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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-चौंकाती है ‘माई क्लाईंट्स वाइफ’

Deepak Dua by Deepak Dua
2020/07/31
in फिल्म/वेब रिव्यू
0
रिव्यू-चौंकाती है ‘माई क्लाईंट्स वाइफ’
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

छत्तीसगढ़ का रायपुर शहर। हवालात में बंद रघु राम सिंह पर आरोप है कि उसने अपनी बीवी सिंदूरा से मारपीट की। लेकिन उसका कहना है कि सिंदूरा उसे फंसाना चाहती है। उधर सिंदूरा का कहना है कि रघु राम झूठ बोल रहा है। रघु राम का वकील मानस वर्मा कन्फ्यूज़ है कि किसे सच माने। तफ्तीश के दौरान उसे कुछ और संदिग्ध बातें पता चलती हैं। कुछ और संदिग्ध हरकतें होती हैं, कुछ और संदिग्ध लोग सामने आते हैं। और जब अंत में राज़ खुलता है तो…!

यह एक सस्पैंस थ्रिलर है। और किसी सस्पैंस थ्रिलर के लिए यह ज़रूरी है कि उसमें जो सस्पैंस रचा जाए वह ढीला पड़े बिना तब तक बना रहे जब तक कि खुद कहानी उसे न खोल दे। इस मोर्चे पर यह फिल्म पूरी तरह से कामयाब नज़र आती है। आप सोचते रहते हैं कि सामने स्क्रीन पर जो हो रहा है उसके पीछे का सच क्या है? क्या जो नज़र आ रहा है, वही या फिर जो नहीं दिख रहा, वो? बीच-बीच में आप कयास लगाते हैं कि अंत में यह वाला सच सामने आएगा या वो वाला। लेकिन जब आप खुद ही बार-बार अपने कयास बदलने लगें और पाएं कि सच के इस चेहरे के बारे में तो आपने सोचा ही नहीं था, तो यह लेखक की सफलता है

एक थ्रिलर के तौर पर भी यह फिल्म आकर्षित करती है। हर पल कुछ अनहोने, कुछ अनजाने का भय बना रहता है। दर्शक दम साधे पर्दे को ताकता रहे और बीच-बीच में चौंकते हुए अंत में भौंचक्का रह जाए तो यह निर्देशक की सफलता है। लेकिन यह फिल्म सिर्फ सस्पैंस और थ्रिल ही नहीं परोसती, यह पति-पत्नी के आपसी रिश्तों पर भी कमैंट करती है, उन रिश्तों में आ रहे खोखलेपन को भी खंगालती है और जब यह दर्शक को भी इस बारे में सोचने पर मजबूर करे तो यह लेखक और निर्देशक, दोनों की सफलता है।

अपनी लिखी और बनाई तीन शॉर्ट-फिल्मों से करोड़ों दर्शक बटोर चुके प्रभाकर ‘मीना भास्कर’ पंत ने इस फिल्म से फीचर फिल्मों के मैदान में एक मज़बूत कदम रखा है। कहानी कहने की उनकी शैली में रोचकता है और दृश्य गढ़ने के उनके उपक्रम उन्हें बड़े निर्देशकों की कतार में ला खड़ा करते हैं। कहीं-कहीं वे एडिटिंग को थोड़ा और कस पाते तो यकीनन इससे फिल्म का रूप और निखरता। संवादों को भी और पैना किया जा सकता था।

कैमरा इस फिल्म का एक और मज़बूत पक्ष है। इसे देखते समय कहीं-कहीं रामगोपाल वर्मा की ‘कौन’ की याद आती है। और जब पता चलता है कि इसके सिनेमैटोग्राफर वही मज़हर कामरान हैं जिन्होंने रामू की ‘सत्या’ और ‘कौन’ जैसी फिल्मों का कैमरा संभाला था तो हैरानी नहीं होती। इस किस्म की फिल्मों में गाने अच्छे नहीं लगते, यहां भी नहीं हैं। लेकिन एक दृश्य में प्रख्यात पंडवानी गायिका तीजन बाई का आना न सिर्फ रुचता है बल्कि फिल्म के मिज़ाज को भी सपोर्ट करता है।

सिंदूरा बनीं अंजलि पाटिल, रघु राम बने अभिमन्यु सिंह और वकील के रोल में शारिब हाशमी अपने-अपने किरदारों में समाए नज़र आते हैं। गिरीश सहदेव, विशाल ओम प्रकाश, मज़हर सैयद, दीपेश शाह, अनुष्का सिंह, भास्कर तिवारी जैसे अन्य कलाकार भरपूर साथ निभाते हैं। इस फिल्म को ‘शेमारू मी बॉक्स ऑफिस’ पर देखा जा सकता है। यह फिल्म अमेज़न प्राइम पर भी मौजूद है।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि फिल्म कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-31 July, 2020

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: abhimanyu singhamazonamazon primeanjali patilmazhar kamranMy Client's Wife reviewPrabhakar Pantsharib hashmishemaroo me box office
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