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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-नदी और सागर का प्यार है ‘वन्स अगेन’

Deepak Dua by Deepak Dua
2018/09/01
in फिल्म/वेब रिव्यू
2
रिव्यू-नदी और सागर का प्यार है ‘वन्स अगेन’
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

एक नदी है। अकेली बहे जाती है। दूसरों को सींचती हुई। एक समंदर है। विशाल, अथाह मगर वीरान, खारा। चाहता है कि नदी आकर उसका साथ निभाए, उसमें ज़रा मिठास घोले। पर नदी हिचकती है। पास आना चाहते हुए भी समंदर में मिलने से डरती है। डरती है कि लोग क्या कहेंगे? या शायद कहीं उसका वजूद न मिट जाए।

जवां उम्र में पति को खोने के बाद अपने बच्चों की खातिर अकेले चलने को अपनी नियति मान बैठी तारा को दिन भर अपने रेस्टोरेंट में खटने के बाद इंतज़ार रहता है तो बस इसी बात का कि अमर का फोन आएगा, उससे बातें होंगी। अमर दुनिया वालों के लिए पॉपुलर फिल्म स्टार है लेकिन भीतर से अकेला है। उसी बेबस समंदर की तरह जो हज़ारों मील तक फैला है लेकिन चाह कर भी बह नहीं सकता। बातें करते-करते ये दोनों मिलते हैं। मिलते हैं तो लोग इनके बारे में बातें करते हैं। लेकिन नदी और सागर का मिलना तो तय होता है न… आज नहीं तो कल।

यह फिल्म देखते हुए शुरू में लगता है कि यह एक और ‘लंचबॉक्स’ होगी। बस, चिट्ठियों की जगह फोन होगा। लेकिन धीरे-धीरे यह एक अलग रास्ते पर चलने लगती है। धीरे-धीरे यह सुरीली लगने लगती है। धीरे-धीरे इसकी खुशबू फैलने लगती है और धीरे-धीरे कब आप इसके आगोश में उनींदे-से हो उठते हैं, पता ही नहीं चलता।

कंवल सेठी की कहानी में परिपक्वता है और उनके निर्देशन में ठहराव। लगता है जैसे उन्हें अपनी बात कहने की कोई जल्दी नहीं है और वह चाहते हैं कि दर्शक खुद तारा और अमर के संग-संग चलते हुए उनके रिश्तों में आ रहे बदलाव को महसूस करे। इसे देखते हुए बासु भट्टाचार्य की उन फिल्मों की याद भी आती है जहां नायक हमेशा अमर होता था और नायिका मानसी।

शेफाली शाह और नीरज कबी को एक साथ एक फ्रेम में देखने से बड़ा सुख और नहीं हो सकता। शेफाली की बड़ी-बड़ी गहरी आंखें, वहीं नीरज की अलसाई-सी आंखें-इन्हें तो संवादों की भी ज़रूरत नहीं। प्रियांशु पैन्यूली, बिदिता बाग, रसिका दुग्गल, भगवान तिवारी जैसे कलाकार भी मन भर जंचते हैं। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक नशा-सा करता है। वहीं कैमरा मुंबई शहर की रातों से इश्क जगाने लगता है।

इस किस्म की कहानियां औरत और मर्द के रिश्तों को एक अलहदा नज़रिए से देखने-बांचने की कोशिश करती हैं। अपने यहां ऐसी फिल्मों के दर्शक होते हुए भी इतने नहीं हैं कि इन्हें एक साथ ढेरों थिएटरों पर रिलीज़ करके टिकट-खिड़की को लूटने की साज़िशें रची जाएं। इस फिल्म के निर्माताओं की समझदारी ही कही जाएगी कि उन्होंने इसे नेटफ्लिक्स के लिए बनाया। जिसे दिलचस्पी हो, देख ले।

अपनी रेटिंग-चार स्टार

Release Date-01 September, 2018

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: bidita bagkanwal sethineeraj kabiNetflixOnce Again reviewpriyanshu painyulirasika dugalsanjay gulatishefali shahवन्स अगेन
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Comments 2

  1. Dr Anita says:
    4 years ago

    Justified review for a Awesome Movie with good direction and extra ordinary actors.

    Reply
    • CineYatra says:
      4 years ago

      बहुत-बहुत धन्यवाद…

      Reply

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