-दीपक दुआ…
23 अगस्त, 2012 का दिन था। ‘आई एम कलाम’ बना चुके निर्देशक नीला माधव पांडा की अगली फिल्म ‘जलपरी’ का प्रैस-शो था। फिल्म देखी तो इसमें शीर्षक भूमिका निभाने वाली बाल-अदाकारा के काम से मैं खासा प्रभावित हुआ। इंटरवल में इस अदाकारा यानी लहर खान से मुलाकात भी हो गई। उनके पिता शकील और मां प्रियंका से भी परिचय हुआ। बाद में हमारे बीच लगातार संपर्क बना रहा। कुछ अर्सा पहले लहर ‘पार्च्ड’ में तनिष्ठा चटर्जी, राधिका आप्टे और सुरवीन चावला के साथ तनिष्ठा की बहू के किरदार में नजर आईं। अब तक लहर खान यह इरादा कर चुकी थीं कि उन्हें फिल्मों में ही अपना भविष्य बनाना है। कुछ अर्सा पहले ये लोग दिल्ली छोड़ कर मुंबई शिफ्ट हो गए लेकिन हमारे बीच लगातार बातचीत होती रहती है। लहर से मैंने जब भी बात की मैंने उन्हें हमेशा बहुत संजीदा, विनम्र और फोकस्ड पाया।
हाल ही में मेरा मुंबई जाना हुआ तो पता चलते ही शकील और प्रियंका बार-बार आग्रह करने लगे कि उनसे जरूर मिलूं। इनके छोटे मगर खूबसूरत घर पर हमारी मुलाकात हुई। प्रियंका ‘पार्च्ड’ में लहर की मां के छोटे-से रोल में दिख चुकी हैं और बेहद स्वादिष्ट खाना बनाती हैं। चंद मिनटों की इस मुलाकात में इन सबने मुझे भरपूर प्यार और सत्कार दिया। लहर अभी बारहवीं में पढ़ रही हैं और हाल ही में एक बहुत बड़े बैनर की एक बहुत बड़ी फिल्म को ठुकरा चुकी हैं। पूछने पर बताती हैं कि फिलहाल मेरा ध्यान स्कूल की पढ़ाई पूरी करने पर है, एक्टिंग के लिए तो सारी उम्र पड़ी है। ‘पार्च्ड’ के लिए फ्रांस से अवार्ड ला चुकीं लहर मुंबई की रंगीनियों और फिल्मी दुनिया की चकाचैंध में भी जिस कदर तटस्थ हैं, उसे देख हैरानी होती है। फिलहाल लहर अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ-साथ खुद को मांजने-निखारने पर ध्यान दे रही हैं। शकील और प्रियंका को यकीन है कि एक दिन वह जरूर अपना और उनका नाम रोशन करेंगी। उन्हें तो उम्मीद है, अपने को यकीन है कि वह सिर्फ एक लहर भर नहीं हैं जो सैलाब में गुम हो जाएं, एक दिन सचमुच वह अपना अलग और पुख्ता मकाम बनाएंगी।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)