-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)
किसी शॉर्ट-फिल्म में राजेश तैलंग और रेणुका शहाणे जैसे प्रभावशाली कलाकार हों और वह फिल्म ढेरों फिल्म समारोहों में कई पुरस्कार व अपार तारीफें पाने के बाद अब यू-ट्यूब पर रिलीज़ हुई हो तो उसके प्रति उत्सुकता बढ़ना स्वाभाविक है। शायद यही कारण भी है कि रिलीज़ होने के दो ही दिन में इस शॉर्ट-फिल्म ‘एक कदम’ को एक लाख से भी अधिक लोगों ने देख लिया। ऐसी छोटी फिल्मों के लिए यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।
सीधी-सरल इस फिल्म में मुंबई शहर में रह रहे एक पति-पत्नी हैं। पति की एक टांग पर पलस्तर है सो मजबूरी में घर से बाहर के काम पत्नी को करने पड़ रहे हैं। परत-दर-परत खुलती कहानी हमें बताती है कि इससे पहले पत्नी को यह सब करने की छूट, या कहें कि समझ भी नहीं थी। वह बाहर निकलती है तो खुलती है, खुलती है तो उड़ना चाहती है, उन बंदिशों से थोड़ी देर के लिए ही सही, आज़ाद होना चाहती है जो उस पर बेवजह लादी गई थीं। घर से बाहर की ओर उसका एक कदम असल में ऐसी स्त्रियों की आज़ादी के सफर की शुरुआत का प्रतीक है जिन्हें घर की चार दीवारों को ही उनकी दुनिया मानने को विवश किया जा चुका होता है।
बेशक इस फिल्म में राजेश तैलंग और रेणुका शहाणे का काम अच्छा है। हावी रहने वाले पति और दब कर रहने वाली पत्नी के हाव-भाव इन दोनों ने बखूबी दर्शाए हैं। राजीव उपाध्याय का निर्देशन भी बढ़िया है। लेकिन उनकी पटकथा में एक चूक मोबाइल पर आए एक मैसेज में दिखने वाले टाइम की दिखती है। एडिटिंग में भी हल्की-सी कसावट और हो सकती थी। फिल्म की कहानी शानदार है। स्त्री-मन के अधखुले पन्नों की इबारत को लेखिका आसिफा कायनात शुभंकर ने बखूबी पढ़ा है। आसिफा का लिखा गीत ‘मोहब्बत का तूफान…’ भी कहानी के मूड में जा मिलता है।
एक प्रभावी कहानी पर बनी, राजेश तैलंग और रेणुका शहाणे के शानदार अभिनय से सजी यह 20 मिनट की शॉर्ट-फिल्म यू-ट्यूब पर ‘हमारा मूवी’ के चैनल पर मुफ्त में (इस लिंक पर क्लिक कर के) देखी जा सकती है।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-18 June, 2024 on YouTube
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए सिनेमा व पर्यटन पर नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
… kya hi kahuN .. Mai Link click karne se pahle .. Dar rahi thi sach me .. jaane kya likha hoga aapne .. aapko kaisi lagi hogi film ..
Aapke criticism ki qaayal huN mai.
Jitna sahaj Saral, utna hi kharaa aur kada.
Aapne itni pyaari Samiksha likhi.. ki mazaa aa gayaa .. 2 kg. Vazan badh gaya Mera. Matlab ab yaqeen kar sakti huN ki ye koi khwaab nahiN sach hai.. ki 2 din me Lakh se oopar logoN ke diloN ko touch kiya hai film ne.
Bahut shukriya aapka.
Aur kuchh kamiyoN ko ingit karne ke liye dubble shukriya. Agle qadam ke liye seekh mili.
धन्यवाद… और शुभकामनाएं…
किसी फ़िल्म का रिव्यु एक आइना होता है…. औऱ एक जिज्ञासुता उत्पन्न करता है… इसी जिज्ञासुपनता क़े चलते रिव्यु में दिये गए लिंक क़े माध्यम से इस शार्ट मूवी को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ….
तारीफ़ जितनी की जाय उतनी कम है…… दोनों ही महान कलाकारों ने जबरदस्त एक्टिंग की है….फ़िल्म देखते समय कमियों को नज़रअंदाज़ किया जाय तो बेहतर है क्यूंकि परिपूर्ण कोई नहीं होता…..
दुआ जी ला धन्यवाद…
धन्यवाद