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Home फिल्म/वेब रिव्यू

वेब-रिव्यू : मज़बूती और मजबूरी के बीच उड़ान भरती ‘आईसी 814-द कंधार हाईजैक’

CineYatra by CineYatra
2024/09/03
in फिल्म/वेब रिव्यू
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वेब-रिव्यू : मज़बूती और मजबूरी के बीच उड़ान भरती ‘आईसी 814-द कंधार हाईजैक’
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-रश्मि जैन… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)

एक वास्तविक और दिल दहला देने वाली घटना पर आधारित है वेब-सीरिज़ ‘आईसी 814-द कंधार हाईजैक’ जिसने 1999 के आखिरी हफ्ते में पूरे देश को हिला कर रख दिया था। यह सीरिज़ इंडियन एयरलाइंस की उस फ्लाइट आईसी 814 के हाईजैक की कहानी को बारीकी से पेश करती है जिसे आतंकवादी काठमांडू से हाईजैक कर अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे।

कहानी 24 दिसंबर, 1999 की शाम से शुरू होती है जब इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरती है। उड़ान के बीच में ही पांच आतंकवादी विमान को हाईजैक कर लेते हैं और उसे अमृतसर, लाहौर, दुबई होते हुए कंधार ले जाते हैं। इस दौरान, विमान में सवार यात्रियों की जान खतरे में पड़ जाती है। भारतीय सरकार और आतंकवादियों के बीच लंबी बातचीत और सौदेबाजी का सिलसिला चलता है जिसमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए भारतीय अधिकारियों को कड़े फैसले लेने पड़ते हैं।

भारत सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए तीन आतंकियों को रिहा करने का कड़ा फैसला लिया था। हाईजैक की घटना के पीछे क्या कारण थे और भारत सरकार को आतंकवादियों के आगे क्यों झुकना पड़ा, ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर काफी बहस, चर्चाएं हो चुकी हैं। इस सीरिज़ में लेखक-निर्देशक अनुभव सिन्हा ने अपने सामाजिक, राजनीतिक दृष्टिकोण और आज की अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उस समय को फिर से दिखाया है ताकि भारतीय विमानन इतिहास के सबसे लंबे हाईजैक के पीछे की परतों को खोल कर कुछ उत्तर और शायद कुछ सांत्वनाएं खोजी जा सकें।

यह एक एक्शन से भरपूर सीरिज़ है जिसे वास्तविक घटनाओं की पृष्ठभूमि में काल्पनिक रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें हाईजैक की घटना को संतुलित तरीके से दिखाया गया है जिससे यह सीरिज़ कहीं भी उबाऊ नहीं लगती। अनुभव सिन्हा ने इस सीरिज़ के निर्देशन में बेहद सावधानी बरती है। उन्होंने कहानी को यथार्थवादी ढंग से पेश किया है जिससे दर्शकों को उस समय की वास्तविकता का अनुभव होता है। उनकी निर्देशन शैली ने सीरिज़ को न केवल थ्रिलर और ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया है बल्कि इसमें मानवीय भावनाओं और संघर्षों को भी गहराई से दिखाया है। सिन्हा ने कहानी के हर पहलू को बारीकी से उकेरा है जिससे सीरीज में संतुलन बना रहता है।

सीरिज़ के सभी कलाकारों-विजय वर्मा, नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, अरविंद स्वामी, कंवलजीत सिंह, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, आदित्य श्रीवास्तव, दिब्येंदु भट्टाचार्य, यशपाल शर्मा, सुशांत सिंह, अनुपम त्रिपाठी, राजीव ठाकुर, अमृता पुरी, पत्रलेखा पॉल, दीया मिर्ज़ा आदि ने अपने किरदारों को प्रभावी तरीके से निभाया है। जहाज के कैप्टन की भूमिका में विजय वर्मा इस सीरिज़ की धड़कन हैं जो लोगों को बांध कर रखती है। मनोज पाहवा ने भी दमदार भूमिका निभाई है।  

स्क्रीनप्ले कहानी की जान होती है और इस सीरिज़ के हर एपिसोड के साथ कहानी में सस्पेंस और ड्रामा बढ़ता जाता है। स्क्रिप्ट में सभी महत्वपूर्ण घटनाओं को क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया गया है जिससे दर्शक पूरी तरह से जुड़ाव महसूस करते हैं। हाईजैक की शुरुआत से लेकर कंधार में तनावपूर्ण माहौल और यात्रियों की रिहाई तक स्क्रीनप्ले दर्शकों को हर पल बेचैन रखता है।

एक बात फिर भी चुभती है कि अनुभव किसी से डर रहे हैं जो उन्होंने आतंकवादियों के सही और पूरे नाम बताने की बजाय शंकर, भोला और बर्गर बताए। और भी कई जगह वह मजबूर नज़र आते हैं। लगता है कि या तो उन्हें खुल कर कुछ कहने से रोका गया या उन्होंने जान-बूझ कर खुद को रोके रखा।

सिनेमैटोग्राफी इस सीरिज़ का एक और मजबूत पहलू है। विमान के अंदर की घुटन और तनावपूर्ण माहौल को बेहतरीन तरीके से कैप्चर किया गया है। कंधार के सूने और डरावने माहौल को भी कैमरा वर्क के माध्यम से अच्छे से दिखाया गया है। कैमरा एंगल्स और लाईटिंग का इस्तेमाल बेहद प्रभावशाली है जो दृश्यों की गंभीरता को और बढ़ाता है। एडिटिंग भी बहुत ही सटीक है।

अगर आप सस्पेंस, थ्रिलर और वास्तविक घटनाओं पर आधारित कंटेंट पसंद करते हैं तो नेटफ्लिक्स पर आई यह सीरिज़ ‘आईसी 814-द कंधार हाईजैक’ आपके लिए ज़रूर देखने लायक है।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-29 August, 2024 on Netflix

(रश्मि जैन लगभग 20 वर्ष से टी.वी. व फिल्मों के कंटैंट निर्माण में सक्रिय हैं। वह पीटीसी पंजाबी चैनल में वरिष्ठ कार्यकारी निर्माता हैं और सैंसर बोर्ड की सदस्य भी हैं)

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