• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फिल्म/वेब रिव्यू

ओल्ड रिव्यू-अपनों ने ही मारा ‘सरबजीत’ को

Deepak Dua by Deepak Dua
2016/05/20
in फिल्म/वेब रिव्यू
0
ओल्ड रिव्यू-अपनों ने ही मारा ‘सरबजीत’ को
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

‘सरबजीत’ देखते समय पहला सवाल मन में यह आता है कि इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन को लेने का ख्याल किस का था? और इससे भी बड़ा सवाल यह कि इस ख्याल पर सहमति आखिर बनी कैसे? क्या सिर्फ इसलिए उन्हें लिया गया कि उनके नाम और चेहरे से लोग खिंचे चले आएंगे? उन्हें लेने वाले यह क्यों भूल गए कि दुनिया ऐश्वर्या के सौंदर्य की दीवानी हो सकती है, लेकिन उनकी अभिनय-प्रतिभा के प्रति लोगों की दीवानगी पर अभी रिसर्च होनी बाकी है। सरबजीत की बहन दलबीर के रोल में आपको एक सिद्धहस्त अभिनेत्री लेनी थी न कि एक ऐसी अदाकारा जो अपने तमाम मेकअप और प्रयासों के बावजूद पर्दे पर ऐश्वर्या ही लगीं, दलबीर नहीं।

पाकिस्तानी ज़मीन पर पकड़े गए और बम-विस्फोट के दोषी करार दिए गए पंजाब के किसान सरबजीत को रिहा करवाने की उसकी बहन दलबीर और परिवार के बाकी लोगों की कोशिशों की इस कहानी में दलबीर का पक्ष जिस तरह से उभारा गया है, लगता है जैसे फिल्म उसी के लिए बनाई गई है। सिनेमाई छूटें निर्देशक ओमंग कुमार ने अपनी पिछली फिल्म ‘मैरी कॉम’ में भी ली थीं लेकिन इस बार वह कुछ ज्यादा ही ‘फिल्मी’ हो गए। फिल्म देखते हुए यह भी लगता है कि या तो फिल्म लिखने वालों ने ज्यादा रिसर्च नहीं किया या फिर निर्माताओं की भीड़ से घिरे निर्देशक ने लेखकों के लिखे को दरकिनार कर अपनी मर्जी चलाई। हिन्दी फिल्मों में ऐसा होना कोई अचरज की बात है भी नहीं।

इस फिल्म की बड़ी कमी यह भी है कि इसमें दिखाया गया पंजाब, पंजाबियत की खुशबू नहीं बिखेरता। किरदारों की बोली में वास्तविकता की महक नहीं आती। खासतौर से संगीत पक्ष काफी कमजोर है। पंजाबी फ्लेवर वाले गाने तो बनवाए ही जा सकते थे। फिल्म बार-बार डॉक्यू-ड्रामा बन जाती है। कुछ एक जगह यह ज़रूर भावुक करती है, खासतौर से बरसों बाद सरबजीत और उसके परिवार के मिलन के सीन में। लेकिन कुल मिला कर फिल्म आपको झंझोड़ती नहीं है और यहीं आकर इसे बनाने का मकसद नाकाम हो जाता है।

ऐश्वर्या के चेहरे पर वह दर्द नहीं झलकता जो आपको कचोटे। रणदीप हुड्डा ने बेशक बेहद सधा हुआ और तारीफ के काबिल काम किया है। ऋचा चड्ढा बिन बोले ही चीखती-चिल्लाती ऐश्वर्या पर भारी पड़ जाती हैं। इन दो कलाकारों के लिए ही यह फिल्म देखने लायक बन पाई है।

सच तो यह है कि सरबजीत को भले ही पाकिस्तानियों ने मारा लेकिन उसकी कहानी को यहां इस फिल्म में अपनों ने ही मार डाला है।

अपनी रेटिंग-ढाई स्टार

(नोट-इस फिल्म की रिलीज़ के समय मेरा यह रिव्यू किसी अन्य पोर्टल पर छपा था)

Release Date-20 May, 2016

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: aishwarya ray bachchandarshan kumaromung kumarrandeep hoodaricha chaddasarabjit review
ADVERTISEMENT
Previous Post

ओल्ड रिव्यू-सन्न कर देती है ‘ट्रैफिक’

Next Post

ओल्ड रिव्यू-‘वीरप्पन’ का असली कातिल तो रामू है

Related Posts

रिव्यू-चैनसुख और नैनसुख देती ‘हाउसफुल 5’
CineYatra

रिव्यू-चैनसुख और नैनसुख देती ‘हाउसफुल 5’

रिव्यू-भव्यता से ठगती है ‘ठग लाइफ’
CineYatra

रिव्यू-भव्यता से ठगती है ‘ठग लाइफ’

रिव्यू-‘स्टोलन’ चैन चुराती है मगर…
CineYatra

रिव्यू-‘स्टोलन’ चैन चुराती है मगर…

रिव्यू-सपनों के घोंसले में ख्वाहिशों की ‘चिड़िया’
CineYatra

रिव्यू-सपनों के घोंसले में ख्वाहिशों की ‘चिड़िया’

रिव्यू-दिल्ली की जुदा सूरत दिखाती ‘दिल्ली डार्क’
फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-दिल्ली की जुदा सूरत दिखाती ‘दिल्ली डार्क’

रिव्यू-लप्पूझन्ना फिल्म है ‘भूल चूक माफ’
फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-लप्पूझन्ना फिल्म है ‘भूल चूक माफ’

Next Post
ओल्ड रिव्यू-‘वीरप्पन’ का असली कातिल तो रामू है

ओल्ड रिव्यू-‘वीरप्पन’ का असली कातिल तो रामू है

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment