• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फिल्म/वेब रिव्यू

हैरी टांगरी-एक्टिंग का युवराज

CineYatra by CineYatra
2021/05/31
in फिल्म/वेब रिव्यू
0
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ…

2010 में जब पहली बार हैरी टांगरी दिवाकर बैनर्जी की फिल्म ‘लव सैक्स और
धोखा’ में म्यूजिक कंपोजर के रोल में दिखे थे तो लगा था जैसे सचमुच किसी पंजाबी पॉप सिंगर को दिवाकर ने इस रोल में ले लिया है। उनके गैटअप और नाम के अलावा उनकी असरदार एक्टिंग भी इसका कारण थी। इसके बाद वह ‘लव शव ते चिकन खुराना’, ‘मौसम’, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘ऑल इज वैल’ वगैरह में आए लेकिन उन्हें सही मायने में पहचान तब मिली जब पिछले साल वह ‘एम.एस. धोनी-द अनटोल्ड स्टोरी’ में क्रिकेटर युवराज सिंह के किरदार में दिखे। पंजाब के लुधियाना में जन्मे और बैंक में नौकरी करने वाले पिता की संतान हैरी अब 2 जून को रिलीज होने जा रही फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ में नजर आएंगे। पिछले दिनों मैने उनसे फोन पर लंबी बातचीत की-

-लुधियाना के एक बैंकर का बेटा अचानक मुंबई जाकर एक्टर बनने का फैसला कैसे ले लेता है?
-यह सब अचानक नहीं हुआ। असल में मुझे बचपन से ही एक्टिंग, डांस, गाने वगैरह का बहुत ज्यादा शौक था। सब मुझे ड्रामेबाज कहा करते थे। स्कूल और कॉलेज में मैंने बहुत सारे स्टेज शोज किए, गाने गाए, मॉडलिंग भी की। इसके बाद मैंने पुणे में मास मीडिया का कोर्स किया और फिर मुंबई आ गया।



-इरादा एक्टर बनने का ही था या कुछ और करना चाहते थे?
-शुरूआत तो मेरी डायरेक्शन से हुई थी। मैं यहां निर्देशक एजाज खान को असिस्ट कर रहा था लेकिन साथ ही यह भी मन में था कि एक्टिंग करनी है तो उस तरफ भी कोशिशें चल रही थीं।

-मुंबई आने का इरादा किया तो आपके माता-पिता का क्या रिएक्शन था?


-उन्होंने कभी भी मुझे कोई चीज करने से रोका नहीं। उनका कहना था कि जो अंदर से महसूस करो, उसी को करने की कोशिश करो तो कामयाबी जरूर मिलती है।

-क्या फिल्म इंडस्ट्री में कोई ताल्लुक थे जिनके दम पर आपने यहां आने का इरादा किया?
-नहीं, बिल्कुल नहीं। मुझे बस खुद पर भरोसा था कि जो भी करूंगा, पूरे मन से करूंगा।



-‘लव सैक्स और धोखा’ आपको कैसे मिली? दिवाकर बैनर्जी जैसे निर्देशक, एकता कपूर जैसी प्रोड्यूसर की फिल्म पाना आसान नहीं होता।
-ऐसा कोई बड़ा स्ट्रगल नहीं करना पड़ा था मुझे यह फिल्म पाने के लिए। कहीं सुना कि दिवाकर सर को इस फिल्म के लिए सारे न्यूकमर चाहिएं तो मैंने भी जाकर ऑडिशन दे दिया और कुछ दिन बाद मुझे कॉल आ गया कि आप सलैक्ट हो गए हैं। और बस, उसके बाद गाड़ी चलने लगी और मैं लगातार एक्टिंग को एन्जॉय कर रहा हूं।

