिया फिल्मों के निर्देशक। यदि खराब काम करने वालों को ब्लैक-लिस्ट करने जैसा कोई कानून फिल्म इंडस्ट्री में भी हो तो इस सीरिज़ के तीनों ‘राइटर’ नामक प्राणियों को अगले कुछ जन्म के लिए कुछ भी लिखने से रोक देना चाहिए। कहानी के नाम पर कचरा, पटकथा के नाम पर कूड़ा, अश्लीलता, भोंडापन, फूहड़ता, हास्य के नाम पर टॉयलेट ह्यूमर, संवादों के नाम पर वोमिटिंग परोसने वाले इन लोगों पर कोई टाडा, रासुका भी लग सके तो कम होगा।

कलाकारों की जो भीड़ जमा की गई है उनका कसूर इसलिए ज़्यादा नहीं है कि वे लोग बरसों से ऐसा ही काम करते आए हैं। लेकिन कुणाल खेमू, सौरभ शुक्ला, जॉनी लीवर, राजपाल यादव, चंकी पांडेय, जैमी लीवर, स्वर्गीय सतीश कौशिक, अश्विनी कलसेकर, नूपुर सैनन आदि को देख कर जब दर्शक खीजने लगे तो कसूर इनका नहीं, इन्हें कायदे के किरदार, सलीके की पटकथा, अच्छे डायलॉग न देने वालों का माना जाना चाहिए।

डिज़्नी हॉटस्टार वालों ने क्या कसम खा ली है कि ये लोग सारा कूड़ा-कचरा ही परोसेंगे? इस साल ‘ताज़ा खबर’ (वेब-रिव्यू : सड़ांध मारती ‘ताज़ा खबर’) के बाद इनकी यह दूसरी गलती है। दर्शकों से किया गया इनका यह खिलवाड़ इन्हें महंगा पड़ सकता है।

एक और चेतावनी-फरहाद सामजी की लिखी-बनाई सलमान खान वाली फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ जल्द रिलीज़ होने वाली है।

अंत में-इस रिव्यू पर भरोसा न हो तो इस सीरिज़ का ट्रेलर देखें। उस पर भी भरोसा न हो तो डिज़्नी-हॉटस्टार पर जाकर यह सीरिज़ अवश्य देखें, बस उससे पहले सबसे ऊपर दी गई चेतावनी को एक बार फिर पढ़ लें।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-17 March, 2023 on Disney+Hotstar

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: ashwini kalsekarchunky pandeydisney hotstarfarhad samjiJamie Leverjohny leverkunal khemupop kaunpop kaun reviewrajpal yadavsatish kaushiksaurabh shuklazakir hussain
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Comments 11

  1. Prem Prakash says:
    2 years ago

    चेतावनी याद रखी जाने लायक है 🤣

    Reply
  2. Ishwarpal Singh says:
    2 years ago

    Aisi aala darje ki story ka bhi review karne ki himmat karne ka jo kasht aapko karna pada dua sahab vah kucch kam ho sake isliye mujhko yah comment karna pada…hum aapke hat sukh dukh ke sathi Jo hain…Jai hind.

    Reply
    • CineYatra says:
      2 years ago

      धन्यवाद भाई साहब…

      Reply
  3. Sushma Shandilya says:
    2 years ago

    दीपक पा’जी, कल मेरे पतिदेव ने इसका पहला एपिसोड देखना शुरू किया और बोले कि “अच्छा शो आया है।”
    मैं पांच मिनट में ही इतना पक गई कि मैंने चैनल बदलवाया। इन चुके हुए लोगों की क्या ऊटपटांग हरकतें और बेसिर-पैर की फूहड़ काॅमेडी है 😡 हंसी की जगह गुस्सा ज़्यादा आया कि ऐसी सीरीज़ के मेकर्स हम जैसे अच्छे कंटेंट चाहने वाले दर्शकों पर ऐसी चीज़ें परोस कर ये अत्याचार क्यों करते हैं? 😡
    सौरभ शुक्ला, जाॅनी लीवर और स्वर्गीय सतीश कौशिक जैसे कलाकार काम के लिए इतने डेस्परेट हो चुके हैं कि ऐसी वाहियात सीरीज़ में काॅमेडी करने को राज़ी हो गए। जीते-जी सौरभ शुक्ला, जाॅनी लीवर की और मरणोपरांत सतीश कौशिक की कितनी छीछालेदर होगी, इन सबने ये भी नहीं सोचा।
    अभी आपका ये रिव्यू पढ़ा और कसम से लोटपोट हो गई। क्या भुरकस निकाला है इन लोगों का, आनंद आ गया 😜😜 यही दुआ करती हूँ कि आपकी कलम ऐसी ही सार्थक समीक्षाएं करके हम जैसे निरीह, मासूम दर्शकों को ऐसे अत्याचारों से बचाती रहे 😛🙏🙏🌺

    Reply
    • CineYatra says:
      2 years ago

      बहुत-बहुत धन्यवाद… इसी तरह से हौसला बढ़ाती रहें…

      Reply
  4. Sushma Shandilya says:
    2 years ago

    आपका आभार, आप भी इसी तरह हम पाठकों तक अपने शानदार रिव्यूज़ पहुंचाते रहें 😘🙏🙏

    Reply
  5. rishij guru says:
    2 years ago

    बड़ी गलती हो गई, आपके रिव्यू के पहले ही सिरीज़ देख ली, और सबसे बड़ी समस्या तो ये की पूरी देख ली, पता नहीं क्यों ही बनाई होगी ये सिरीज़, सभी लोग कोशिश ही कर रहे हैं, और कुणाल खेमू पर बहुत दया आती है, एक तो वैसे ही कैरियर की चरम सीमा पर चल रहा है ऊपर से ऐसी स्टोरी में काम कर के भविष्य से खिलवाड़ करने में लगा है, और तुषार कपूर को तो मारो, रोहित शेट्टी ने एक किरदार क्या दे दिया वो साला उससे बाहर ही नहीं निकल पा रहा।

    Reply
  6. Rishabh Sharma says:
    2 years ago

    शुक्र है आपका रिव्यु पढ़ लिया! और बच गए! वैसे भी सीरीज का शीर्षक, और स्टारकास्ट देख कर ही पता चल गया था की ये सिवाय सर दर्द के और कुछ नहीं! और जो भी इस किस्म की कहानियों में होता है वही सब है बे सिर पैर की फूहड़ कॉमेडी, और फालतू की उल्टी सीधी हरकते!! जानी लीवर और सतीश कौशिक भी अपने स्तर से नीचे आ गए! कुणाल खेमू, तुषार कपूर ऐसे ही फिल्मों में पाए जाते हैं

    Reply
  7. Shilpi rastogi says:
    2 years ago

    फिल्म देखने की हिम्मत नहीं हो रही अब तो …ताजा खबर देखी थी कंसेप्ट तो अच्छा था लेकिन गालियों और अश्लीलता से फिल्म का नाश हो गया था….

    Reply
  8. Amit kumar sinha says:
    2 years ago

    लाजवाब बेबाक review… बस इसे पढ़ लिया तो सब गुन लिया.. 👍

    Reply
    • CineYatra says:
      2 years ago

      धन्यवाद

      Reply

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