-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
कोलकाता शहर में मर्डर हो रहे हैं-एक के बाद एक। सिर्फ अकेली रह रही लड़कियों के मर्डर। हर लाश दीवार पर टंगी मिलती है। ज़ाहिर है कि यह किसी सीरियल किलर का काम है। डी.सी.पी. कनिष्क चटर्जी हैरान है क्योंकि बिल्कुल इसी पैटर्न पर 12 साल पहले भी कई मर्डर हुए थे लेकिन वह कातिल तो कैद में है। तो कौन कर रहा है ये मर्डर…? और इससे भी बड़ा सवाल यह कि क्यों कर रहा है वह ये मर्डर…?
इस किस्म की रहस्यमयी मर्डर-मिस्ट्री वाली फिल्मों में अक्सर कहानी का फोकस ‘कौन कर रहा है’ के साथ-साथ ‘क्यों कर रहा है’ पर भी होता है। सीरियल किलिंग आमतौर पर मनोरोगी, मनोविक्षिप्त लोग किया करते हैं, सो ऐसी कहानियों को सस्पैंस थ्रिलर के साथ-साथ साइकोलॉजिकल-थ्रिलर का बाना पहनाया जाता है। लेखक प्रतिम डी. गुप्ता ने यहां भी ऐसा ही किया है और बखूबी किया है। इसके साथ ही उन्होंने इन हत्याओं की तफ्तीश में जुटे चार पुलिस अफसरों की निजी ज़िंदगियों में भी बखूबी झांका है। ऐसा करने से ये लोग ज़्यादा ‘मानवीय’ लगे हैं और वास्तविक भी। यही इस फिल्म (चालचित्र Chaalchitro) की खूबी है कि यह अपना धरातल नहीं छोड़ती। इसे देखते हुए यह नहीं लगता कि आप फिल्मी मसालों में डूबी कोई कहानी देख रहे हैं। हालांकि कुछ एक बैक स्टोरीज़ कहीं-कहीं कमज़ोर पड़ती है और कहीं-कहीं स्क्रिप्ट भी हौले-से लड़खड़ाई है, लेकिन एक लेखक के तौर पर प्रतिम जहां हल्के पड़े, एक निर्देशक के तौर पर वह उसे संभाल लेते हैं। उनके निर्देशन में कसावट है और वह फिल्म में ज़रूरी तनाव, भय, रोमांच व इमोशन्स रच पाने में कामयाब रहे हैं।
तोता रॉय चौधरी हमेशा की तरह प्रभावी रहे हैं। हिन्दी फिल्म ‘औरों में कहां दम था’ में अजय देवगन का युवा किरदार निभा चुके शांतनु महेश्वरी यहां भी प्रभावित करते हैं। अनिरबन चक्रवर्ती बेहद असरदार रहे और उनकी बेटी बनी तनिका बसु भी। इंद्रजीत बोस, स्वास्तिका दत्ता, रायमा सेन आदि अन्य कलाकारों का काम भी अच्छा रहा। गीत-संगीत फिल्म को सहारा देता है। दो बोल्ड सीन न होते तो फिल्म का लुक और निखर जाता।
इस बांग्ला फिल्म का ट्रेलर देखने के लिए यहां क्लिक करें…
सस्पैंस और थ्रिल परोसने के अलावा यह बांग्ला फिल्म (चालचित्र Chaalchitro) इंसानी कमज़ोरियों, गलतियों और पछतावों की बात भी करती है। फिलहाल यह थिएटरों में आई है। मुमकिन है जल्द ही यह बांग्ला के साथ-साथ कुछ अन्य भाषाओं में किसी ओ.टी.टी. पर दिखाई दे। देखिएगा इसे…।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-20 December, 2024 in theaters
(दीपक दुआ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ–साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब–पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)
बहुत बढ़िया समीक्षा दीपक जी 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
धन्यवाद भाई साहब