ओल्ड इंटरव्यू : काम की कमी नहीं-दीप्ति भटनागर
-दीपक दुआ... 25 अगस्त, 1998। मुंबई के वर्सोवा में समंदर किनारे हरमेश विला। अपनी पहली मुंबई यात्रा के दौरान...
Deepak Dua is one of the leading Hindi film critics and journalists of country since 1993, based in Delhi. A voyager by nature, he also writes travel based articles and travelogues. Currently he writes on cinema and travel for a number of prestigious Hindi newspapers, magazines, web-portals etc. Besides writing for ‘Cineyatra.com’ and he often appears on Radio, TV channels too as an expert of Hindi films and film journalism. His podcast series on classic Hindi movies called ‘Sunehra Daur with Deepak Dua’ can be listened on the audio platform ‘Storytel’ and ‘Audio Bites’. He also serves many film festivals as a member of jury. He is a member of prestigious ‘Film Critics Guild’. He also delivers lectures on film journalism and the art of reading a film. A chapter written by him is incorporated in the syllabus of Master of Journalism & Mass Communication at Uttarakhand Open University. His review of film ‘Dangal’ is being taught as a chapter in Hindi text books of Class 8 in many schools of country.
e-mail- dua3792@yahoo.com
दीपक दुआ 1993 से फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। दिल्ली में रहते हैं और हिन्दी के लगभग सभी प्रमुख समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में सिनेमा विषयक लेख, समीक्षाएं, साक्षात्कार, रिपोतार्ज लिखते रहे हैं। मिजाज से घुमक्कड़ हैं सो ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ के अलावा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, वेब-पोर्टल, टी.वी. चैनलों, रेडियो आदि के लिए सिनेमा व पर्यटन से जुड़ा लेखन करते हैं। 'फिल्म पत्रकारिता’ पर उनका लिखा एक अध्याय उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाता है। वह अक्सर विभिन्न संस्थानों में फिल्म पत्रकारिता पढ़ाने भी जाते हैं। हिन्दी की क्लासिक फिल्मों के बनने पर ‘स्टोरीटेल’ मोबाइल ऐप के लिए ‘सुनहरा दौर विद् दीपक दुआ’ नाम से एक ऑडियो-शो का लेखन व प्रस्तुतिकरण करते हुए 17 क्लासिक फिल्मों पर एपिसोड बना चुके हैं जो 'ऑडियो बाइट्स' मोबाइल ऐप पर भी उपलब्ध है। देश के विभिन्न प्रतिष्ठित फिल्म-समारोहों से विविध क्षमताओं में जुड़े हुए हैं। फिल्म ‘दंगल’ की उनकी लिखी समीक्षा देश के कई विद्यालयों में कक्षा-8 में एक अध्याय के तौर पर पढ़ाई जाती है। साथ ही वह देश के चुनिंदा फिल्म समीक्षकों की संस्था ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।
संपर्क- dua3792@yahoo.com
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-दीपक दुआ... 28 अगस्त, 1998 की सुबह मैं और विद्युत भाई सबसे पहले गोरेगांव (पूर्व) स्थित स्वाति स्टूडियो में पहुंचे।...
-दीपक दुआ... आज 27 अगस्त, 1998 का दिन हमारे लिए खास था। हम लोग तैयार होकर अपने फ्लैट से पैदल...
-दीपक दुआ... यह 26 अगस्त, 1998-गणेश चतुर्थी वाले दिन की ही बात है। धारावाहिक ‘महायज्ञ’ की शूटिंग देखने और उसके...
-दीपक दुआ... 26 अगस्त, 1998-गणेश चतुर्थी का दिन। इस दिन महाराष्ट्र (और अब तो देश भर में भी) में जगह-जगह,...
-दीपक दुआ... 25 अगस्त, 1998 के उस दिन का प्रोग्राम हम लोग पिछली रात ही तय कर चुके थे। (पिछला...
-दीपक दुआ... मुंबई में हम फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े अपने विभिन्न परिचितों को लगातार फोन कर रहे थे। मकसद यही...
-दीपक दुआ... 23 अगस्त, 1998 रविवार का दिन था जब मौसा जी के कैंप में नाश्ता करने के बाद हम...
-दीपक दुआ... 1993 में फिल्म पत्रकारिता का सफर शुरू करने के बाद दैनिक अखबार ‘जनसत्ता’ से होते हुए मैं 1995...
-दीपक दुआ... 1996 में जुलाई का महीना था। सही-सही बोलूं तो 26 जुलाई 1996 और दिन था शुक्रवार। मासिक फिल्मी...