-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)
महाराष्ट्र के एक कस्बे में रहने वाले मिस्टर मेहता का बेटा मुंबई में है और बेटी अमेरिका में। मां की मौत के बाद बेटी उन्हें अपने साथ अमेरिका ले जा रही है। किसी कारण से मिस्टर मेहता को दो दिन अपने बेटे के साथ रहना पड़ता है। छोटे मेहता और बड़े मेहता के बीच लव-हेट वाला रिश्ता है। बेटे को लगता है कि उसके पिता उस पर अपनी मर्ज़ियां थोपते आए हैं वहीं बाप को लगता है कि ज़िंदगी के प्रति बेटे की अप्रोच सही नहीं हैं।
देखा जाए तो यह सिर्फ इन दो मेहता ब्वॉयज़ की ही कहानी नहीं बल्कि भारत के लगभग हर पिता-पुत्र की कहानी है। फिल्म में ऐसे ढेरों पल आते हैं जिन्हें देखते हुए दर्शक उनमें खुद को खोज सकते हैं। बुढ़ापे में भी पिता का ‘मैं कर लूंगा’, ‘मैं संभाल लूंगा’ वाला अकड़ भरा रवैया हो या बेटे का उनकी हर बात को अपनी ज़िंदगी में दखलअंदाज़ी मानने वाली सोच। एक आम भारतीय परिवार में पिता और पुत्र के बीच के औपचारिक-से रिश्ते की झलक इस फिल्म में बार-बार दिखाई देती है और इसलिए अपनी लिखाई के स्तर पर यह फिल्म कई जगह छूती है।
लेकिन इसकी यह लिखाई इतनी भी सशक्त नहीं है। हालांकि बोमन ईरानी ने अपने साथ जिस विदेशी लेखक को बिठाया है वह एक बार ऑस्कर पुरस्कार भी पा चुके हैं, लेकिन फिल्म कुछ जगह झोल खाती है, लचक जाती है, भटक जाती है और पटरी से परे चली जाती है। हां, जब-जब यह पटरी पकड़ती है तो अच्छी बात कहती है, अच्छी तरह से कहती है। संवाद कई जगह बेहतर हैं और असर छोड़ते हैं।
बतौर निर्देशक 65 की उम्र में अपनी पहली फिल्म लेकर आए बोमन ईरानी ने इस तरह के ‘रूखे’ विषय को उठाने का जो दुस्साहस दिखाया है उसे वह दम भर निभाते दिखाई दिए हैं। कई सीन उन्होंने असरदार बनाए हैं तो कुछ एक जगह वह कमज़ोर भी दिखे। एक्टिंग के मामले में तो उन्होंने लाजवाब काम किया है। उनके बेटे के किरदार में अविनाश तिवारी का काम भी बेहद प्रभावी रहा है। अविनाश वैसे भी अपने हर अगले कदम से सशक्त होते जा रहे हैं। श्रेया चौधरी, पूजा सरूप, सिद्धार्थ बसु व अन्य कलाकार सही रहे।
अमेज़ना प्राइम पर आई और अपने नाम ‘द मेहता ब्वॉयज़’ से ही अंग्रेज़ीदां लोगों की कहानी का अहसास कराती यह फिल्म पर्दे पर भले ही एलीट, अमीर, हाई क्लास लोगों को दिखाती हो लेकिन असल में यह हर आम भारतीय परिवार के आम पिता-पुत्र के रिश्ते को अंडरलाइन करती है। इसे देख कर निराशा नहीं होगी।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-07 February, 2025 on Amazon Prime
(दीपक दुआ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ–साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब–पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)
Excellent… It is good for the new generation and all the Indians….. Good Subject in Modern India…No doubt in Bomen Sir acting…. and other co-actors/actress play their roles in good manner.,