-‘बहन होगी तेरी’ के बारे में बताएं?
-यह एक रोमांटिक कॉमेडी है जिसमें मेरा एक बहुत ही अहम रोल है। मैं इसमें एक हरियाणवी परिवार का लड़का बना हूं। ये लोग लखनऊ में रहते हैं और दूध का कारोबार करते हैं। मैं इस रोल को लेकर काफी खुश हूं क्योंकि पहली बार मैं इसमें अपने असली रूप में नजर आऊंगा वरना अभी तक मैं हर बार किसी न किसी गैटअप में ही दिखा हूं। पहली बार लोग देखेंगे कि हैरी टांगरी असल में कैसा दिखता है। गुलशन ग्रोवर इसमें मेरे पिता बने हैं और रणजीत मेरे ताऊ के रोल में हैं। राजकुमार राव इसमें मेरे बैस्ट फ्रैंड गट्टू के किरदार में हैं जो श्रुति हासन से प्यार करता है। राज और मेरा कैरियर एक साथ ‘लव सैक्स और धोखा’ से शुरू हुआ था और अब सात साल बाद हम फिर एक साथ आ रहे हैं।

-हीरो बनने का इरादा नहीं है या जो कर रहे हैं, उसी में खुश हैं?


-जो अब तक किया है उससे खुश तो हूं क्योंकि उससे मेरी पहचान बनी है, मुझे सीखने को मिला है लेकिन हीरो बनने की तमन्ना तो हर किसी की होती है और मेरी भी है। पर मैं बता दूं कि मुझे हीरो बन कर हीरोइन से प्यार करने और उसके साथ नाचने-गाने की बजाय लीड रोल करने की तमन्ना है। ऐसे रोल जिनमें लोग मुझे पहचानें, पसंद करें और याद रखें। फिर चाहे वह निगेटिव रोल हों, पाॅजिटिव या कॉमिक।
-कभी डायरेक्शन की तरफ भी जा सकते हैं?
-वह ख्वाहिश अब दब चुकी है। अब मेरा इरादा खुद को एक्टर के तौर पर ही स्थापित करने का है। हो सकता है, कुछ साल बाद उस तरफ सोचूं।

-आपकी अगली फिल्म कौन-सी होगी?
-इसके बाद मैं ‘वोदका डायरीज़’ में आऊंगा जो एक मर्डर मिस्ट्री होगी। इसमें वोदका डायरीज एक क्लब है मनाली में जिसमें कुछ कत्ल हो जाते हैं और एक पुलिस अफसर उसकी तफ्तीश के लिए आते हैं जो किरदार के.के. मैनन निभा रहे हैं। कुशल श्रीवास्तव इसके निर्देशक हैं जो जे.पी. दत्ता जी के असिस्टेंट रह चुके हैं। इस फिल्म में भी मेरा एक बहुत ही अहम रोल है और मुझे यकीन है कि इसमें भी मेरे काम को पसंद किया जाएगा।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिजाज से घुमक्कड़। समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज़ पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: behen hogi teriDhoniherry tangirimilkhayuvraj
ADVERTISEMENT
Previous Post

वो लारा लप्पा वाला संगीतकार… विनोद

Next Post

हस्तशिल्पियों के लिए ऑनलाइन बाजार

Related Posts

रिव्यू-फौजियों को हौले-से सलाम करती ‘फौजा’
CineYatra

रिव्यू-फौजियों को हौले-से सलाम करती ‘फौजा’

रिव्यू-‘ज़रा हटके’ एंटरटेंनिंग ‘ज़रा बचके’ बोरिंग
CineYatra

रिव्यू-‘ज़रा हटके’ एंटरटेंनिंग ‘ज़रा बचके’ बोरिंग

रिव्यू-जोगी का टाइमपास जुगाड़
CineYatra

रिव्यू-जोगी का टाइमपास जुगाड़

रिव्यू-कांटों में राह बनाने को ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’
CineYatra

रिव्यू-कांटों में राह बनाने को ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’

रिव्यू-कम रसीले ‘कच्चे लिंबू’
फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-कम रसीले ‘कच्चे लिंबू’

रिव्यू-थोड़ा कच्चा थोड़ा पका ‘कटहल’
CineYatra

रिव्यू-थोड़ा कच्चा थोड़ा पका ‘कटहल’

Next Post

हस्तशिल्पियों के लिए ऑनलाइन बाजार

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.