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Home फिल्म/वेब रिव्यू

वेब-रिव्यू : फिर ऊंची उड़ान भरते ‘रॉकेट बॉयज़ 2’

Deepak Dua by Deepak Dua
2023/03/22
in फिल्म/वेब रिव्यू
6
वेब-रिव्यू : फिर ऊंची उड़ान भरते ‘रॉकेट बॉयज़ 2’
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-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)

फरवरी 2022 में जब ‘रॉकेट बॉयज़’ नाम की वेब-सीरिज़ आई थी तो सोनी लिव वालों ने उसका एडवांस लिंक नहीं भेजा था। मैंने वह सीरिज़ काफी देर से देखी और तब उसका रिव्यू करने का कोई औचित्य नहीं था। इस बात का मुझे आज तक अफसोस है। उसके बाद सोनी लिव वाले कुछ न कुछ भेजते रहे लेकिन पिछले दिनों जब ‘राकेट बॉयज़ 2’ आई तो वे लोग फिर अकड़ गए और इसका लिंक नहीं भेजा। लेकिन इस बार मैं नहीं चूका और ‘रॉकेट बॉयज़’ के प्रति अपनी लालसा के चलते इसे देख ही डाला।

‘रॉकेट बॉयज़’ यानी हमारे देश के होमी जहांगीर भाभा, विक्रम साराभाई और ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे वे महान वैज्ञानिक जो भारत को ऊंचाइयों पर ले जाने का सपना देख रहे थे और अपने इस सपने को सच करने की खातिर दिन-रात जुटे हुए थे। लेकिन कुछ लोग आस्तीन के सांप बन कर उन्हें और इस देश को डसने को तैयार थे। देश के कुछ राजनेताओं के साथ-साथ विदेशी ताकतें भी उनकी राह में रोड़े बिछा रही थीं। बावजूद इसके होमी और विक्रम जैसे लोग भारत को विज्ञान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे थे। साथ ही वे अपनी-अपनी निजी ज़िंदगियों को भी साध रहे थे। इस सीरिज़ के पिछले सीज़न में जिस सधे हुए तरीके से यह सारी कहानी दिखाई गई उसे देख कर गर्व हुआ कि भारतीय सिनेमा किस ऊंचाई तक पहुंच सकता है और किस गहराई तक उतर सकता है। अब इस सीरिज़ के दूसरे सीज़न में यह ऊंचाई और ऊंची व यह गहराई और गहरी हुई है।

यह सीरिज़ सिर्फ भारत के वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष या परमाणु क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों को ही नहीं दिखाती बल्कि इस बात पर ज़्यादा तवज्जो देती है कि कैसे सीमित संसाधनों के साथ वे लोग राजनेताओं और अफसरों की सोच से जूझते हुए अपने काम को अंजाम दे रहे थे। पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी भारत की सुरक्षा में सेंध लगा रहे थे जबकि अमेरिका अपने पाले हुए प्यादों के ज़रिए हर पल भारत पर नज़र रख रहा था। यह सीरिज़ दिखाती है कि कैसे रूस में  प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री मृत पाए गए और इसके कुछ ही दिन में होमी जहांगीर भाभा प्लेन क्रैश में मारे गए जिससे भारत का परमाणु कार्यक्रम कई बरस पीछे चला गया। इसके बाद विक्रम साराभाई भी चले गए और बरसों बाद ए.पी.जे. अब्दुल कलाम व राजा रामन्ना ने पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया। साथ ही यह उस समय के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक हालात पर भी इस तरह से रोशनी डालती चलती है कि लगता है आप वैज्ञानिकों की कहानी के बरअक्स देश की कहानी देख रहे हैं।

कहानी, पटकथा, संवाद, निर्देशन, लोकेशन, सैट्स, बैकग्राउंड म्यूज़िक जैसे तमाम तकनीकी पक्ष इस सीरिज़ को समृद्ध बनाते हैं। इसे लिखने वालों को सलाम कहने का मन होता है। इसे बनाने वाले निखिल आडवाणी और निर्देशक अभय पन्नू को प्रणाम करने का मन होता है। प्रत्येक कलाकार की एक्टिंग इस कदर प्रभावी है कि यकीन होने लगता है कि हम कोई नाट्य रूपांतरण नहीं बल्कि अतीत के झरोखे में झांक कर बीते हुए कल को देख रहे हैं। जिम सरभ, इश्वाक सिंह, रेजिना कसांद्रा, सबा आज़ाद, रजत कपूर, दिब्येंदु भट्टाचार्य, नमित दास, अर्जुन राधाकृष्णन, चारू शंकर, राहुल देव शैट्टी जैसे हर कलाकार का काम उम्दा है।

कई जगह बेहद भावुक करती तो कभी काफी रोमांचित करती इस सीरिज़ को देखा, सराहा, पुरस्कृत किया जाना चाहिए। इस सीरिज़ के तीसरे सीज़न का भी बेसब्री से इंतज़ार होना चाहिए जिसमें ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के मिसाइल मैन बनने के सफर के साथ-साथ नंबी नारायण के साथ हुए अन्याय की भी बात हो। आखिर हम भारतीयों को यह तो पता चले कि विज्ञान की राह पर चलने वाले भी तपस्वियों, मनीषियों से कम नहीं होते।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-16 March, 2023

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

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Comments 6

  1. Dr. Renu Goel says:
    3 years ago

    Series se zyad apke reviews majedar hote h

    Reply
    • CineYatra says:
      3 years ago

      धन्यवाद

      Reply
  2. Shilpi rastogib says:
    3 years ago

    शानदार और जानदार रिव्यू पहले नहीं देखी लेकिन अब देखेंगे …

    Reply
    • CineYatra says:
      3 years ago

      धन्यवाद

      Reply
  3. Rishabh Sharma says:
    3 years ago

    ये पहली दफा है जब मैने आपके इस रिव्यू मे किसी फिल्म/ वेब सीरीज को परफैक्ट पाया! निर्देशन, कहानी, लोकेशन, सेट्स, अभिनय, संवाद, तकनीकी पक्ष सभी कुछ!! हमारे देश के महान वैज्ञानिक के सपनो को ऊंची उड़ान भरने के संघर्ष और राजनैतिक, सामाजिक सोच और हालात पर प्रकाश डालती ये सीरीज देशभक्ति से ओतप्रोत एक जज्बा है! जिसे हर भारतीय को देखना चाहिए! आपके रिव्यु पढ़ कर ये जोश और अधिक बढ़ गया! जय हिन्द

    Reply
    • CineYatra says:
      3 years ago

      धन्यवाद… जय हिन्द…

      Reply

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