-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
गौरव (सिद्धार्थ मल्होत्रा)। अमेरिका में अपना घर, गाड़ी, नौकरी और बगल में छोकरी (जैक्लिन फर्नांडीज) भी। लेकिन छोकरी की नजर में वह कुछ ज्यादा ही सुंदर और सुशील है, एकदम घरेलू किस्म का। उसे तो चाहिए कोई रिस्की बंदा।
ऋषि (सिद्धार्थ मल्होत्रा)। एक खुफिया एजेंट। हर दम जान हथेली पर लेकर किसी न किसी मिशन पर रहता है। लेकिन वह इस रिस्की जिंदगी को छोड़ एक सुंदर, सुशील जीवन जीना चाहता है। आखिर क्या रिश्ता है गौरव और ऋषि का? कोई रिश्ता है भी?
डायरेक्टर राज निदिमोरू और कृष्णा डी.के. ने ‘शोर इन द सिटी’, ‘99’ और ‘गो गोआ गोन’ जैसी अलग मिजाज की फिल्में बनाई हैं। ‘ए जैंटलमैन-सुंदर सुशील रिस्की’ को उनकी पहली बिग बजट मसाला मनोरंजन फिल्म कहा जा सकता है। लेकिन इस बार वह अपने चिर-परिचित स्टाइल से हट कर वही सब करते नजर आए जो ऐसी फिल्में बनाते समय कोई भी दूसरा निर्देशक करता है।
लेकिन यह फिल्म खराब नहीं है। कहानी साधारण होते हुए भी इसके ट्विस्ट लुभाते हैं। स्क्रिप्ट हल्की होते हुए भी आपको बोर नहीं होने देती। हास्य ज्यादा न होते हुए भी आपको गुदगुदाता है। एक्शन दहलाए भले न, सुहाता तो है। और बाकी सब (विदेशी लोकेशंस, जैक्लिन की ब्यूटी वगैरह-वगैरह) आंखों को मदमाता है। तो बस, और क्या चाहिए एक मनोरंजक फिल्म में?
सिद्धार्थ और जैक्लिन अपनी सीमाओं में रह कर अपने किरदारों को निभा गए हैं। दर्शन कुमार को याकूब के रोल में देखना अच्छा लगता है। सुनील शैट्टी को ज़ाया किया गया है। म्यूजिक साधारण है। साधारण तो पूरी फिल्म ही है। टाइमपास मनोरंजन चाहिए हो तो जाएं, निराश नहीं होंगे। हां, ज्यादा बड़ी या अनोखी उम्मीदें मत बांधिएगा इस फिल्म से।
अपनी रेटिंग-ढाई स्टार
Release Date-25 August, 2017
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.
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