-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
पोर्न आनंद न देता तो पूरी दुनिया में करोड़ों लोग इसके दीवाने न होते। सैक्स-कॉमेडी मज़ा न देती तो पिछले हफ्ते आई ‘क्या कूल हैं हम 3’ ने करोड़ों का बिजनेस न किया होता। पर सवाल उठता है कि जब आप इन्हें फिल्म की शक्ल में लाते हैं तो आपका मकसद क्या है? क्या आप एक कहानी के साथ-साथ कोई आनंददायक रस परोस रहे हैं या फिर आपका मकसद किसी भी तरह की गंदगी परोस कर दर्शकों को आनंदित करना भर है?
‘क्या कूल हैं हम 3’ और अब ‘मस्तीज़ादे’, दोनों ही फिल्में इस बात पर एक-दूसरे से भिड़ सकती हैं कि दोनों में से ज़्यादा कचरा किसने परोसा। हां, यहां सनी लियोन है और वह भी डबल रोल में, तो नैन-सुख की मात्रा यहां ज़्यादा है। अगर कचरा देख कर आप भी आनंदित होना चाहें तो देख डालिए इसे।
अपनी रेटिंग-डेढ़ स्टार
(नोट-इस फिल्म की रिलीज़ के समय मेरा यह रिव्यू किसी अन्य पोर्टल पर छपा था)
Release Date-29 January, 2016
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)