• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-होता दम तो अकेले आता ‘सिंहम’

Deepak Dua by Deepak Dua
2024/11/01
in फिल्म/वेब रिव्यू
6
रिव्यू-होता दम तो अकेले आता ‘सिंहम’
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)

2011 की ‘सिंहम’ तो ज़रूर याद होगी आपको। 2010 में आई इसी नाम की एक कामयाब तमिल फिल्म के इस रीमेक में स्टार के नाम पर कोई था तो सिर्फ अजय देवगन। लेकिन इसके साथ थी एक शानदार ढंग से कही गई कहानी जिसे निर्देशक रोहित शैट्टी ने अपने कसे हुए निर्देशन और ज़बर्दस्त एक्शन दृश्यों से ऐसा बना दिया था कि अब उस फिल्म की गिनती हिन्दी सिनेमा की कल्ट फिल्मों में होती है। लेकिन जैसा कि अपने यहां भेड़चाल है कि एक फिल्म हिट हो जाए तो उसका सीक्वेल ले आओ, सीक्वेल न बनता हो तो फ्रेंचाइज़ी ले आओ, ज़रूरत हो या न हो, उसमें ठूंस-ठूंस कर मसाले डाल दो, फिर अगल-बगल की फिल्मों के किरदार पकड़ लाओ और अपना खुद का एक ‘मसाला यूनिवर्स’ बना दो। रोहित शैट्टी तो वैसे भी इस काम में माहिर रहे हैं। एक तरफ ‘गोलमाल’ की कॉमेडी और दूसरी तरफ ‘सिंहम’, ‘सिंबा’, ‘सूर्यवंशी’ की मारधाड़ वाले दो यूनिवर्स खड़े कर चुके रोहित इस जन्म में कुछ नया न भी करें तो ये दोनों यूनिवर्स ही उन्हें और उनके कलाकारों को ब्रेड-बटर खिलाने के लिए काफी रहेंगे।

(रिव्यू-‘सिंबा’-माईंड ईच ब्लोईंग पिक्चर)

दुनिया जानती है कि जिस ‘सिंहम’ के कंधे पर सवार होकर रोहित 2014 में ‘सिंहम रिर्ट्न्स’ लाए थे वह बॉक्स-ऑफिस पर कमा-खाने के बावजूद एक औसत स्तर की फिल्म थी। उसके बाद आईं रोहित की ‘सिंबा’ व ‘सूर्यवंशी’ भी उनकी इसी मसालेदार परंपरा की फिल्में थीं जिनसे वह अपना ‘कॉप-यूनिवर्स’ तैयार कर रहे थे। अब इस फिल्म ‘सिंहम अगेन’ (Singham Again) में उन्होंने अपने इस यूनिवर्स के सभी किरदारों को एक जगह जमा किया है और भविष्य का एक दबंग हिंट भी दिया है। ज़ाहिर है कि रोहित अब रुकने वाले नहीं हैं।

‘सिंहम अगेन’ (Singham Again) की कहानी जाननी है तो इसका पांच मिनट का ट्रेलर देख लीजिए। और अगर आपके पास ‘सिंहम अगेन’ देखने का वक्त नहीं है तो इसी ट्रेलर को दो-तीन बार देख लीजिए। जी हां, रामायण की कहानी से प्रेरित होकर बनी इस फिल्म में ‘क्या’ दिखाया जाएगा, यह तो रोहित इस ट्रेलर में बता ही चुके है। ‘कैसे’ दिखाया जाएगा, यह भी कोई छुपी बात नहीं है क्योंकि रोहित की फिल्मों में एक ही तरह से हीरो, हीरोइन, विलेन की एंट्री होती है, एक ही तरह से कारें, आदमी, चीज़ें उछलती हैं और दर्शक स्कूल-कॉलेज में पढ़ी फिज़िक्स-कैमिस्ट्री के टीचरों को कोसते हुए इन सब को एन्जॉय करता है।

(रिव्यू-मज़ेदार मसालेदार धुआंधार ‘सूर्यवंशी’)

‘सिंहम अगेन’ (Singham Again) में ‘नया भारत’, ‘बदलता कश्मीर’, ‘घुस कर मारेंगे’ जैसे सामयिक रेफरेंस ही नहीं, रामायण के पात्रों व घटनाओं का ज़िक्र भी मसालों के तौर पर हुआ है। फिल्म नौ लोगों ने लिखी है तो यह मान कर चलिए कि कितनी ईंटें और कितने रोड़े इक्ट्ठे किए होंगे रोहित ने यह कुनबा जोड़ने में। साफ है कि ‘जिसमें है दम, वो है फक्त बाजीराव सिंहम’ वाला कंटैंट इन लोगों के पास होता तो सिंहम अकेला ही न आया होता…!

