• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-जस्ट एक हाउसवाइफ नहीं है ‘मिसेज़ अंडरकवर’

Deepak Dua by Deepak Dua
2023/04/14
in फिल्म/वेब रिव्यू
8
रिव्यू-जस्ट एक हाउसवाइफ नहीं है ‘मिसेज़ अंडरकवर’
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

कोलकाता शहर में कत्ल हो रहे हैं। उन औरतों के कत्ल जो स्ट्रॉन्ग हैं, आत्मनिर्भर हैं, महिला सशक्तिकरण में यकीन रखती हैं। है कोई सिरफिरा ‘कॉमन मैन’ जो इन्हें मार रहा है। उसने स्पेशल फोर्स के एजेंट्स को भी मार डाला है। चीफ चाहते हैं कि कॉमन मैन तक पहुंचने का मिशन दुर्गा पूरा करे। लेकिन कैसे? पिछले 14 साल से उसने कोई मिशन किया ही नहीं। वह तो जस्ट एक हाउसवाइफ है जिसे अपने घर, बच्चे, पति आदि को संभालने की ऐसी आदत पड़ चुकी है कि इनसे हट कर कुछ और करने की न उसे फुर्सत है, न मन और न ही इजाज़त। क्या दुर्गा इस मिशन को करने के लिए राज़ी होती है? कैसे? क्या वह इसे पूरा कर पाती है? कैसे?

अपने हावभाव से एक स्पाई थ्रिलर लगने वाली ज़ी-5 पर आई यह फिल्म असल में महिलाओं के आगे बढ़ने की सोच और राह में आने वाली उन रुकावटों पर बात करती है जो उनके परिवार में, आसपास, समाज में और कहीं न कहीं खुद उनके भीतर घर कर चुकी हैं। फिल्म बताती है कि दूसरों को जीतने से पहले औरतों को खुद पर जीत हासिल करनी होगी। फिल्म यह भी दिखाती है कि ‘जस्ट एक हाउसवाइफ’ भी किसी से कम नहीं होती और अगर उसकी राह में रोड़े न अटकाए जाएं तो वह कुछ भी कर सकती है… कुछ भी।

ओ.टी.टी. ने थोड़े अलग मिज़ाज वाले विषयों को मंच देने का जो काम शुरू किया है, उसके लिए इसकी सराहना तो बनती है। यह फिल्म भी बड़े पर्दे पर दर्शकों की भीड़ इक्ट्ठा करने की बजाय छोटी स्क्रीन पर आंखें गड़वाने का दम रखती है। हां, यह ज़रूर है कि अनुश्री मेहता और अबीर सेनगुप्ता की लिखाई थोड़ी हल्की है जो कई सवालों के जवाब नहीं दे पाती। स्पाई थ्रिलर के तौर पर देखें तो बहुत जगह यह झूलती नज़र आती है। लेकिन यह फिल्म असल में विद्या बालन की ‘कहानी’ जैसी न होकर अपनी जगह खुद बनाती है और ‘कॉमन मैन’ जैसे सनकी कातिल और दुर्गा जैसी आम गृहिणी की कहानी के बहाने से हमारे समाज में औरतों के बारे में बन चुकी धारणाओं पर प्रहार करती है। संवाद कई जगह बहुत अच्छे हैं।

राधिका आप्टे अपनी अदाकारी से हमेशा की तरह प्रभावित करती हैं लेकिन उनके लहज़े में मराठीपन झलकता रहता है। राजेश शर्मा अपने चुटीले अंदाज़ से असर छोड़ते हैं। सुमित व्यास प्रभावी रहे। शाहेब चट्टोपाध्याय, लाबोनी सरकार, रोशनी भट्टाचार्य जैसे अन्य कलाकार भरपूर साथ देते हैं। गीत-संगीत जैसा भी है, ठीक है।

अनुश्री मेहता बतौर डायरेक्टर अपनी इस पहली फिल्म में थोड़ी सुस्त रहने के बावजूद उम्मीदें जगाती हैं। बस उन्हें मुख्य ट्रैक से उतरने से बचना होगा। थोड़ा और सध कर, कस कर, जम कर वह स्क्रिप्ट को पकड़तीं तो यह फिल्म और बेहतर हो सकती थी।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-14 April, 2023 on ZEE5.

