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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-कम बजट में छोटा ‘धमाका’

Deepak Dua by Deepak Dua
2021/11/21
in फिल्म/वेब रिव्यू
5
रिव्यू-कम बजट में छोटा ‘धमाका’
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

स्टूडियो में बैठे एंकर को किसी का फोन आता है कि वह बम से सामने वाले पुल को उड़ा देगा। एंकर उसे डांटता है तो वह शख्स पुल उड़ा देता है। उसने एंकर के कान में लगे ईयर-पीस में भी बम लगा रखा है। उसकी एक ही मांग है कि मंत्री जी आकर कुछ साल पहले हुए एक हादसे के लिए माफी मांगें जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी। उधर पुल पर लोगों की जान अटकी है, इधर स्टूडियो में चैनल को अपनी रेटिंग की पड़ी है। मंत्री का कुछ अता-पता नहीं और पुलिस उस शख्स को तलाशने में लगी है।

2013 में आई और कामयाबी व तारीफें पा चुकी कोरियन फिल्म ‘द टेरर लाइव’ से ली गई यह कहानी दिलचस्प है। एक आम आदमी की बेबसी के बरअक्स समाज की उसके प्रति बेरुखी और बेकद्री को दिखाती इस कहानी में टी.वी. के न्यूज़ मीडिया की चालों और चतुराइयों का चित्रण ज़्यादा है। लेकिन पुनीत शर्मा और राम माधवानी स्क्रिप्ट को उतनी रोचक, पैनी और गहरी नहीं बना पाते कि देखने वाला दम साधे देखता रहे। इस तरह की फिल्मों में जिस किस्म का ड्रामा और थ्रिल होना चाहिए वह भी इसमें बहुत कम है। सच तो यह है कि डेढ़ घंटे से भी छोटी होने के बावजूद थोड़े ही वक्त के बाद इसे झेलना भारी पड़ने लगता है।

बतौर निर्देशक राम माधवानी की ‘नीरजा’ उम्दा फिल्म थी। ‘आर्या’ जैसी शानदार वेब-सीरिज़ भी उन्होंने ही बनाई। तो फिर इस फिल्म में उनके काम में कसावट क्यों नहीं दिखती? सिर्फ एक ही कमरे में और लगभग एक ही किस्म के रूखे ट्रैक पर चलती यह फिल्म अगर ‘ए वेडनैसडे’ और ‘मदारी’ जैसी प्रभावशाली नहीं हो पाती तो कसूर राम माधवानी का ही ज़्यादा है जो इसे न तो कागज़ों पर रोचक बना सके और न ही कैमरे से।

फिल्म की एक बड़ी कमज़ोरी हीरो के रूप में कार्तिक आर्यन का होना भी है। अच्छे-भले एक्टर को बस चिल्लाते, खीजते दिखाया गया है। मृणाल ठाकुर तो जैसे मेहमान भूमिकाओं के लिए ही होकर रह गई हैं। विश्वजीन प्रधान, विकास कुमार, सोहम मजूमदार आदि कलाकार अपने किरदारों में सही रहे लेकिन कायदे का काम किया अमृता सुभाष ने।

नेटफ्लिक्स पर आई इस फिल्म को देखते हुए लगता है जैसे निर्देशक को इसके लिए पूरा बजट ही नहीं मिला और जो मिला उसमें वह बस यही बना सके जो चाह कर भी धमाकेदार नहीं बन पाया। उम्दा कहानी लेकर उसे बर्बाद करने से तो बेहतर होता कि इसे न ही बनाया जाता।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि फिल्म कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-19 November, 2021 on Netflix.

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: amruta khanvilkarDhamaka reviewkartik aaryanmrunal thakurNetflixpuneet sharmaram madhvanisoham majumdarvikas kumarvishwajeet pradhan
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Comments 5

  1. Seema Dhawan says:
    3 years ago

    Very authentic

    • CineYatra says:
      3 years ago

      Thanks a lot

  2. Dilip Kumar says:
    3 years ago

    Dhnywad,

  3. Dr. Renu Goel says:
    3 years ago

    Interesting

    • CineYatra says:
      3 years ago

      Thanks…

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