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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-अंतस तक भिगो देती है ‘2018’

Deepak Dua by Deepak Dua
2023/06/07
in फिल्म/वेब रिव्यू
0
रिव्यू-अंतस तक भिगो देती है ‘2018’
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-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)

हिन्दी से इतर अपने यहां की दूसरी भाषाओं में आ रही उम्दा फिल्मों से अक्सर हिन्दी के दर्शक वंचित रह जाते हैं। लेकिन पिछले तीन-चार साल में ओ.टी.टी. की बढ़त के चलते ये फासले कम हुए हैं और हिन्दी वालों ने ऐसी कई फिल्मों को डब वर्ज़न में या सबटाइटल्स के साथ देखा है जिन्हें वे आमतौर पर नहीं देख पाते। ऐसी उम्दा फिल्मों में मलयालम भाषा की फिल्मों को सिनेप्रेमी दर्शकों का विशेष स्नेह मिलता रहा है। हाल ही में रिलीज़ हुई मलयालम फिल्म ‘2018’ को भी बहुत पसंद किया जा रहा है जिसने रिलीज़ होने के चंद ही दिनों में न सिर्फ 200 करोड़ का कारोबार कर लिया बल्कि यह मलयालम सिनेमा के इतिहास में अभी तक की सबसे ज़्यादा कलैक्शन करने वाली फिल्म भी बन चुकी है। अभी तक इस स्थान पर 2016 में आई ‘पुलिमुरुगन’ 152 करोड़ के आंकड़े के साथ बैठी हुई थी लेकिन ‘2018’ ने कुछ ही दिनों में उसकी जगह छीन ली। खास बात यह भी है कि मई के महीने में थिएटरों में रिलीज़ होने के एक ही महीने में यह फिल्म मलयालम के साथ-साथ तमिल, तेलुगू, कन्नड़ व हिन्दी में डब होकर सोनी लिव पर आ चुकी है और वहां भी खासी वाहवाही बटोर रही है।

अगस्त, 2018 में भारी बारिश के चलते केरल के काफी बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई थी। राज्य के 54 में से 35 बांधों को लबालब भरने के चलते खोल दिया गया था। कई जगह भूस्खलन हुआ, हज़ारों गांव डूबे, सैंकड़ों इंसान और मवेशी इस आपदा में मारे गए थे। कोच्चि एयरपोर्ट के रनवे समेत हज़ारों घर बर्बाद हुए, लाखों लोगों को कई दिन तक राहत शिविरों में रहना पड़ा और हज़ारों करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। लेकिन ऐसे विकट समय में भी बहुत सारे लोग दूसरों की मदद कर रहे थे। कइयों ने तो दूसरों को बचाने के लिए अपनी जान भी जोखिम में डाली थी। यह फिल्म ऐसे ही कुछ लोगों की कहानी है और शायद इसीलिए इस फिल्म का पूरा नाम ‘2018-एवरीवन इज ए हीरो’ है।

इस मिज़ाज की ‘सरवाइवल-थ्रिलर’ फिल्मों की तरह इस फिल्म में भी कई किरदार और उनकी अलग-अलग कहानियां हैं। एक टी.वी. रिर्पोटर, एक ट्रक ड्राइवर, फौज से भाग कर आया एक युवक जिसे गांव के बाकी लड़के चिढ़ाते हैं, उसकी प्रेमिका जो एक टीचर है, एक अंधा दुकानदार, मॉडल बनने की कोशिश में जुटा एक युवक जिसे खुद को मछुआरे का बेटा कहने में शर्म आती है, उसका मज़ाक उड़ाने वाला उसकी गर्लफ्रैंड का पिता, पौलैंड से केरल घूमने आए दो पर्यटक और उनका टैक्सी वाला, विदेश में रह रहा एक युवक जिसका अपनी पत्नी से तलाक हो रहा है, एक गर्भवती औरत और उसकी बच्ची, मानसिक तौर पर कमज़ोर एक बालक और उसके माता-पिता जैसे बहुत सारे किरदार मिल कर फिल्म के पहले घंटे में कहानी का ताना-बाना रचते हैं। इस एक घंटे में ऐसा लगता है कि जैसे इन्हीं कहानियों में दर्शकों को उलझाए रखा जाएगा। लेकिन फिर बारिश होती है, बाढ़ आती है और सब कुछ भीग जाता है-फिल्म के अंदर भी और इधर दर्शकों के दिलों व आंखों में भी।

लेखक-निर्देशक जूड एंथोनी जोसेफ अपनी कारीगरी से पर्दे पर एक ऐसा अद्भुत संसार रच पाने में कामयाब रहे हैं जो कभी आपको दहलाता है, कभी रोमांचित करता है। ‘2018’ को देखते हुए कभी आपकी मुठ्ठियां भिंचती हैं, उनमें पसीना आता है। इसे देख कर कभी दिल पिघलता है, कभी चेहरे पर मुस्कान आती है और अंत आते-आते यह फिल्म आपकी आंखों को नम कर जाती है।

मलयाली सिनेमा के ढेरों सधे हुए कलाकारों वाली इस फिल्म को मिस मत कीजिएगा। यह हमें इंसान बने रहना सिखाती है। इस फिल्म में तीन घंटे का एंटरटेनमैंट भले ही न हो लेकिन यह एक ऐसी मास्टरपीस फिल्म ज़रूर है जो आपके दिल में जगह बनाती है। जिसे आप अपनी अगली पीढ़ी को गर्व से सौंप सकते हैं, यह कहते हुए कि इसे ज़रूर देखना, यह हमारे वक्त के सार्थक सिनेमा की धरोहर है।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-07 June, 2023 on SonyLiv

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए सिनेमा व पर्यटन पर नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: 20182018 malayalam2018 reviewjude anthany josephkunchacko bobanmalayalamtanvi ramTovino Thomas
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