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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-मनोरंजन का कसा हुआ जाल बिछाती ‘दृश्यम 2’

Deepak Dua by Deepak Dua
2022/11/18
in फिल्म/वेब रिव्यू
9
रिव्यू-मनोरंजन का कसा हुआ जाल बिछाती ‘दृश्यम 2’
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-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)

2015 में आई ‘दृश्यम’

दृश्यम का शाब्दिक अर्थ है-जो दिखाई देता है। मगर क्या हर वह चीज़ सच होती है जो दिखाई दे? 2015 में आई ‘दृश्यम’ में हमने देखा था कि पुलिस अफसर मीरा देशमुख का बिगड़ैल बेटा सैम विजय सलगांवकर के घर में मारा जाता है। अपने परिवार को बचाने के लिए विजय सारी कोशिशें करता है, कानून तक की नहीं मानता और उसकी लाश को ऐसी जगह छुपाता है जहां उसे कोई ढूंढने की सोच भी न सके। पर क्या ऐसा करते हुए उसे किसी ने नहीं देखा था?

उस हादसे को सात साल बीत चुके हैं। सलगांवकर परिवार आगे बढ़ चुका है। फिल्मों का दीवाना विजय अपने पुराने केबल-कारोबार के अलावा अब एक सिनेमाघर का भी मालिक है और एक फिल्म बनाने की कोशिशों में भी जुटा हुआ है। लेकिन मीरा अपने बेटे की मौत को नहीं भुला पाई है। वह आज भी विजय को फांसने की जुगत में है। गोआ का नया आई.जी. भी उसका साथ दे रहा है। अचानक पुलिस के हाथ कुछ सबूत लगते हैं और…! तो क्या सैम की लाश मिल गई? तो क्या विजय अब फंस गया? क्या उसने अपना गुनाह कबूल लिया? सात साल से अपने परिवार को बचा रहा विजय क्या अब सब कुछ खो देगा?

यह सही मायने में एक सीक्वेल फिल्म है जिसकी कहानी में सात साल का फासला है और पर्दे पर इसके रिलीज़ होने में भी। इसके सभी कलाकारों की उम्र पर भी सात साल बीतने का असर दिखता है। कहानी के मोड़, पुलिस और विजय के दाव-पेंच न सिर्फ लुभावने हैं बल्कि बेहद असरदार भी हैं। इतने असरदार कि इंटरवल के बाद आप कई जगह अच्छे-खासे रोमांचित होते हैं और फिल्म खत्म होने पर तालियां बजाने का मन करता है। इस कहानी की एक बड़ी खासियत यह भी है कि दर्शक जानते हैं कि विजय और उसके परिवार से एक अपराध (कत्ल) हुआ है और वे जान-बूझ कर उसे छुपा भी रहे हैं लेकिन दर्शक की सहानुभूति फिर भी उन्हीं के साथ रहती है। अपने परिवार को बचाने की एक आम इंसान की यही भावना इस फिल्म को एक थ्रिलर फिल्म से एक पारिवारिक फिल्म में तब्दील करती है। मूल मलयालम में इसे लिखने वाले जीतू जोसफ की कलम को सलाम। हिन्दी में इसे ढालने वाले लेखकों को भी सलाम जिन्होंने कहीं भी कुछ अखरने नहीं दिया है बल्कि लॉकडाउन के ज़िक्र से कहानी को प्रासंगिक बनाए रखा है। संवाद मारक हैं और मज़ा देते हैं।

पिछली वाली ’दृश्यम’ के काबिल निर्देशक निशिकांत कामत तो अब रहे नहीं लेकिन अभिषेक पाठक ने उनकी कमी महसूस नहीं होने दी है। हालांकि मूल मलयालम का रीमेक होने के चलते उनका काम काफी आसान रहा होगा लेकिन कलाकारों से उम्दा काम लेने और दृश्य संयोजन में उन्होंने दम दिखाया है। इंटरवल तक फिल्म की रफ्तार ज़रा धीमी है जिसे मांजा जा सकता था। दो-एक जगह स्क्रिप्ट भी हल्की-सी डगमगाई है। गीत-संगीत की ज़रूरत नहीं थी, सो जो हैं, ठीक हैं। हां, बैकग्राउंड म्यूज़िक दमदार है और दृश्यों के असर को चरम पर ले जाता है।

कलाकारों का अभिनय इस फिल्म का सबसे शानदार और सशक्त पहलू है। अजय देवगन, श्रिया सरण, इशिता दत्ता, मृणाल जाधव, तब्बू, रजत कपूर, अक्षय खन्ना, सौरभ शुक्ला, कमलेश सावंत समेत तमाम कलाकारों ने अपने किरदारों को अंदर तक छुआ है।

यह फिल्म मनोरंजन का जाल बिछाती है, मगर हौले-हौले। लेकिन एक बार जब यह जाल बिछ जाता है तो दर्शक उसमें फंस कर आनंद महसूस करता है। दर्शकों को मिला यही आनंद ही इस फिल्म को सफल बनाता है, सिनेमा को सफल बनाता है।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि फिल्म कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-18 November, 2022 in theaters.

(अपील-सिनेमाघरों में फिल्म देखते समय अपने मोबाइल की आवाज़ या रोशनी से दूसरों को डिस्टर्ब न करें।)

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

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Comments 9

  1. Rakesh Om says:
    2 years ago

    वाह! मैं भी इस जाल में जाकर फसूंगा भाईसाब 💖

    Reply
    • CineYatra says:
      2 years ago

      मज़ा आएगा…

      Reply
  2. Dr. Renu Goel says:
    2 years ago

    मेरा भी मन कर रहा है तालिया बजाने का
    👏👏👏

    Reply
    • CineYatra says:
      2 years ago

      धन्यवाद

      Reply
  3. पवन शर्मा says:
    2 years ago

    दीपक जी, अपनी धारदार व पैनी लेखनी तथा फिल्मी ज्ञान के कौशल से आप अपने हर रिव्यु में जान डाल देते हैं ! ***** 👌

    Reply
    • CineYatra says:
      2 years ago

      धन्यवाद

      Reply
  4. B S BHARDWAJ says:
    2 years ago

    अब तो देखना ही पड़ेगा, शानदार समीक्षा दीपक जी 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻

    Reply
    • CineYatra says:
      2 years ago

      धन्यवाद

      Reply
  5. Dilip Kumar says:
    2 years ago

    अक्षय ,तब्बू और अजय देवगन ,कमाल ही होगा

    Reply

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