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Home फिल्म/वेब रिव्यू

वेब-रिव्यू : रोमांच डेढ़ गुना ‘स्पेशल ऑप्स 1.5’ में

Deepak Dua by Deepak Dua
2021/11/12
in फिल्म/वेब रिव्यू
6
वेब-रिव्यू : रोमांच डेढ़ गुना ‘स्पेशल ऑप्स 1.5’ में
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

मार्च, 2020 में रिलीज़ हुई वेब-सीरिज़ ‘स्पेशल ऑप्स’ को अपनी रिलीज़ के फौरन बाद लॉकडाउन लगने का सहारा भी मिला था जब घरों में कैद दर्शकों ने उसे जी भर कर देखा और मन भर कर सराहा था। लेकिन वह सीरिज़ थी भी बहुत शानदार जिसमें दिखाया गया था कि दिसंबर, 2001 में पांच आतंकवादियों ने भारत की संसद पर हमला किया और जवाबी कार्रवाई में मारे गए। लेकिन हमारी खुफिया एजेंसी रॉ के अफसर हिम्मत सिंह की तफ्तीश कहती है कि वहां पर कोई छठा आदमी भी था जो न सिर्फ इनका मददगार था बल्कि इनका लीडर भी था। 18 बरस बीत चुके हैं और हिम्मत सिंह आज भी उस शख्स को तलाश रहा है।

अब डिज़्नी-हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई ‘स्पेशल ऑप्स 1.5-द हिम्मत स्टोरी’ उस वाली सीरिज़ का दूसरा सीज़न नहीं है बल्कि अपने नाम के मुताबिक यह हमें हिम्मत सिंह की कहानी सुनाती है। इसीलिए इसे पहले और दूसरे सीज़न के कहीं बीच में डेढ़ यानी 1.5 वाले मकाम पर रखा गया है। इस वाली सीरिज़ की कहानी बताती है कि 2001 वाले हमले के कुछ महीने बाद हिम्मत कहीं गायब हो गया और करीब साल भर बाद लौटा जिसके बाद वह कुछ दूसरे कामों में बिज़ी होता चला गया। इन कामों में उसकी और उसके साथियों की निजी ज़िंदगियां भी हैं और कुछ रोमांचक मिशन भी।

नीरज पांडेय ने इससे पहले भी अपनी फिल्म ‘बेबी’ के एक किरदार शबाना की बैकस्टोरी ‘नाम शबाना’ में दिखाई थी। यह वाली सीरिज़ भी हमें असल में हिम्मत सिंह की बैकस्टोरी ही दिखाती है मगर कुछ अलग वाले स्टाइल में। पिछली वाली सीरिज़ के आठ एपिसोड्स के नाम ‘कागज़ के फूल’, ‘गाइड’, ‘मुगल-ए-आज़म’, ‘चौदहवीं का चांद’, ‘शोले’ जैसी क्लासिक फिल्मों के नाम पर रखे गए थे जबकि इस बार सिर्फ चार एपिसोड हैं और इनके नाम गुलज़ार की फिल्मों-‘आंधी’, ‘मेरे अपने’, ‘लेकिन’ और ‘इजाज़त’ रखे गए हैं। इस बार भी लेखकों की मेहनत इसकी स्क्रिप्ट में से भर-भर कर झलकती है। हालांकि कहीं-कहीं तार्किक मन सवाल उठाता है लेकिन पटकथा की कसावट और नीरज व शिवम नायर का तेज़ रफ्तार निर्देशन हमें कहीं भी सोचने-संभलने का मौका दिए बगैर बस अपने संग दौड़ाता चला जाता है।

के.के. मैनन हिम्मत सिंह के किरदार के लिए ही जन्मे थे क्या? इतना अद्भुत अभिनय कि मन उनके अलावा किसी और को देखने के लिए करता ही नहीं है। विनय पाठक, गौतमी कपूर और आफताब शिवदासानी भी भरपूर जंचते हैं। काली प्रसाद मुखर्जी, परमीत सेठी और अन्य कलाकार भी पूरा सहयोग देते हैं। इसकी बड़ी खासियत विभिन्न विदेशी लोकेशंस के अलावा कमाल का कैमरा, कसी हुई एडिटिंग और शानदार बैकग्राउंड म्यूज़िक भी है।

पिछली वाली सीरिज़ के रिव्यू में मैंने लिखा था कि रोमांच के ज़रिए मनोरंजन परोसने के जिस मकसद से यह सीरिज़ बनाई गई है, उसमें यह पूरी तरह से कामयाब रहती है। इस बार भी मैं यही कहूंगा कि रोमांच की खुराक पसंद हो तो फौरन लपक लीजिए इस सीरिज़ को जिसे देखने के बाद कुछ अधूरापन भी लगेगा और मन करेगा कि इसका दूसरा सीज़न जल्द आकर उस अधूरेपन को दूर करे।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि सीरिज़ कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-12 November, 2021

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

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Comments 6

  1. Dilip Kumar says:
    4 years ago

    वाह ,जरूर देखेंगे

    Reply
    • CineYatra says:
      4 years ago

      धन्यवाद

      Reply
  2. कमल मुटड़ेजा says:
    4 years ago

    आपकी बात में दम हैं

    Reply
    • CineYatra says:
      4 years ago

      धन्यवाद…

      Reply
  3. Apexa says:
    4 years ago

    Bahot bdhiya Review Sir! Zaroor dekhenge!

    Reply
    • CineYatra says:
      4 years ago

      धन्यवाद अपेक्षा…

      Reply

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