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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू : सांबर-भटूरे, छोले-इडली परोसने आया ‘शहज़ादा’

Deepak Dua by Deepak Dua
2023/02/18
in फिल्म/वेब रिव्यू
2
रिव्यू : सांबर-भटूरे, छोले-इडली परोसने आया ‘शहज़ादा’
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

चलिए सर साऊथ की एक और फिल्म का हिन्दी रीमेक बनाते हैं।

कौन सी? तेलुगू की ‘अला वैकुंठतापुर्र…’ ऐसा ही कोई नाम है।

बड़ा मुश्किल नाम है यार! अरे सर, हिन्दी में ‘शहज़ादा’ रख देंगे।

प्लॉट क्या है? बच्चा बदलने की स्टोरी है सर, गरीब का बच्चा अमीर के घर में, अमीर का गरीब के यहां। बरसों बाद ज़रूरत पड़ी तो काम आया अपना ही खून। कुछ-कुछ राज कपूर वाली ‘धर्म कर्म’ वाला एंगल है।

बढ़िया है, सलमान को लेते हैं। नहीं सर, सल्लू भाई में अब वह एनर्जी नहीं रही, कार्तिक आर्यन को ले लेते हैं। उसमें एनर्जी भी है, स्टाइल भी, नई पीढ़ी पसंद भी करती है उसे। प्रोड्यूसर भी बना देंगे साथ में तो न कहानी पर ध्यान देगा, न फालतू सवाल पूछेगा।

और हीरोइन? वह है न सर एजुकेटेड, टेलेंटिड, डिसिप्लिन्ड, क्यूट, कड़क, टोटा, पटोला, लंबे टांगों वाली कृति सैनन। शो-पीस ही तो रखना है फिल्म में। दो-चार सीन हीरो के साथ, दो-चार गाने, बस हो गया काम।

डायरेक्टर किसे लें? ओरिजनल वाले को ही ले लें? सर जी, कॉपी-पेस्ट ही तो करना है, रोहित धवन को ले लेते हैं। बेचारा ‘ढिशुम’ के बाद से खाली बैठा है, बरसों बीत गए। कहानी का तेलुगू से हिन्दी में ट्रांस्लेशन भी कर लेगा।

अबे, तो हीरो वरुण को क्यों नहीं ले लेते, उसमें भी तो एनर्जी है? ले तो लें सर, लेकिन ‘ढिशुम’ रिव्यू : ‘ढिशुम’-कुत्ते की दुम याद आ जाती है। कार्तिक से साऊथ-इंडियन स्टाइल एक्शन करवाएंगे, बड़ा मज़ा आएगा सर।

लेकिन कहानी में कुछ बदलाव ज़रूर करवा लेना। करवा लेंगे सर और हीरो से एक डायलॉग भी बुलवा देंगे-‘एक्शन के बीच में कहानी मत पूछ।’

तो, आ चुकी है बेसिर-पैर के एक्शन, चलताऊ किस्म की कॉमेडी, औसत कहानी, साधारण स्क्रिप्ट और थक चुके किरदारों वाली फिल्म ‘शहज़ादा’।

तेलुगू को हिन्दी किया है तो हैदराबाद को दिल्ली कर दो। जामा मस्जिद के सामने वाला घर दिखा दो, एक मिनट में गुरुग्राम पहुंचा दो, पांच मिनट में मॉरीशस। कार्तिक स्टाइल वाले लंबे-लंबे तेज़ रफ्तार संवाद डाल दो, घर-परिवार के इमोशंस से भरी कुछ बातें घुसेड़ दो, हर थोड़ी-थोड़ी देर बाद गाने डाल दो ताकि पब्लिक अपना ब्लैडर खाली करती रहे और दिमाग पर ज़ोर न देना पड़े। बीच-बीच में कृति सैनन को दिखाते रहो तो वैसे भी ब्रेनवॉश होता रहेगा और स्क्रिप्ट की गलतियों, किरदारों के ढीले चित्रण पर ध्यान नहीं जाएगा।

अगर इस फिल्म को देखते हुए बार-बार यह लगे कि सचमुच साऊथ की कोई फिल्म है जो बस, हिन्दी में आ गई है तो समझिए कि इसे बनाने वाले अपने मकसद में कामयाब हुए हैं। भई बहुत खा लिया आपने इडली-सांबर और छोले-भटूरे। अब ज़रा इडली-छोले और सांबर-भटूरे का मज़ा भी तो लीजिए।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-17 February, 2023 in theaters

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: kartik aaryankriti sanonmanisha koiralaparesh rawalrajpal yadavrohit dhawanronit roysachin khedekarshehzadashehzada reviewSunny Hinduja
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Comments 2

  1. Rishabh Sharma says:
    1 month ago

    इडली छोले, सांभर भटूरे एक दम सटीक समीक्षा! या यूं कहा जाए की इस रीमेक को सही मायनो में तो दीपक जी ने ट्रांसलेट किया है तो गलत नहीं होगा! ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं! कार्तिक आर्यन भूल भुलैया के बाद इस तरह की फिल्म को करना उनकी इमेज को क्षति पहुंचाता है कीर्ति सेनन को भी इस तरह की फिल्मों से दूर रहना चाहिए मिमी के बाद उनकी भी फैन फॉलोइंग बढ़ी है!

    Reply
  2. Dilip Kumar says:
    4 weeks ago

    गजब धोया है

    Reply

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