-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)
‘जब हमारा सचिन तेंदुलकर छक्का मारता था न, तब तुम्हारा प्रधानमंत्री बाउंड्री से बॉल ले के आता था…!’
भारत का एक खुफिया अधिकारी जब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. के एक अफसर से यह कहता है तो न सिर्फ उस अफसर का चेहरा देखने लायक होता है बल्कि इस संवाद से उपजा रोमांच आपके भीतर झुरझुरी पैदा करता है। जियो सिनेमा पर आई इस वेब-सीरिज़ ‘रणनीति-बालाकोट एंड बियांड’ (Ranneeti) में ऐसे एक नहीं, कई पल आते हैं जब आप रोमांचित होते हैं, जब आपकी आंखें नम होती हैं, जब आप की मुट्ठियां भिंचने लगती हैं। यह सीरिज़ ‘रणनीति’ यहां आकर सफल हो जाती है।
वह 14 फरवरी, 2019 की तारीख थी जब कश्मीर में सी.आर.पी.एफ. के काफिले की एक बस को एक आतंकवादी ने अपनी कार से टक्कर मार कर बम-विस्फोट किया था। 40 जवान शहीद हुए थे उस दिन। उसके बाद पाकिस्तानी कब्ज़े वाले कश्मीर के बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयर-स्ट्राइक की थी। इसके बाद पाकिस्तान वालों ने हिमाकत की तो उनका पीछा करते हुए अपने फाइटर पायलट अभिनंदन वर्धमान वहां फंस गए थे। लेकिन भारत के दबाव के चलते पाकिस्तान को जल्द ही उन्हें सम्मान सहित रिहा करना पड़ा था। यह वेब-सीरिज़ ‘रणनीति’ (Ranneeti) उसी बालाकोट स्ट्राइक और उसके आगे-पीछे की कहानी दिखाती है-कुछ हकीकत, कुछ फसाने के अंदाज़ में।
ऐसी कहानियों को सामने लाने का सीधा मकसद अपने देश और अपने देश के नायकों का कद ऊंचा उठाना तो होता ही है, लोगों को यह बताना भी होता है कि अपने घरों में जो तुम महफूज़ बैठे हो, इसके लिए कितने लोग कहां-कहां जूझ रहे हैं। यह सीरिज़ ‘रणनीति’ (Ranneeti) दिखाती है कि नायक सिर्फ वे ही नहीं होते जो सरहद पर दुश्मन का सामना करते हैं, बल्कि दुश्मन देश में उन्हीं के बीच छुप कर खबरें भेजने वाले, उन खबरों को सुन कर उन पर एक्शन लेने वाले खुफिया एजेंट, उन्हें प्रोत्साहित करने वाले राजनेता और अफसर भी हीरो ही होते हैं। एक बड़ी और अलग चीज़ इस सीरिज़ में यह भी दिखाई गई कि अब ऐसी लड़ाइयों में मीडिया और खासतौर से सोशल मीडिया की भी बड़ी भूमिका होती है और इन्हें मैनेज करने के लिए बड़े विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाती हैं।
कुछ सच्ची घटनाओं के इर्दगिर्द कल्पनाओं का जाल बुन कर नौ एपिसोड में सामने आई यह सीरिज़ ‘रणनीति’ (Ranneeti) अच्छा-खासा रोमांच पैदा करती है। 35-40 मिनट के ये एपिसोड कमोबेश कसे हुए लगते हैं। हालांकि कुछ एक जगह सीन लंबे हुए हैं और गैरज़रूरी भी लगे हैं। संवाद कई जगह बेहतर हैं तो कहीं बिल्कुल ही साधारण। कुछ किरदार बहुत उम्दा गढ़े गए तो कुछ को बिल्कुल ही कमज़ोर छोड़ दिया गया। संतोष सिंह का निर्देशन सधा हुआ रहा। लड़ाकू जहाजों के एक्शन सीक्वेंस बेहद रोमांचित कर गए। और हां, इस सीरिज़ में दिखाए गए एयरफोर्स पायलट ‘बॉलीवुड’ के हवा-हवाई ‘फाईटर’ की तरह मनमानियां नहीं करते हैं, वे अपने सीनियर्स के आदेश मानते हैं और जैंटलमैन की तरह पेश आते हैं।
(रिव्यू : हवाई-वीरों की हवा-हवाई कहानी ‘फाईटर’)
जिम्मी शेरगिल ने अपने किरदार को भरपूर साधा है। लारा दत्ता चमक बिखेरती हैं। लेकिन मज़ा तो आया आशुतोष राणा और आशीष विद्यार्थी को देख कर। क्या खूब काम किया है दोनों ने। प्रसन्ना, मीर सरवर, अनिल जॉर्ज, आकांक्षा सिंह, सुनील सिन्हा, सत्यजित दुबे जैसे बाकी कलाकार भी बढ़िया काम कर गए।
कहीं-कहीं फिल्मी होती वेब-सीरिज़ ‘रणनीति’ (Ranneeti) रोमांच पसंद करने वाले दर्शक देखना चाहेंगे। बाकी लोगों को भी इसे देख लेना चाहिए। यह निराश नहीं करेगी।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-25 April, 2024 on Jio Cinema
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
Shukr h ab to Film jagat me kuch accha dekhne ko milega
Or apka review to hamesha hi gazab 👏👏👏
धन्यवाद
जबरदस्त…..
एक बार तो वेब सीरीज़ कप देखना बनता ही है….
डिटेल्ड रिव्यु…. गागर में सागर…
धन्यवाद