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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-कितना सही है यह ‘यू-टर्न’

Deepak Dua by Deepak Dua
2023/04/28
in फिल्म/वेब रिव्यू
3
रिव्यू-कितना सही है यह ‘यू-टर्न’
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

चंडीगढ़ शहर के एक फ्लाइओवर पर लोग अक्सर सड़क के बीच में रखे सीमेंट के ब्लॉक हटा कर यू-टर्न ले लेते हैं। इससे उस सड़क पर एक्सीडेंट होते रहते हैं। एक पत्रकार राधिका इस स्टोरी पर काम कर रही है कि वे लोग नियम तोड़ते समय कुछ सोचते क्यों नहीं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि एक-एक कर ये सभी लोग मारे जाते हैं। क्यों हो रहा है ऐसा? कौन कर रहा है ऐसा? क्या राधिका…? कोई और…? या कोई ऊपरी हवा…?

यह फिल्म 2016 में आई कन्नड़ फिल्म ‘यू-टर्न’ का रीमेक है। चूंकि कहानी ओरिजनल थी और मूल फिल्म काफी पसंद भी की गई थी लिहाज़ा देश-विदेश की कई भाषाओं में उसके रीमेक बन चुके हैं और आगे भी बनने हैं। हिन्दी में इस रीमेक को निर्मात्री एकता कपूर के लिए उन आरिफ खान ने बनाया है जो कई बड़ी फिल्मों में असिस्टैंट डायरेक्टर रह चुके हैं। बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म के तौर पर एक रीमेक को चुन कर आरिफ ने अपने लिए क्या बोया है, इसकी फसल तो भविष्य में ही कटेगी। बहरहाल ज़ी-5 पर आई यह फिल्म हिन्दी वालों को एक अच्छी कहानी दिखा रही है और इसके लिए ज़ी-5 भी सराहना का हकदार है जो लगातार कुछ न कुछ ‘हट के’ किस्म का सिनेमा दिए जा रहा है।

कहानी अपने सफर में कई टर्न लेती है। कभी यह थ्रिलर बनती है, कभी मर्डर मिस्ट्री तो कभी हॉरर। शक की सुई का लगातार इधर-उधर घूमना इसे रोचक बनाता है और दर्शक को दिमागी कसरत भी करवाता है कि आखिर वह लगातार हो रही मौतों के लिए किसे ज़िम्मेदार माने। राधिका आनंद और परवेज़ शेख ने अपने लेखन से फिल्म को थामे रखने की भरसक कोशिश की है। बावजूद इसके काफी कुछ है जो खलता है और अहसास दिलाता है कि यह फिल्म उतनी सशक्त नहीं हो पाई है जितनी हो सकती थी या होनी चाहिए थी।

पहले तो कहानी का सिर्फ एक फ्लाइओवर तक सीमित रहना तार्किक नहीं लगता। स्क्रिप्ट में कई जगह ढीलापन दिखाई देता है तो कहीं यह अपनी सुविधानुसार चलने लगती है। फिर जिस तरह से फिल्म को फैलाने के लिए दृश्यों को लंबा खींचा गया है वह उकताहट पैदा करता है। ऐसे बहुत सारे सीन हैं जो दो-एक शॉट्स में खत्म हो सकते थे। उन्हें डाला तो इसलिए गया कि फिल्म का असर गाढ़ा हो लेकिन हुआ उलटा ही। कम से कम 10-12 मिनट छोटा कर के इसे कसा जा सकता था। संवाद बहुत साधारण रहे। इन पर ज़्यादा काम किया जाना चाहिए था। आरिफ खान का निर्देशन औसत रहा। हालांकि कुछ सीन उन्होंने कायदे से रचे। बैकग्राउंड म्यूज़िक असरदार होते हुए भी कहीं-कहीं बहुत ओवर हो गया। कैमरे और अंधेरे ने मिल कर फिल्म को रहस्यमयी लुक देने में मदद की। और हां, लड़की को मॉडर्न दिखाने के लिए उसे सिगरेट-शराब पीने व सैक्स करने वाली दिखाना ज़रूरी नहीं होता, राइटरों।

अलाया एफ. का काम बहुत प्रभावी रहा। उन्होंने अपनी रेंज में रह कर अपने किरदार के भावों को असरदार ढंग से उभारा। प्रियांशु पैन्यूली जंचे। आशीम गुलाटी, राजेश शर्मा, ग्रूशा कपूर आदि सहयोगी कलाकारों ने अच्छा साथ निभाया। सबसे असरदार रहे मनु ऋषि चड्ढा। इन्हें जब भी बड़ा मौका मिलता है ये चौका मार ही देते हैं।

कम बजट, कम चमकते चेहरों और औसत निर्देशन के बावजूद यह फिल्म अपनी अच्छी कहानी के लिए देखी जानी चाहिए। फिल्म यह भी चेतावनी देती है कि ट्रैफिक के नियम मत तोड़िए, इससे दूसरों की और आप की जान जा सकती है।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-28 April, 2023 on Zee5

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: aashim gulatialaya Farif khanGrusha Kapoormanu rishiparveez sheikhpriyanshu painyuliradhika anandrajesh sharmaU turnU turn reviewU-turnU-turn reviewZEE5
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Comments 3

  1. NAFEES AHMED says:
    2 years ago

    फ़िल्म का टॉपिक एक वास्तविक और आज के माहौल का टॉपिक है… फ़िल्म देखी तो लगा की हम नहीं सुधरेंगे और रुल्ज को तोडना ही हमारी फितरत है… रिव्यु का अंत एक हिदायत भरे जुमले के साथ किया गया है जिकि दुआ जी के तजुर्बे और सूझ-बूझ को दिखाता है

    Reply
    • CineYatra says:
      2 years ago

      शुक्रिया…

      Reply
  2. Rishabh Sharma says:
    2 years ago

    ओह माय गॉड एक और रीमेक!!!! सही ट्रेंड चल रहा है बॉलीवुड में, और दर्शक भी इस किस्म के बदलाव को खूब पसंद कर रहे हैं उन्हें कुछ नया और हट के चाहिए ये एक नए तरह का फास्ट फूड है! जी फाइव के पास काफी वरायटी है! यू टर्न के रिव्यु पढ़ कर उसके प्रति और जिज्ञासा बढ़ जाती है पर तर्क हमेशा बीच में आ ही जाते है! अलाया एफ फ्रेडी के बाद फिर सामने है अधिक तैयारी के साथ! ! धन्यवाद

    Reply

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