• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फिल्म/वेब रिव्यू

ओल्ड रिव्यू-बंजर ज़मीं पर बनी ‘सनम रे’

Deepak Dua by Deepak Dua
2016/02/12
in फिल्म/वेब रिव्यू
0
ओल्ड रिव्यू-बंजर ज़मीं पर बनी ‘सनम रे’
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

इस फिल्म की निर्देशक दिव्या खोसला कुमार इससे पहले ‘यारियां’ जैसी हिट फिल्म दे चुकी हैं। हालांकि वह फिल्म ताजे चेहरों, अपने खुलेपन (जिसे नंगापन कहा जाए तो बेहतर होगा) और मस्ती भरे संगीत के चलते हिट हुई थी। खैर, अपनी इस दूसरी फिल्म में दिव्या ने संजीदगी दिखाई है। उनका निर्देशन पहले से ज्यादा सधा हुआ है। लेकिन जब कहानी फीकी हो और स्क्रिप्ट कमज़ोर, तो यह सधापन भी क्या कर लेगा। मुमकिन है दिव्या ने इस फिल्म को बनाने में काफी मेहनत की हो लेकिन यह मेहनत उस खेत में फावड़ा चलाने जैसी है जिसमें कंकड़ ही कंकड़ हैं। कहानी उपजाऊ होती तो यह मेहनत ज़्यादा रंग ला सकती थी।

वैसे इस फिल्म में भी अच्छा म्यूज़िक है। शायद पहली बार किसी फिल्म की डायरेक्टर अपनी फिल्म के किसी गाने में बतौर आइटम गर्ल दिखाई दी हैं। (जब प्रोड्यूसर मलाइका अरोड़ा खान अपनी फिल्म ‘दबंग’ में मुन्नी बन कर नाच सकती हैं, तो दिव्या क्यों नहीं?) फिल्म में हसीन चेहरे भी हैं और थोड़ा खुलापन भी। आंखों को लुभाती खूबसूरत लोकेशंस तो खैर हैं ही। अब अगर इतना आपके लिए काफी है तो देख लीजिए इसे। वैसे भी वेलेंटाइन का मौका है, कुछ तो देखना ही है न ‘उनके’ साथ।

अपनी रेटिंग-डेढ़ स्टार

(नोट-इस फिल्म की रिलीज़ के समय मेरा यह रिव्यू किसी अन्य पोर्टल पर छपा था)

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: divya khosla kumarketki davemanoj joshiprachi shahpulkit samratrishi kapoorsanam resanam re reviewurvashi rautelayami gautam
ADVERTISEMENT
Previous Post

ओल्ड रिव्यू-दिल से दूर ‘फितूर’

Next Post

ओल्ड रिव्यू-मिस करने के लिए नहीं बनी ‘नीरजा’

Related Posts

रिव्यू-चैनसुख और नैनसुख देती ‘हाउसफुल 5’
CineYatra

रिव्यू-चैनसुख और नैनसुख देती ‘हाउसफुल 5’

रिव्यू-भव्यता से ठगती है ‘ठग लाइफ’
CineYatra

रिव्यू-भव्यता से ठगती है ‘ठग लाइफ’

रिव्यू-‘स्टोलन’ चैन चुराती है मगर…
CineYatra

रिव्यू-‘स्टोलन’ चैन चुराती है मगर…

रिव्यू-सपनों के घोंसले में ख्वाहिशों की ‘चिड़िया’
CineYatra

रिव्यू-सपनों के घोंसले में ख्वाहिशों की ‘चिड़िया’

रिव्यू-दिल्ली की जुदा सूरत दिखाती ‘दिल्ली डार्क’
फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-दिल्ली की जुदा सूरत दिखाती ‘दिल्ली डार्क’

रिव्यू-लप्पूझन्ना फिल्म है ‘भूल चूक माफ’
फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-लप्पूझन्ना फिल्म है ‘भूल चूक माफ’

Next Post
ओल्ड रिव्यू-मिस करने के लिए नहीं बनी ‘नीरजा’

ओल्ड रिव्यू-मिस करने के लिए नहीं बनी ‘नीरजा'

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment