ज़रा सोचिए, जिस चांद की तारीफ में कवियों-शायरों ने अपनी कलमें तोड़ डालीं, जिसकी तुलना कोई अपनी महबूबा के चेहरे से करता है तो किसी को उसमें चंदा मामा दिखाई देता है, वही चांद अचानक से पृथ्वी और मानव जाति के ही अंत का कारण बन जाए? क्या होगा अगर चंद्रमा किसी दिन पृथ्वी के बिल्कुल करीब आ जाए? ऐसी कई कल्पनाएं इंसानी दिमाग में करवट ले सकती हैं। लेकिन क्या यह सब वाकई संभव है?
’इंडिपेंडेंस डे’, ’द डे आफ्टर टुमॉरो’, ’10000 बीसी’, ‘गॉडज़िला’, ‘2012’ जैसी हॉलीवुड की कई बेहतरीन और कामयाब फिल्मों के निर्देशक रोलैंड एमेरिच अपनी अगली साइंस-फिक्शन फिल्म ‘मूनफॉल’ में ऐसी ही कुछ कल्पनाओं के साथ आ रहे हैं।
एक पूर्व अंतरिक्ष यात्री, और अब नासा के लिए काम करने वाली जोसिंडा (हैली बेरी) अपने साथियों के साथ मिल कर पृथ्वी को इस आपदा से बचाने में जुटी है। चंद्रमा पृथ्वी से टकराने के लिए बढ़ रहा है। दरअसल कोई रहस्यमयी शक्ति है जो चंद्रमा को उसके रास्ते से हटा रही है। दुनिया विनाश की तरफ बढ़ रही है। आखिर क्या कारण है? और कैसे इससे बचा जा सकता है?
पीवीआर पिक्चर्स और एमवीपी एंटरटेनमेंट की साइंस-फिक्शन फिल्म ‘मूनफॉल’ 11 फरवरी को बड़े पर्दे पर दिखाएगी यह रोमांच। अंग्रेज़ी के अलावा हिंदी, तमिल और तेलुगू में भी यह रिलीज़ होगी।
-सिनेयात्रा