-दीपक दुआ…
‘सर, दो दिन के बैंगलौर चलेंगे? एक कन्नड़ फिल्म का ट्रेलर लॉन्च है।’
इस न्यौते में कई बातें चौंकाने वाली थीं। पहली तो यही कि किसी फिल्म के ट्रेलर लॉन्च पर आमतौर पर उस शहर के मीडिया को ही बुलाया जाता है। दूसरी यह कि एक कन्नड़ फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हो और उसमें दिल्ली स्थित हिन्दी के फिल्म पत्रकार को बुलाया जाए तो मामला कुछ बड़ा और गंभीर महसूस होता है। बताया गया कि यह कन्नड़ की फिल्म ‘विजयानंद’ है जो 9 दिसंबर को पांच भाषाओं-कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मलयालम व हिन्दी में रिलीज़ होगी। ज़ाहिर है कि अब मना करने का सवाल ही नहीं था।
तीन घंटे लंबी उड़ान के बाद बैंगलौर के कैम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जिस चीज़ ने सबसे ज़्यादा हैरान किया, वह थी प्रोडक्शन की तरफ ‘हिन्दी प्रैस’ की तख्ती लिए खड़ा एक युवक। हम हिन्दी वालों का इस तरह स्वागत तो कभी हिन्दी फिल्म वालों ने भी नहीं किया। बैंगलौर के पांच सितारा होटल ग्रांड शेरेटन में पहुंचे तो मालूम हुआ कि न सिर्फ दिल्ली से बल्कि मुंबई, चैन्नई, तिरुअनंतपुरम व हैदराबाद से भी अलग-अलग भाषाओं के पत्रकारों को यहां बुलाया गया है।
उसी शाम होटल के करीब स्थित ओरियन मॉल के पी.वी.आर. थिएटर में ट्रेलर लांच का प्रोग्राम था। दक्षिण भारत में थिएटरों की बेहतर स्थिति का एक नमूना यहां फिर देखने को मिला जब हमने पाया कि इस थिएटर में दो, चार नहीं बल्कि 11 स्क्रीन हैं। थोड़ी ही देर में शुरू हुए एक बेहद शानदार और भव्य कार्यक्रम में खुद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने ये ट्रेलर रिलीज किए। इस दौरान फिल्म के निर्माता, निर्देशक, कलाकारों व यूनिट के अन्य सदस्यों के साथ-साथ वह विजय संकेश्वर भी यहां मौजूद थे जिनके जीवन पर यह बायोपिक बनी है।
यह फिल्म जिन विजय संकेश्वर के जीवन और जीवट पर आधारित है वह भारत की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक कंपनी ‘वी आर एल लॉजिस्टिक्स’ के संस्थापक हैं। ट्रेलर से पता चलता है कि कैसे विजय ने अपने पिता के विरुद्ध जाकर उनकी प्रिंटिंग प्रैस में काम करने की बजाय एक ट्रक से शुरुआत की और ढेरों मुश्किलों के बावजूद हिम्मत न हारते हुए ‘विजयानंद रोडलाइन्स’ की नींव रखी जो कालांतर में ‘वी आर एल लॉजिस्टिक्स’ नाम की एक ऐसी विशाल कंपनी बन गई जिसके पास आज 5500 वाहनों का अतिविशाल बेड़ा है जिसमें ट्रक, बस, टैम्पो आदि के अलावा चार्टर्ड प्लेन भी हैं। यह फिल्म विजय के बचपन से लेकर उनके बड़े होने और ट्रैवल किंग के तौर पर खड़े होने की कहानी दिखाती है।
कर्नाटक के धारवाड़ के गडग में जन्मे विजय संकेश्वर ने जब एक ट्रक से अपनी शुरूआत की और मुश्किलों को पार करते हुए आगे बढ़े तो कई अखबारों के जरिए उनकी छवि घूमिल करने की कोशिशें हुईं। तब उन्होंने अपना खुद का कन्नड़ अखबार ‘विजया कर्नाटका’ शुरू किया जो देखते ही देखते कन्नड़ का सबसे अधिक बिकने वाला अखबार बन गया। 2007 में उन्होंने इसे टाइम्स ग्रुप को बेच दिया और 2012 में एक नया अखबार ‘विजया वाणी’ आरंभ किया जो आज कर्नाटक का नंबर वन कन्नड़ अखबार है। आम जनता में विजय संकेश्वर की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह तीन बार लोकसभा के सांसद भी चुने गए। वर्ष 2020 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
विजय संकेश्वर ने इस लॉन्च के दौरान कहा कि वह नई पीढ़ी को बस एक ही सीख देते हैं कि कभी एक मिनट भी बबार्द मत करो, समय का सदुपयोग करो ताकि समय पलट कर आपको समृद्ध करे। फिल्म की डायरेक्टर रिशिका शर्मा ने मेरे सवाल के जवाब में कहा कि इस किस्म की सफलता की कहानियां हर भाषा के दर्शक को प्रेरित करती हैं। उन्होंने धीरूभाई अंबानी पर आधारित मणिरत्नम वाली ‘गुरु’ और दो साल पहले आई तमिल की उस ‘सूराराई पोट्टरू’ का उदाहरण दिया जो भारत में सस्ती एयरलाइंस शुरू करने वाले जी.आर. गोपीनाथ के जीवन पर आधारित थी। रिशिका ने कहा कि उन्हें इस फिल्म और विजय संकेश्वर की कहानी पर पूरा भरोसा है और इसीलिए इसे पांच भाषाओं व भारत से बाहर अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में भी रिलीज करने का फैसला लिया गया। फिल्म के नायक निहाल राजपूत ने कहा कि जिस तरह से ‘कांतारा’ एक दिव्य हिट थी उसी तरह से ‘विजयानंद’ एक प्रेरक हिट फिल्म साबित होगी।
इस फिल्म के हिन्दी ट्रेलर को देखने के लिए यहां क्लिक करें।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
बहुत ही प्रभावी और प्रेरणादायक 👏👏
धन्यवाद…