अजय के काम में ठहराव है, भले ही उनका किरदार उतना ज़ोरदार नहीं है। किरदार तो सही मायने में किसी का भी कायदे से नहीं लिखा गया, सिवाय रणवीर सिंह के जो पर्दे पर आते हैं तो फिल्म ‘सिंहम’ से ‘सिंबा’ हो जाती है और यही वे पल होते हैं जब आप हंसते हैं। अजय और करीना का जवान बेटा जिस तरह से अपने मां-बाप से बहस करता है, साफ है कि ये दोनों ‘संस्कारी पेरेंट्स’ अभी तक अपने बेटे को संस्कार दे ही नहीं पाए हैं। करीना कपूर, अक्षय कुमार, जैकी श्रॉफ आदि ठीक रहे। दीपिका पादुकोण लेडी सिंहम नहीं, लेडी सिंबा जैसी हरकतें करती रहीं। अर्जुन कपूर बढ़िया काम करने के बावजूद कमज़ोर किरदार का शिकार हुए। गीत-संगीत साधारण रहा, एक्शन ज़ोरदार, लोकेशन प्रभावी और बैकग्राउंड म्यूज़िक असरदार।

आप चाहें तो पूछ सकते हैं कि इस फिल्म (Singham Again) में नया क्या है? जवाब है-कुछ नहीं। तो इस फिल्म को क्यों देखा जाए? जवाब है-क्योंकि आपको मसाला मनोरंजन चाहिए, आपके पास वक्त है, पैसे हैं और बड़ी बात यह कि यह फिल्म बुरी नहीं है, खराब नहीं है। पुराना-बासा ही सही, मसाला तो परोसती है। वही मसाला, जिसकी लत रोहित जैसे फिल्मकार आपको लगा चुके हैं। तो जाइए देखिए इसे, बिना शिकायत।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-01 November, 2024 in theaters

(दीपक दुआ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ–साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब–पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)

Tags: ajay devganarjun kapoordeepika padudonejackie shroffkareena kapoorranveer singhravi kishanrohit shettyshweta tiwarisimmbasinghamsingham againsingham again reviewsooryavanshiTiger Shroffviren vazirani
ADVERTISEMENT
Previous Post

रिव्यू-हर ’बंदा’ सिनेमा का ‘चौधरी’ नहीं होता

Next Post

रिव्यू-रंगबिरंगी, मसालेदार, टाइमपास ‘भूल भुलैया 3’

Related Posts

वेब-रिव्यू : राजीव गांधी हत्याकांड पर सधी हुई ‘द हंट’
CineYatra

वेब-रिव्यू : राजीव गांधी हत्याकांड पर सधी हुई ‘द हंट’

रिव्यू : मस्त पवन-सी है ‘मैट्रो… इन दिनों’
CineYatra

रिव्यू : मस्त पवन-सी है ‘मैट्रो… इन दिनों’

रिव्यू-‘कालीधर’ के साथ मनोरंजन ‘लापता’
CineYatra

रिव्यू-‘कालीधर’ के साथ मनोरंजन ‘लापता’

रिव्यू-’शैतान’ से ’मां’ की औसत भिड़ंत
CineYatra

रिव्यू-’शैतान’ से ’मां’ की औसत भिड़ंत

वेब-रिव्यू : रंगीले परजातंतर की रंग-बिरंगी ‘पंचायत’
CineYatra

वेब-रिव्यू : रंगीले परजातंतर की रंग-बिरंगी ‘पंचायत’

रिव्यू-मन में उजाला करते ‘सितारे ज़मीन पर’
फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-मन में उजाला करते ‘सितारे ज़मीन पर’

Next Post
रिव्यू-रंगबिरंगी, मसालेदार, टाइमपास ‘भूल भुलैया 3’

रिव्यू-रंगबिरंगी, मसालेदार, टाइमपास ‘भूल भुलैया 3’

Comments 6

  1. NAFEES AHMED says:
    8 months ago

    सत्य वचनों से लबा लब भरा हुआ रिव्यु…

    अब देखना है कि नौ लोगों द्वारा लिखी गई… औऱ रोहित शेट्टी क़े डायरेक्शन में कितना दम है… या बस “दम ” भरने क़े लिए दम लगा रही है…

    Reply
  2. Bharat kumar says:
    8 months ago

    बहुत सटीक समीक्षा लिखी है अपने सर

    Reply
    • CineYatra says:
      8 months ago

      धन्यवाद…

      Reply
  3. Kewal Sharma says:
    8 months ago

    Fear less 4th pillar’s custodian Deepak Dua …
    मेरी दुआ है कि आप सूरज की तरह चमको ….

    Reply
  4. B S Bhardwaj says:
    8 months ago

    शानदार रिव्यू मजा आ गया पढ़ कर👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻

    Reply
    • CineYatra says:
      8 months ago

      धन्यवाद…

      Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment