• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू : ‘102 नॉट आउट’-ओनली फोर टाइम पास

Deepak Dua by Deepak Dua
2018/05/04
in फिल्म/वेब रिव्यू
0
रिव्यू : ‘102 नॉट आउट’-ओनली फोर टाइम पास
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

पहली कहानी-दो बूढ़े। पहला बूढ़ा-ओल्ड स्कूल। अपने बुढ़ापे को स्वीकार कर चुका है। एहतियात से रहता है। उदास, चिढ़चिढ़ा, बुझा-बुझा, एकदम बूढ़ों की तरह। दूसरा बूढ़ा-सुपर कूल। ज़िंदगी को खुल कर जीने का हिमायती। वह पहले वाले बूढ़े से अजीब-अजीब हरकतें करवा कर आखिर उसे खुल कर जीना सिखा ही देता है।

दूसरी कहानी-दो बूढ़े। पहले वाले का बेटा अमेरिका जाकर बस गया और मुंह मोड़ लिया। अब वह अपने बेटे से भीख मांगता रहता है कि बेटा दिवाली पर आएगा न, बेटा बच्चों की तस्वीरें भेज दे वगैरह-वगैरह। दूसरे वाला बूढ़ा ज्यादा प्रैक्टिकल है। वह पहले वाले बूढ़े को समझाता है कि उसका बेटा अब उससे मिलने नहीं बल्कि उसकी प्रॉपर्टी के लिए आ रहा है।

अब इन दोनों कहानियों को मिला दीजिए तो इस फिल्म की कहानी बन जाती है।

उमेश शुक्ला पहले भी एक गुजराती नाटक पर फिल्म ‘ओह माई गॉड’ बना चुके हैं। लेकिन हर गुजराती नाटक फिल्म के काबिल हो, यह जरूरी नहीं। या फिर गलती पटकथा लेखक विशाल पटेल की मानी जाए जो सौम्य जोशी की लिखी कहानी को कायदे की स्क्रिप्ट का रूप नहीं दे पाए। अब कहने को तो इस फिल्म में खुल कर जीने की सीख है, इसे भरसक हल्का-फुल्का रखने की कोशिश भी की गई है, थोड़ी भावुकता भी है। लेकिन एक ठंडापन, एक रूखापन शुरू से आखीर तक इस पर ऐसा छाया हुआ है कि आप इस फिल्म से ज्यादा देर तक जुड़ नहीं पाते। 75 साल का बेटा और उसका 102 साल का बाप बिना किसी बड़ी बीमारी, बिना किसी खास टैंशन, बिना किसी रोजमर्रा की दौड़-भाग के, एकदम मजे में रह रहे हैं, यही हजम नहीं होता। फिर सिर्फ तीन मुख्य पात्रों के साथ कहानी उस फ्लो में नहीं चल पाती जो आपको अपने संग ले चले। तीसरा पात्र धीरू भी जबरन घुसेड़ा हुआ ही लगता है। हां, फिल्म बनाने के पीछे की नीयत नेक है और इसे एक खराब फिल्म नहीं कहा जा सकता। लेकिन इसके कंटैंट में गहराई की कमी इसे आपके दिलों में लंबे समय तक जगह बनाने से रोकती है।

ऋषि कपूर अपने किरदार में फिट रहे हैं। लेकिन उनके संवादों में गुजराती लहजा नहीं है। अमिताभ ने लहजा पकड़ा है तो अभिनय में ओवर हो गए। धीरू बने जिमित त्रिवेदी उम्दा रहे। गीत-संगीत साधारण है। फिल्म को इसके नाम के मुताबिक 102 मिनट की बनाने के फेर में संपादन भी कहीं-कहीं गड़बड़ाया है। टाइम पास फिल्म है, बस।

अपनी रेटिंग-ढाई स्टार

Release Date-04 May, 2018

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

 

Tags: 102 not out review102 नॉट आउटamitabh bachchanjimit trivedirishi kapoorumesh shukla
ADVERTISEMENT
Previous Post

पुस्तक समीक्षा-सिलोन वाले रेडियो का सफर

Next Post

रिव्यू-बेमकसद बेअसर ‘ओमेरटा’

Related Posts

रिव्यू-चरस तो मत बोइए ‘मालिक’
CineYatra

रिव्यू-चरस तो मत बोइए ‘मालिक’

वेब-रिव्यू : राजीव गांधी हत्याकांड पर सधी हुई ‘द हंट’
CineYatra

वेब-रिव्यू : राजीव गांधी हत्याकांड पर सधी हुई ‘द हंट’

रिव्यू : मस्त पवन-सी है ‘मैट्रो… इन दिनों’
CineYatra

रिव्यू : मस्त पवन-सी है ‘मैट्रो… इन दिनों’

रिव्यू-‘कालीधर’ के साथ मनोरंजन ‘लापता’
CineYatra

रिव्यू-‘कालीधर’ के साथ मनोरंजन ‘लापता’

रिव्यू-’शैतान’ से ’मां’ की औसत भिड़ंत
CineYatra

रिव्यू-’शैतान’ से ’मां’ की औसत भिड़ंत

वेब-रिव्यू : रंगीले परजातंतर की रंग-बिरंगी ‘पंचायत’
फिल्म/वेब रिव्यू

वेब-रिव्यू : रंगीले परजातंतर की रंग-बिरंगी ‘पंचायत’

Next Post
रिव्यू-बेमकसद बेअसर ‘ओमेरटा’

रिव्यू-बेमकसद बेअसर ‘ओमेरटा’

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment