-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
छोटे पर्दे पर कॉमेडी की दुनिया के बेताज बादशाह कपिल शर्मा का किसी फिल्म में पहला कदम हो तो ज़ाहिर है आप उस फिल्म से बड़ी-बड़ी उम्मीदें लगाएंगे। पर अगर आपने ऐसा किया तो यह फिल्म (किस किसको प्यार करूं) आपको शर्तिया निराश करने वाली है। हां, अगर आपने इसे एक साधारण कॉमेडी फिल्म के तौर पर देखा तो यह ज़रूर आपको एक अच्छा टाइमपास मनोरंजन परोसेगी।
दो बीवियों या तीन प्रेमिकाओं के बीच फंसे इंसान और ऐसे हालात में उपजी कॉमेडी हम ‘घरवाली बाहरवाली’ या ‘गरम मसाला’ जैसी फिल्मों में देख चुके हैं। इस फिल्म में नया यह है कि हीरो की तीन बीवियां हैं, तीनों एक ही बिल्डिंग में अलग-अलग रहती हैं, वह तीनों बीवियों से प्यार करता है और किसी को भी चीट नहीं कर रहा है। यह अलग बात है कि ये तीनों शादियां उसे मजबूरी में करनी पड़ीं और अब वह अपनी पसंद की लड़की से चौथा ब्याह रचाने जा रहा है। फिल्म का अंत भी बड़ा ‘कूल’ है और शादीशुदा लोग हैरान हो सकते हैं कि यार, यहां एक भारी पड़ जाती है और यह चार-चार संभाल रहा है।
अब्बास-मस्तान थ्रिलर बनाने में माहिर हैं लेकिन कॉमेडी में भी अच्छा हाथ आजमा लेते हैं। इस फिल्म की खासियत है इसकी स्क्रिप्ट जो एक ही ट्रैक पर रहती है और लगातार चलती भी रहती है। कुछ एक जगह गाने आकर ज़रूर खलल डालते हैं। कॉमेडी की खुराक भी बहुत ज़्यादा नहीं है। लेकिन कपिल की एक्टिंग के दूसरे पहलुओं से आप रूबरू होते हैं और कपिल आपको निराश भी नहीं करते हैं। वरुण शर्मा ने ज़बर्दस्त सपोर्ट किया है। कामवाली बाई चंपा के रोल में जॉनी लीवर की बेटी जेमी लीवर खूब जंची हैं। बाकी के कलाकारों-मंजरी फड़णीस, एल्ली अवराम, सिमरन कौर मुंदी, सई लोकर, सुप्रिया पाठक, शरत सक्सेना, मनोज जोशी आदि का काम भी सही रहा। अरबाज़ खान बहरे टाइगर भाई के दिलचस्प किरदार में जंचे। दो गाने भी अच्छे हैं। कुल मिला कर यह फिल्म आपको बढ़िया टाइमपास मनोरंजन देती है और फैमिली के साथ बैठ कर देखे जाने का मौका भी। काफी है न?
अपनी रेटिंग-3 स्टार
(नोट-इस फिल्म की रिलीज़ के समय यह रिव्यू किसी पोर्टल पर प्रकाशित हुआ था।)
Release date-25 September, 2015
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)