-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)
माइकल को कूड़े के ढेर में मिला था मुन्ना। मुन्ना डांस और एक्शन में माहिर है। वह झगड़ा नहीं करता, सिर्फ पीटता है। दिल्ली के दबंग महेंदर को डांस सिखाते, उसकी जान बचाते और उसके लिए डॉली को पटाते वह खुद डॉली से प्यार कर बैठता है। जाहिर है अब महेंदर उसे छोड़ेगा नहीं और मुन्ना चूंकि हीरो है तो हार मानेगा नहीं।
कह सकते हैं कि अस्सी के दशक की इस घिसी-पिटी कहानी में नया तो कुछ भी नहीं है। पूछ सकते हैं कि फिर इस इस फिल्म ‘मुन्ना माइकल’ में क्या खास परोसा है डायरेक्टर ने? तो जवाब है-कुछ भी नहीं। जी हां, न तो इसकी कहानी, न स्क्रिप्ट और न ही डायरेक्शन में नयापन है। और यह फिल्म ऐसा कुछ होने का दावा या दिखावा करती भी नहीं है। यह सीधे-सीधे आपको पुरानी मसाला फिल्मों के दौर के घिसे-पिटे फॉर्मूले परोसती है और यही इसकी खासियत भी है कि इसमें कुछ भी खास न होने के बावजूद यह मनोरंजन की खुराक कम नहीं होने देती। हां, दिमाग लगाने वाले, नयापन तलाशने वाले, किसी मैसेज-तालीम की उम्मीद रखने वाले, खुद को बुद्धिजीवी दर्शा कर फिल्म में मीनमेख निकालने वाले तो उस थिएटर के सामने से भी न गुजरें जहां यह फिल्म लगी हो। सच तो यह है कि यह उन दर्शकों, थिएटरों की फिल्म है जहां हीरो की एंट्री पर, उसके एक-एक घूंसे पर, हीरोइन के एक-एक ठुमके पर सीटियां पड़ती है।
अब तक की अपनी तीनों फिल्मों-‘कमबख्त इश्क’, ‘हीरोपंती’ और ‘बागी’ में निर्देशक सब्बीर खान ने साऊथ की फिल्मों की नकल की। इस बार उन्होंने गोविंदा, मिथुन चक्रवर्ती के दौर की फिल्मों पर हाथ साफ किया है। सलीकेदार फिल्मों की बजाय मसालों का घोल बनाना उन्हें पसंद है और इस फिल्म में भी वह आम दर्शकों को वह घोल आसानी से पिला देते हैं। टाईगर श्रॉफ लगातार ऐसे ही रोल करते आ रहे हैं। भाई, अब तो कुछ नया देना शुरू कर दो। निधि अग्रवाल के पास खूबसूरत चेहरा और दिलकश फिगर है। फिलहाल इसी से काम चलाइए और आंखों को राहत पहुंचाइए। नवाजुद्दीन सिद्दिकी और पंकज त्रिपाठी जैसे समर्थ अभिनेताओं को ऐसे रोल में देखना अजीब भले लगे लेकिन अगर ये लोग ऐसे एक्सपेरिमैंट नहीं करेंगे तो एक दायरे में बंध जाएंगे और वह इनके लिए ज्यादा खतरनाक होगा। एक्शन, गाने, डांस, सब अपनी-अपनी जगह फिट हैं। बिना कोई सवाल उठाए इसे देखेंगे तो मजा लूटेंगे। सवाल उठाए बिना न रह पाएं तो घर बैठें, बेहतर होगा।
अपनी रेटिंग-ढाई स्टार
Release Date-21 July, 2017
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.
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