-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
मुंबई शहर। दो जोड़ों ने कोर्ट में शादी के लिए आवेदन किया। एक जवान जोड़ा पीयूष और निवेदिता। दूसरा अधेड़ उम्र का जोड़ा योगेश और निवेदिता। लेकिन जब दोनों के मैरिज सर्टिफिकेट बन कर आए तो उन पर जवान निवेदिता का पति हो गया अधेड़ योगेश और अधेड़ निवेदिता का पति बन गया जवान पीयूष। अब ये दोनों जोड़े करें तो क्या करें? कोर्ट जाएं, केस लड़ें, तलाक लेकर फिर से सही शख्स से शादी करें या फिर चलने दें ज़िंदगी, जैसी चल रही है…!
कहिए है न दिलचस्प प्लॉट। लेकिन हर दिलचस्प प्लॉट पर उतनी ही दिलचस्प कहानी और फिल्म की इमारत खड़ी हो जाती तो हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में थोक के भाव से क्लासिक और कमाल फिल्में बना करतीं। इस फिल्म के साथ दिक्कत लेखन के स्तर पर ज़्यादा है। इसे दरअसल या तो होना था ब्लैक कॉमेडी जिसमें सिस्टम के ऊपर व्यंग्य किए जाते। या फिर इसे बनाया जाना था इमोशनल रोमांटिक फिल्म जिसमें दिखता कि उम्र के लंबे फासले भी मोहब्बत के आड़े नहीं आते। लेकिन इसे बना दिया गया चलताऊ कॉमेडी जिसमें न तो कहीं हंसी आती है और न ही इन चारों के रिश्तों के प्रति हमारी संवेदनाएं जगती हैं।
कहानी का फैलाव तो कमज़ोर है ही, प्रशांत जौहरी का निर्देशन भी साधारण है। फिल्म में कसावट की काफी कमी है और गीत-संगीत की गैरमौजूदगी इसे नीरस बनाती है। चरित्र भी हल्के गढ़े गए। हीरोइन को दिमाग से पैदल दिखाना ज़रूरी था क्या? विजय राज़ ने हालांकि सधा हुआ अभिनय किया। सुचित्रा कृष्णमूर्ति को देखना सुहाता है। दिव्येंदु शर्मा साधारण रहे और प्रणति राय प्रकाश बहुत खराब। मनोज पाहवा को मसखरा दिखा कर फिल्म का नुकसान ही किया गया। सहर्ष कुमार शुक्ला जंचे और चिराग सिंगला व सुमित गुलाटी बहुत बेकार लगे। कुल मिला कर उम्दा बन सकने वाले एक विषय पर बहुत ही हल्की बन कर रह गई अमेज़न प्राइम पर आई यह फिल्म।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि फिल्म कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-02 August, 2022 on Amazon Prime
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)