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: abir senguptaanushree mehtalaboni sarkarmrs undercovermrs undercover reviewradhika apterajesh sharmasumeet vyas
ADVERTISEMENT
Previous Post

रिव्यू-पैनेपन की कमी से हुई ‘गुमराह’

Next Post

रिव्यू-इस कचरे से तो खाद भी न बने ‘भाई जान’

Related Posts

रिव्यू-ज़िंदगी की कड़वाहट से महकती ‘कस्तूरी’
CineYatra

रिव्यू-ज़िंदगी की कड़वाहट से महकती ‘कस्तूरी’

रिव्यू-कड़कपन की कमी है ‘कड़क सिंह’ में
CineYatra

रिव्यू-कड़कपन की कमी है ‘कड़क सिंह’ में

रिव्यू-बहस में पड़ने से बचती ‘जोरम’
CineYatra

रिव्यू-बहस में पड़ने से बचती ‘जोरम’

रिव्यू : ‘एनिमल’-जायज़ या नाजायज़…?
CineYatra

रिव्यू : ‘एनिमल’-जायज़ या नाजायज़…?

रिव्यू-माथे का तिलक है ‘सैम बहादुर’
CineYatra

रिव्यू-माथे का तिलक है ‘सैम बहादुर’

वेब-रिव्यू : उखड़ती सांसों को थामते ‘द रेलवे मैन’
फिल्म/वेब रिव्यू

वेब-रिव्यू : उखड़ती सांसों को थामते ‘द रेलवे मैन’

Next Post
रिव्यू-इस कचरे से तो खाद भी न बने ‘भाई जान’

रिव्यू-इस कचरे से तो खाद भी न बने ‘भाई जान’

Comments 8

  1. NAFEESH AHMED says:
    8 months ago

    रिव्यु का शीर्षक जबरदस्त दिया है। कहानी बेहतरीन बाकी बलिवुड के खोये एक काबिल एजेंट की तरह बस मेल की जगह फीमेल करैक्टर फिट किया गया है।
    महिला शाशक्तिकरण के लिए यह फ़िल्म एक बेहतरीन एक्साम्प्ल है।
    रेटिंग :-
    फ़िल्म **** केटेगरी की है।

    Reply
    • CineYatra says:
      8 months ago

      धन्यवाद…

      Reply
  2. Dr. Renu Goel says:
    8 months ago

    Inspiring movie lg rhi h
    Society me positive message convey krti h
    Apka review 👏👏👏👏

    Reply
    • CineYatra says:
      8 months ago

      धन्यवाद

      Reply
  3. Nirmal Kumar says:
    8 months ago

    अब तो देखनी पड़ेगी पा ‘ जी। आपकी समीक्षा का ही तो इंतजार रहता है 😍

    Reply
  4. दिलीप कुमार says:
    8 months ago

    जरूर देखेंगे

    Reply
  5. Rishabh Sharma says:
    8 months ago

    अगर नजर दौड़ाई जाए तो एन दिनों सबसे ज्यादा अच्छी कहानियां जी -5 पर ही है! थ्रिलर और रोमांच से भरपूर कहानियों का अपना एक अलग ही आनंद है! महिला सशक्तिकरण के नाम पर इस तरह की ओर भी फिल्मे देखने को मिली है ये उनसे हट कर बिल्कुल भी नही है!! दीपक भैय्या इतना बारिकी से रिव्यू करते हैं की उनकी लिखी हर एक लाइन बहुत कुछ कह जाती है ! राधिका आप्टे कभी निराश नहीं करती उनका मराठी लहजा उनके किरदारों को तल्खी देता है! बाकी… धन्यवाद एक बेहतरीन समीक्षा के लिए

    Reply
    • CineYatra says:
      8 months ago

      धन्यवाद

      Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment