• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home CineYatra

रिव्यू-चैनसुख और नैनसुख देती ‘हाउसफुल 5’

Deepak Dua by Deepak Dua
2025/06/06
in CineYatra, फिल्म/वेब रिव्यू
1
रिव्यू-चैनसुख और नैनसुख देती ‘हाउसफुल 5’
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

2010 में आई सबसे पहली ‘हाउसफुल’ का रिव्यू ‘फिल्मी कलियां’ मैगज़ीन में करने के बाद मैंने इस सीरिज़ की अगली फिल्मों यानी ‘हाउसफुल 2’, ‘हाउसफुल 3’ और ‘हाउसफुल 4’ का रिव्यू नहीं किया था। दरअसल इस सीरिज़ की फिल्में जिस किस्म की मैड कॉमेडी परोसती हैं, उन्हें रिव्यू की ज़रूरत भी नहीं होती। लेकिन कॉमेडी के नाम पर रायता फैलाते-फैलाते ‘हाउसफुल 4’ ने जब कॉमेडी का कचरा किया तो मुझे लगा कि इस 5वीं वाली का रिव्यू किया जाए-इसलिए भी कि पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई हिन्दी फिल्म ‘हाउसफुल 5ए’ और ‘हाउसफुल 5बी’ के नाम से रिलीज़ हुई है। बता दूं कि मैंने दोनों फिल्में देखीं। दोनों एक ही हैं, बस अंत के 20 मिनट में यह बदलाव किया गया है कि दोनों में कातिल अलग-अलग हैं।

अरबों की दौलत का मालिक रणजीत डोबरियाल एक क्रूज़ पर अपना सौवां जन्मदिन मनाने जा रहा है। अचानक आई मौत से पहले वह वसीयत कर जाता है कि उसकी दौलत का वारिस उसका बेटा जॉली होगा। अचरज तब होता है जब शिप पर तीन-तीन जॉली अपनी-अपनी पत्नियों के साथ पहुंच जाते हैं। कौन है इनमें से असली वाला जॉली? कोई है भी या…! तभी शिप पर एक कत्ल होता है और शक इन तीनों जॉलियों और उनकी बीवियों पर आता है जिसकी जांच करने दो पुलिस वाले और उनका एक गुरु शिप पर पहुंचते हैं। वैसे शक के दायरे में शिप के स्टाफ के भी कुछ लोग हैं। किसने किया होगा यह कत्ल? और आखिर क्यों…!

ऊपर बताई गई कहानी से ज़ाहिर है कि रणजीत की दौलत के लालच में शिप पर षड्यंत्र हो रहे हैं, कत्ल हो रहे हैं, तफ्तीशें हो रही हैं। लेकिन यह सब हो रहा है फनी स्टाइल में, कॉमेडी के रैपर में लपेट कर और खास बात यह कि उस रैपर के अंदर एडल्ट कंटैंट का चटखारा भी है। यानी आपके दिमाग को राहत, दिल को सुकून, कानों को कॉमेडी और आंखों को सुख मिलेगा। फिल्म बनाने वालों ने पूरा ख्याल रखा है आपका।

(‘हाउसफुल 5’ का ट्रेलर इस लिंक पर देखें)

इस तरह की मैड कॉमेडी फिल्मों में लॉजिक नहीं ढूंढे जाते। ढूंढी जाती है तो एक कसी हुई स्क्रिप्ट जो अपनी कहानी और किरदारों से न्याय करते हुए दर्शकों का बढ़िया मनोरंजन करे, उन्हें हंसाए, गुदगुदाए और टिकट के पैसे वसूल करवा कर घर भेजे। इस नज़र से देखें तो यह फिल्म उम्मीदों पर खरी उतरती है। इंटरवल से पहले का हिस्सा एक-दो सीन को छोड़ कर काफी कसावट लिए हुए है और आपकी उत्सुकता को बढ़ाता है। इंटरवल के बाद स्क्रिप्ट में कई जगह लचक आई है। कुछ सीन लंबे लगे हैं और कुछ जगह यह भी लगा है कि इस सीन की ज़रूरत नहीं थी। अंत के करीब डाला गया ‘फुगड़ी…’ वाला गाना कहानी के प्रवाह को रोकता है। करीब 15 मिनट की छंटाई इस फिल्म को और अधिक ताकतवर बना सकती थी। साजिद नाडियाडवाला की कथा-पटकथा में एंटरटेनमैंट की पर्याप्त खुराक है। तरुण मनसुखानी और फरहाद सामजी ने फिल्म की लिखाई में जो तड़के लगाए हैं उनसे फिल्म और रंगीन ही हुई है।

