-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)
फिल्म का पहला सीन। 14 साल की एक लड़की को उसकी सहेली फोन पर अपनी चिंता बताती है-यार गिप्पी, मेरे तो बड़े ही होते जा रहे हैं। गिप्पी कहती है-मेरे तो अभी छोटे-छोटे हैं, समोसे जैसे।
थोड़ी देर बाद वही लड़कियां स्कूल में। गिप्पी पूछती है-तेरे पीरियड फिर आ गए? जवाब मिलता है-बोला न, हर महीने आते हैं।
अब मुमकिन है कि इस किस्म के डायलॉग सुन कर और ये सीन देख कर आप आंखें तरेरते हुए पूछें कि यह कैसी बेहूदगी है? ये हमारी बच्चियां पर्दे पर कैसी-कैसी बातें कर रही हैं? जवाब शायद कड़वा लगे-क्या आपने कभी अपनी इस उम्र की बच्चियों और उनकी सहेलियों की वे बातें सुनी हैं, जो वे छुप कर करती हैं? क्या कभी उनके शरीर, दिल और दिमाग में इस उम्र में आ रहे बदलावों पर गौर करते हुए आपने उनका साथ दिया है? नहीं, तो जाकर इस फिल्म को देखिए, आपको बहुत कुछ हासिल होगा।
फिल्म अपनी शुरुआत से ही यह अहसास करवा देती है कि यह उस उम्र के बच्चों में आ रहे बदलावों की कहानी कहने वाली है जब बच्चे, बच्चे नहीं रहते। यह काफी कुछ पॉजिटिव कहती है और दिखाती भी है लेकिन इंटरवल के बाद इसकी कहानी बहुत ही साधारण और हल्की होकर रह जाती है। एक स्कूल या कॉलेज, जहां एक हॉट गर्ल पर सब फिदा हैं और एक लूज़र का सब मज़ाक उड़ाते हैं। लेकिन एक दिन किसी रेस में उस लूज़र को ही जीत हासिल होती है। अब ऐसी कहानियां हम लोग ‘जो जीता वही सिकंदर’ के ज़माने से लेकर अभी पिछले साल करण जौहर के ही बैनर से आई ‘स्टुडैंट ऑफ द ईयर’ तक में दसियों बार देख चुके हैं। यहां पर अलग है तो मुख्य किरदारों की उम्र। 13-14 साल के बच्चों में आ रहे बदलावों को ध्यान में रख कर बनीं ‘उड़ान’ या ‘बबल गम’ सरीखी बढ़िया फिल्म नहीं है यह। और इसकी वजह यह है कि यह करण जौहर की फिल्म है जिसमें कुछ ‘खास’ मसाले तो होंगे ही।
पर आप इस फिल्म को सिरे से नहीं नकार सकते। अपनी साधारण कहानी के बावजूद यह फिल्म आपको सोचने पर मजबूर करती है। यह आपको बताती है कि अपने भीतर झांकिए, वहां बहुत सारी अच्छाइयां हैं। उन्हंे पहचानिए और फिर दूसरों को जीतिए। डायरेक्टर सोनम नायर का काम परिपक्व है। रिया विज, दिव्या दत्ता, ताहा शाह आदि ने अच्छा अभिनय किया है।
यह फिल्म अच्छी पेरेंटिंग के दो-चार गुर भी सिखा जाती है। अब कुछ टैबू किस्म की बातें आपके कानों में न चुभें तो इसे आप पसंद भी ज़रूर करेंगे, यह तय है। गिप्पी के किरदार से आपको प्यार हो जाएगा, वह अलग से।
अपनी रेटिंग-3 स्टार
Release Date-10 May, 2013 in theaters
(नोट-मेरा यह रिव्यू इस फिल्म की रिलीज़ के समय किसी अन्य पोर्टल पर प्रकाशित हुआ था।)
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ–साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब–पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)