-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
माया मैनन निडर, ईमानदार पत्रकार है। एक रात ऑफिस से लौटते हुए एक लड़की उसकी गाड़ी से टकरा कर बुरी तरह घायल हो जाती है। माया उसे तड़पता छोड़ कर निकल लेती है। संयोग से वह लड़की माया के ही घर में काम करने वाली रुखसाना की बेटी है। कुछ पुलिस वाले रुखसाना पर पैसे लेकर समझौता करने का दबाव बनाने लगते हैं। क्या इन्हें माया ने ही भेजा है? अब कहां गई माया की नैतिकता? और क्या रुखसाना को सच पता है?
कहानी अच्छी है और लगातार चलते हुए आपकी उत्सुकता को बनाए रखने का काम भी करती है। फिल्म सफलता से माया और रुखसाना के संसार में झांकने का काम करती है। इस हादसे के बाद इन दोनों की ज़िंदगी में आने वाले बदलावों को भी दिखाती है। यह भी कह जाती है कि जब तक अपने ऊपर नहीं बीतती, तब तक नैतिकता की बातें करना आसान होता है। लेकिन दिक्कत फिल्म की पटकथा और ‘तुम्हारी सुलु’ बना चुके सुरेश त्रिवेणी के निर्देशन के साथ है जिसका सूखापन और रूखापन दर्शक की भूख मिटा पाने में नाकाम रहता है। थोड़ा और थ्रिल, भावनाओं का थोड़ा और उभार, घटनाओं का थोड़ा और प्रवाह इस कहानी को काफी ऊपर ले जा सकता था जो फिलहाल देखने में तो अच्छी लगती है लेकिन चुभती, कचोटती, कोंचती नहीं और दिल में पैठ बनाने में नाकाम रहती है।
यह फिल्म अपने कलाकारों के अभिनय के लिए देखी जा सकती है। विद्या बालन और शेफाली शाह एक-दूसरे के सामने डट कर खड़ी होती हैं। हालांकि कई बार जेहन में शेफाली के निभाए उच्चवर्गीय किरदारों की छवि आती है तो मन भटकता भी है। रोहिणी हट्टंगड़ी इन दोनों से इक्कीस रही हैं। सूर्या कसीभाटला, इकबाल खान, मानव कौल, श्रीकांत यादव समेत अन्य सभी कलाकार अपने किरदारों को जम कर पकड़ते हैं। कैमरागिरी अच्छी है, प्रभावी है।
अमेज़न प्राइम पर आई इस फिल्म का नाम ‘जलसा’ क्यों है, यह पकड़ में नहीं आता। पकड़ में तो और भी कई चीज़ें नहीं आतीं। बस ठीकठाक-सी टाइमपास किस्म की फिल्म है यह। टाइम हो तो पास कर लीजिए, वरना…!
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि फिल्म कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-18 march, 2022
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.
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बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी फिल्मों का यथावश्यक बारीकी और विस्तृत रूप से सफल विश्लेषण और समीक्षा करने में दीपक जी का जवाब नहीं ! 👍
धन्यवाद भाई साहब…