वैसे फरहाद अधिकतर कचरा ही लिखते आए हैं और ‘हाउसफुल 4’ जैसी घटिया फिल्म के निर्देशक भी वही थे। निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने समझदारी दिखाते हुए इस बार निर्देशन का जिम्मा ‘दोस्ताना’ वाले तरुण मनसुखानी को दिया है जिन्होंने दो-एक जगह को छोड़ कर अपने काम से निराश नहीं होने दिया है। क्रूज़ की भव्य लोकेशन फिल्म की रंगत को बढ़ाती है। कैमरा, वीएफएक्स, रंग-बिरंगे कॉस्ट्यूम और सटीक बैकग्राउंड म्यूज़िक फिल्म के स्केल को ऊंचा उठाता है। सभी गाने ‘देखने’ लायक तो हैं ही, थिरकाते भी हैं। पूरी फिल्म में कई सारी हिट हिन्दी फिल्मों व ‘हाउसफुल’ सीरिज़ के पिछले भागों का हल्का-सा ज़िक्र इस फिल्म को बल देता है।

कलाकारों की भीड़ वाली फिल्म में किसी को कायदे का रोल मिल जाए तो गनीमत होती है। ऐसे में किरदारों को अलग-अलग विशेषताएं दी जाती हैं और कलाकार अपनी खुद की मेहनत से चमकते हैं। इस नज़र से देखें तो अक्षय कुमार अव्वल रहे हैं। अपने छिछारे स्टाइल से उन्होंने खासा मनोरंजन किया है। रितेश देशमुख बातों में उलझा कर और श्रेयस तलपड़े अपनी अदाओं से लुभाते रहे। अभिषेक बच्चन, संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, दीनो मोरिया, रणजीत, जॉनी लीवर, चंकी पांडेय, निकितन धीर, फरदीन खान, आकाशदीप आदि सही रहे। नाना पाटेकर आए और छा गए। नायिकाओं के हिस्से में एक्टिंग से ज़्यादा दर्शकों के नैनों को चैन देने का काम अधिक रहा और सौंदर्या शर्मा, नरगिस फाखरी, जैक्लिन फर्नांडीज़, सोनम बाजवा व चित्रांगदा सिंह ने इस मोर्चे पर एक-दूसरे से होड़ लगाए रखी। बाजी किसी ने भी मारी हो, मज़ा दर्शकों को ही आया। 

डबल-मीनिंग संवादों, अश्लील संदर्भों और नायिकाओं के देहदर्शन से दर्शकों को कर्णसुख व नैनसुख देती यह फिल्म परिवार या बच्चों के साथ बैठ कर देखने लायक भले ही न हो, जॉली गुड एंटरटेनमैंट ज़रूर देती है जिसे आप अपने पार्टनर या दोस्तों के साथ हंसते-हंसाते एन्जॉय कर सकते हैं। और हां, ‘हाउसफुल 5ए’ देखिए या ‘हाउसफुल 5बी’, मसाला बराबर ही है, बस एक सब्जी अंत में ज़रा-सी बदल गई है।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-6 June, 2025 in theaters

(दीपक दुआ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ–साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब–पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)

Tags: abhishek bachchanAkshay Kumarbobby deolchitrangda singhchunky pandeydino moreafarhad samjiHousefullHousefull 5Housefull 5 reviewHousefull 5aHousefull 5a reviewHousefull 5bHousefull 5b reviewJacqueline Fernandezjohny levernana patekarnargis fakhrinikitan dheerranjeetriteish deshmukhsajid nadiadwalaShreyas Talpadesonam bajwasoundarya sharmatarun mansukhani
ADVERTISEMENT
Previous Post

रिव्यू-भव्यता से ठगती है ‘ठग लाइफ’

Related Posts

रिव्यू-भव्यता से ठगती है ‘ठग लाइफ’
CineYatra

रिव्यू-भव्यता से ठगती है ‘ठग लाइफ’

रिव्यू-‘स्टोलन’ चैन चुराती है मगर…
CineYatra

रिव्यू-‘स्टोलन’ चैन चुराती है मगर…

बुक-रिव्यू : कुछ यूं गुज़री है अब तलक…
CineYatra

बुक-रिव्यू : कुछ यूं गुज़री है अब तलक…

रिव्यू-सपनों के घोंसले में ख्वाहिशों की ‘चिड़िया’
CineYatra

रिव्यू-सपनों के घोंसले में ख्वाहिशों की ‘चिड़िया’

रिव्यू-दिल्ली की जुदा सूरत दिखाती ‘दिल्ली डार्क’
फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-दिल्ली की जुदा सूरत दिखाती ‘दिल्ली डार्क’

रिव्यू-लप्पूझन्ना फिल्म है ‘भूल चूक माफ’
फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-लप्पूझन्ना फिल्म है ‘भूल चूक माफ’

Comments 1

  1. NAFEES AHMED says:
    1 week ago

    क्या कहा जा आकता है… नाना तो नाना ही हैँ… औऱ फरदीन बाकी भी… लेकिन लगा कि कोई पुरानी हॉउसफुल ही सुख रहा हूँ… बस करैक्टर औऱ एन्ड अलग कर दिया…

    थैंक्स दुआ जी… का..

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment