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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-पुरुष अवश्य देखें ‘इंडियाज़ सन्स’ को

Deepak Dua by Deepak Dua
2024/05/26
in फिल्म/वेब रिव्यू
1
रिव्यू-पुरुष अवश्य देखें ‘इंडियाज़ सन्स’ को
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-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)

करण ओबरॉय नाम के अभिनेता याद हैं आपको? वही करण जिन्होंने ‘स्वाभिमान’, ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’, ‘दिशाएं’, ‘साया’, ‘आहट’ जैसे कई टी.वी. धारावाहिकों में काम किया, ‘ए बैंड ऑफ बॉयज़’ बना कर कई सारे गाने गाए और अचानक एक दिन एक महिला ने उन पर रेप का आरोप लगा कर उन्हें जेल भिजवा दिया।

ऐसे और भी बहुत सारे केस और किस्से अक्सर सामने आते रहते हैं जिसमें किसी महिला ने किसी पुरुष पर बलात्कार का आरोप लगाया और पुलिस ने उस आदमी को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल 2012 के निर्भया कांड के बाद कानून में आए बदलाव के मुताबिक यदि कोई महिला पुलिस के सामने जाकर सिर्फ यह बयान भर दे दे कि किसी आदमी ने उसका यौन-शोषण किया है तो उसे साबित करने की ज़िम्मेदारी उस महिला की नहीं होगी बल्कि उस आदमी को यह साबित करना होगा कि वह बेकसूर है। अक्सर ऐसे आरोप बाद में झूठे साबित होते हैं लेकिन तब तक उस आदमी का कैरियर, इज़्ज़त, समय, पैसा और ज़िंदगी अक्सर बर्बाद हो चुके होते हैं। इनमें से कई लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। जियो सिनेमा पर आई डॉक्यूमैंट्री ‘इंडियाज़ सन्स’ ऐसे ही कुछ केसों और इस कानून के दुरुपयोग की पड़ताल करती है।

पत्रकार, फिल्मकार व सोशल एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज इससे पहले दहेज कानून की धारा 498-ए के दुरुपयोग पर ‘मारटियर्स ऑफ मैरिज’ नाम से एक चर्चित डॉक्यूमैंट्री बना चुकी हैं। अक्सर वह विभिन्न मंचों से उन कानूनों के बारे में बात भी करती हैं जिनके ज़रिए बेकसूर पुरुषों को फंसाया जा सकता है। प्रोड्यूसर शोनी कपूर की बनाई इस डॉक्यूमैंट्री ‘इंडियाज़ सन्स’ में दीपिका और उनके साथी निर्देशक नीरज कुमार ऐसे कई केसों पर बात करते हैं जिनमें पुरुषों को बेकसूर होने के बावजूद फंसा दिया गया। अपनी इस कवायद में वह उन पुरुषों के अतिरिक्त कानून के जानकारों और अन्य लोगों से भी मिलती हैं। दीपिका और नीरज की इस डॉक्यूमैंट्री पर की गई मेहनत साफतौर पर दिखाई देती है जिसकी तारीफ की जानी चाहिए।

हाल के बरसों में इस कानून के गलत इस्तेमाल को लेकर अदालतें भी सतर्क हुई हैं और ऐसे बहुत सारे झूठे केसों में केस करने वाली महिला पर जुर्माना आदि भी लगा है लेकिन इस किस्म के कानूनों का दुरुपयोग अभी भी हो रहा है। इस डॉक्यूमैंट्री को देख कर दहशत होती है और लगता है कि कोई व्यवस्था होनी चाहिए जो समय रहते ऐसे कानूनों के गलत इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा सके।

ओ.टी.टी. के आने से डॉक्यूमैंट्री फिल्मों को भी अब विस्तार मिलने लगा है। 2022 में बनी यह 90 मिनट की उम्दा डॉक्यूमैंट्री जियो सिनेमा ने रिलीज़ की है जिसे इस लिंक पर क्लिक कर के मुफ्त में देखा जा सकता है।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-24 May, 2024 on Jio Cinema

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए सिनेमा व पर्यटन पर नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: deepika narayan bhardwajdocumentarydocumentary reviewIndia's sonsIndia's sons documentary reviewIndia's sons reviewjio cinemakaran oberoineeraj kumarpooja bedirapeshonee kapoor
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Comments 1

  1. NAFEES AHMED says:
    1 year ago

    Subject achcha hai…. Zaruri nahi ki agar Purush hai to Wo Hee Balakatkaari hai ya hoga… Mahila bhi to ek Balatkaari ho saktihai…

    Leak se hatkar …leking Jabardast series….

    Reply

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