-दीपक दुआ…
पारिवारिक फिल्में बनाते–बनाते यशराज बैनर अब ‘गर्म मसाला’ परोसने में लग गया है। यश चोपड़ा के बेटे आदित्य चोपड़ा की अगली फिल्म ‘बेफिक्रे’ का पोस्टर तो कम से कम यही कहता नजर आ रहा है।
आदित्य चोपड़ा की अगली फिल्म ‘बेफिक्रे’ का फर्स्ट लुक देख कर दर्शक हैरान हैं जिसमें इस फिल्म के हीरो-हीरोइन रणवीर सिंह और वाणी कपूर एक-दूसरे के होंठों पर चुंबन लेते दिखाई दे रहे हैं। यहां यह और बता दें कि अंगे्रजी में इस तरह के चुंबन को ‘किसिंग’ नहीं बल्कि ‘स्मूचिंग’ कहा जाता है। जाहिर है कि इस पोस्टर के आते ही खबरों का बाजार गर्म हो चुका है और आदित्य और यशराज बैनर की तरफ सवालिया निगाहें और उंगलियां भी उठने लगी हैं।
यशराज फिल्म्स की स्थापना भले ही यश चोपड़ा ने की हो लेकिन इस बैनर को सही मायने में एक कॉरपोरेट कंपनी में बदलने और विदेशों में भी इसकी धाक जमाने का काम अगर किसी ने किया तो वह यश जी के बड़े बेटे आदित्य ही हैं। छोटे उदय चोपड़ा ने चंद फिल्मों में एक्टिंग के नाम पर जो रायता बिखेरा उसे भी सही मायने में ‘आदि’ ने ही समेटा। अपने बैनर को आगे बढ़ाने की जुगत में आदित्य ने बतौर निर्माता ढेरों ऐसी फिल्मों पर भी दांव खेला जो यशराज की इमेज से मेल नहीं खाती थीं। एक वक्त तो ऐसा भी आया जब आदित्य के फिल्मों के चुनाव को लेकर यश जी ने दबे शब्दों में अपना विरोध भी जताया था। फिर रानी मुखर्जी से चले आदित्य के लंबे अफेयर और उनसे शादी रचाने के लिए अपनी पहली पत्नी पायल को तलाक देने के उनके फैसले के भी वह खिलाफ बताए जाते रहे। लेकिन हमेशा चुप रहने वाले आदित्य ने अपने मौन और अपनी बनाई फिल्मों की कामयाबी से यश जी को भी शांत बनाए रखा।
इस बीच खुद आदित्य ने बतौर निर्देशक तीन फिल्में बनाईं। इन तीनों ही फिल्मों-‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’, ‘मोहब्बतें’ और ‘रब ने बना दी जोड़ी’ ने बेपनाह कामयाबी पाई। गौरतलब है कि यशराज बैनर से बाकी डायरेक्टर भले ही किसी भी फ्लेवर की फिल्में बनाते रहे मगर खुद आदित्य ने अपने बैनर की साख और इमेज के मुताबिक ही साफ-सुथरी, पारिवारिक और अपने पिता की ही तरह मोहब्बत के अहसास को पाक-पवित्र बताती फिल्में ही बनाईं। लेकिन लगता है आदित्य अब वक्त के साथ चलने को बेताब दिखाई दे रहे हैं।
‘बेफिक्रे’ हालांकि 9 दिसंबर को रिलीज होगी और अपनी किसी फिल्म के आने से आठ महीने पहले उसका फर्स्ट लुक जारी करना आदित्य का स्टाइल नहीं रहा है। बल्कि वह तो ऐन वक्त तक ‘छुपाओ और उत्सुकता बढ़ाओ’ की रणनीति पर चलने वालों में गिने जाते हैं। यहां तक कि आज जहां तमाम निर्माता अपनी फिल्म रिलीज होने से दो-चार या एक दिन पहले फिल्म इंडस्ट्री या फिल्म समीक्षकों के लिए शो रखते हैं, यशराज की फिल्में आज भी शुक्रवार से पहले किसी को नहीं दिखाई जातीं। ऐसे में आठ महीने पहले इस पोस्टर के आने के भी कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। फिल्मी पंडितों का मानना है कि इस पोस्टर को रिलीज कर के आदित्य असल में इस प्रतिकूल लगने वाली चीज के प्रति लोगों को अगले आठ महीने में अभ्यस्त करना चाह रहे हैं।
इस पोस्टर में रणवीर और वाणी कामुक अंदाज में हैं और वाणी की टोपी पर ‘हू केयर्स मान एमोर’ लिखा है जिसका अर्थ होता है ‘किसे फिक्र है मेरे प्यार की’। जाहिर है कि इस फिल्म में नायक-नायिका के बागी तेवर नजर आने वाले हैं जो जमाने की परवाह न करते हुए अपने प्यार को पाने की कोशिशें करते दिखाई देंगे। बता दें कि नायक रणवीर सिंह की शुरूआत यशराज की ही ‘बैंड बाजा बारात’ से हुई थी और आज युवतियों के बीच ‘हॉट प्रॉपर्टी’ बन चुके रणवीर यशराज के घरेलू हीरो हैं। वहीं वाणी की शुरूआत भी इसी बैनर की ‘शुद्ध देसी रोमांस’ से हुई थी जिसके लिए उन्हें फिल्म फेयर का बैस्ट डेब्यू का अवार्ड भी मिला था। वाणी को लेकर काफी उम्मीदें भी जताई गईं मगर उसके बाद से ही वाणी लापता रहीं और इस बीच साऊथ की एक फिल्म करने के बाद अब वह इस फिल्म में आ रही हैं।
इस फिल्म में और क्या होगा, कितना ‘खुलापन’ और ‘रंगीनियां’ आदित्य इसमें दिखाएंगे, इस बारे में कहीं कोई खबर नहीं है लेकिन वह कहते हैं न कि चंद दाने बता देते हैं कि हांडी में क्या पक रहा है। तो बस, समझ जाइए यह पोस्टर देख कर।
(नोट-मेरा यह आलेख ‘हरिभूमि’ समाचार पत्र में 17 अप्रैल, 2017 को प्रकाशित हुआ था)
(रिव्यू : ‘बेफिक्रे’ लव-स्टोरी नहीं लस्ट-स्टोरी है)
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए सिनेमा व पर्यटन पर नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)