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Home फिल्म/वेब रिव्यू

वेब-रिव्यू : बदले का रोमांच ‘आर या पार’ में

Deepak Dua by Deepak Dua
2022/12/30
in फिल्म/वेब रिव्यू
10
वेब-रिव्यू : बदले का रोमांच ‘आर या पार’ में
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

‘किसी से बदला लेने निकलो तो पहले दो कब्रें खोद लेना…!’

सदियों पहले कही चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस की इस बात के इर्द-गिर्द घूमती कहानी पर बनी डिज़्नी-हॉटस्टार की यह वेब-सीरिज़ आपको एक अलग माहौल में लेकर चलती है। ऐसे माहौल में जहां एक ऐसा आदिवासी कबीला है जिसने आज भी खुद को बाहरी दुनिया के संपर्क से परे रखा हुआ है। इस कबीले की ज़मीन के नीचे है बेशकीमती यूरेनियम का खज़ाना। एक बड़ा उद्योगपति इन्हें वहां से हटाने की चालें चलता है, इन्हें मारता है तो इसी कबीले का एक योद्धा सरजू उससे बदला लेने निकल पड़ता है। लेकिन बदले का दौर एक बार शुरू हो तो फिर थमता नहीं है।

किसी आदिवासी, गरीब, वंचित, मूल निवासी की ज़मीन या उस ज़मीन में छुपे किसी कीमती खज़ाने को कब्जाने के लिए उन्हें वहां से हटाने की बाहरी लोगों की साज़िशों की कहानियां पूरी दुनिया के सिनेमा में आती रही हैं। हॉलीवुड की ‘अवतार’ तक ने भी यही दिखाया था। इस नज़र से देखें तो मोहिंदर प्रताप सिंह के स्टोरी आइडिया में नई बात भले न हो, लेकिन तीन लेखकों की लिखी कहानी यह सवाल तो उठाती ही है कि आखिर कब तक पैसे की अंधी लालसा में संपन्न और बलशाली लोग निर्बलों पर अत्याचार करते रहेंगे? अपने जल, जंगल और ज़मीन को बचाने में जुटे लोगों को कब तक लुटना, पिटना और मरना होगा? लेखकों की टीम ने इस कहानी पर जिस किस्म की पटकथा तैयार की है, वह दर्शकों को बांधने का काम बखूबी करती है।

पहले एपिसोड में कहानी का वर्तमान से पीछे जाना और आखिरी एपिसोड में लौटना इसे एक मनोरंजक कलेवर देता है जिसमें नायक सरजू के खलनायक बनने की कहानी के समानांतर समाज के विभिन्न वर्गों के किरदार सामने आते हैं। ये किरदार ही इस कहानी को रोचक बनाते हैं जिनमें पैसे के पीछे भाग रहा लेकिन कैंसर से मर रहा अरबपति उद्योगपति है, अपनी छोटी-सी दुनिया में मस्त आदिवासी हैं, आदिवासियों के भले में जुटी एक डॉक्टर है, उनके भले की आड़ में उनका इस्तेमाल कर रहा एक कांट्रेक्ट किलर है, सारे खेल को सुलझाने में जुटा ईमानदार पुलिस अफसर है और साथ हैं ढेरों छोटे-बड़े दिलचस्प किरदार जिनके पर्दे पर आने से कहानी का प्रवाह बना रहता है। लिखने वालों ने इन किरदारों को जो रूप, पहनावा और भंगिमाएं दी हैं, उनसे ये और असरदार ही हुए हैं। आदिवासी किरदारों की बोली को लेकर किया गया प्रयोग भी अच्छा और समझदारी भरा है।

सरजू के किरदार में परेश रावल के पुत्र आदित्य रावल ने प्रभावी शुरुआत की है। उनके चेहरे पर मासूमियत है और काम में निखार की संभावना, लेकिन आत्मविश्वास की भरपूर मौजूदगी उन्हें एक उम्दा अभिनेता के तौर पर अवश्य स्थापित करेगी। सरजू के पिता और आदिवासी कबीले के मुखिया के रूप में वरिष्ठ अभिनेता बचन पचहरा को एक लंबा और प्रभावशाली रोल मिला जिसे उन्होंने बेहद सधे हुए ढंग से निभाया भी। डॉक्टर संघमित्रा बनीं पत्रलेखा पॉल (राजकुमार राव की पत्नी), उद्योगपति बने आशीष विद्यार्थी, उनकी पत्नी बनीं शिल्पा शुक्ला, पुलिस अफसर बने सुमित व्यास आदि भी उम्दा रहे। पुलप्पा बने दिब्येंदु भट्टाचार्य ने बेहतरीन अभिनय की बानगी पेश की। नर्वस होते समय अपने नाखून चबाने की उनकी अदा आकर्षक है। अन्य कलाकारों में आसिफ शेख, नकुल रोशन सहदेव, मधुर अरोड़ा, मोंटी बाबा, द्रुही आनंद पोटे, भागीरथी बाई, वरुण भगत जैसे सभी कलाकारों ने भरपूर साथ निभाया। अंत में वरुण बडोला और सुज़ेन बर्नेट जैसे अदाकारों के आने से साफ है कि इस सीरिज़ के अगले सीज़न में और भी कुछ बढ़िया होने वाला है।

वास्तविक लोकेशन, उम्दा कैमरागिरी, शानदार एक्शन, सधे हुए निर्देशन और कसी हुई एडिटिंग वाली इस सीरिज़ में इतना रोमांच और मनोरंजन तो है ही कि कहीं-कहीं महसूस होने वाली स्क्रिप्ट की लड़खड़ाहट को अनदेखा किया जा सके। थ्रिल पसंद है तो देख लीजिए इसे।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-30 December, 2022 on Disney+Hotstar

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

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Comments 10

  1. Dr. Renu Goel says:
    3 years ago

    Ekdam hat ke

    Reply
    • CineYatra says:
      3 years ago

      धन्यवाद

      Reply
  2. Rakesh Om says:
    3 years ago

    वाह! अब तो ज़रूर देखी जायेगी 🥳

    Reply
    • CineYatra says:
      3 years ago

      धन्यवाद

      Reply
  3. Nafees Ahmed says:
    3 years ago

    Thanks Deepak Ji for a great and visualised review of the movie.

    Yes, you are right, many of the movies are available on the subject in India as well as out of India.

    Definitely, i will try to watch this series/movie as per the review for a good experience and entertainment.

    Reply
    • CineYatra says:
      3 years ago

      शुक्रिया

      Reply
  4. Dilip Kumar says:
    3 years ago

    आपने लिखा दिलचस्प तो होगी जरूर,देखेंगे, शुक्रिया पूरे साल हमें बेहतरीन कंटेट बताने के लिये 💐

    Reply
    • CineYatra says:
      3 years ago

      धन्यवाद…

      Reply
  5. Rishabh Sharma says:
    3 years ago

    आपके द्वारा किए गए रिव्यू पढ़ने के बाद फ़िल्म को देखने का एक अलग ही मजा है!! कितनी दफा जिन फिल्मों की तरफ ध्यान भी नहीं जाता आपके रीव्यू के बाद उनके प्रति भी दिलचस्पी बढ़ जाती है! कहानी, किरदार, शानदार अभिनय, खूबसूरत लोकेशन, उम्दा कैमरा वर्क, और सधा हुआ निर्देशन जब उतना सब कुछ एक साथ हो तो फिल्म जरूर देखी जानी चाहिए! धन्यवाद

    Reply
    • CineYatra says:
      3 years ago

      धन्यवाद…

      Reply

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