-दीपक दुआ…
देश के चुनिंदा फिल्म समीक्षकों की संस्था ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ हर साल की तरह इस बार भी ‘क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड’ देने जा रही है। इस बार होने जा रहे अवार्ड्स के लिए साल 2022 में सिनेमाघरों और विभिन्न ओ.टी.टी. मंचों पर रिलीज़ हुईं तमाम भारतीय भाषाओं की फिल्मों को क्रिटिक्स की कई टीमों ने देखा और कई राउंड्स के बाद उनमें से चुनिंदा फिल्मों व उनसे जुड़े लोगों को फाइनल में जगह मिली। अब इन फिल्मों को गिल्ड के तमाम सदस्य क्रिटिक्स रैंकिंग दे रहे हैं जिनमें से सर्वश्रेष्ठ को पुरस्कृत किया जाएगा। मुमकिन है आप लोगों ने इनमें से कुछ फिल्में देखी हों। न देखी हों तो देख डालिए क्योंकि ये पिछले साल की बेहतरीन फिल्में हैं। आइए, इनके नामांकनों पर नज़र डालते हैं-
बैस्ट फिल्म-
इस अवार्ड के लिए 10 फिल्मों में कड़ा मुकाबला है। ये हैं-मलयालम की ‘अरियिप्पु’, ‘भूताकालम’, ‘पडा’, ‘थल्लुमाला’, हिन्दी की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’, ‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’, तमिल की ‘गार्गी’, ‘कदाइसी विवासाइ’, ‘सेथुमान’ और तेलुगू की ‘आरआरआर’।
बैस्ट डायरेक्टर-
इस खिताब के लिए नामित हुए पांच लोगों में हिन्दी की ‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’ (अनामिका हकसर), तमिल की ‘कदाइसी विवासाइ’ (एम. मणिकंदन), हिन्दी की ‘मोनिका ओ माई डार्लिंग’ (वासन बाला), हिन्दी की ‘आरके/आरके’ (रजत कपूर) और तेलुगू की ‘आरआरआर’ (एस.एस. राजामौली) के बीच टक्कर हो रही है।
बैस्ट एक्टर-
इस वर्ग में जिन पांच अभिनेताओं को नामांकित किया गया है वे हैं-हिन्दी की ‘बधाई दो’ के लिए राजकुमार राव, मलयालम की ‘अरियिप्पु’ के लिए कुंचाको बोबन, कन्नड़ की ‘कांतारा’ के लिए ऋषभ शैट्टी, तमिल की ‘पोन्नियिन सेल्वन 1’ के लिए कार्ति और मलयालम की ‘थल्लुमाला’ के लिए टोविनो थॉमस।
बैस्ट एक्ट्रैस-
इस अवार्ड के लिए मलयालम की ‘19(1)(ए)’ के लिए नित्या मैनन, मलयालम की ही ‘भूताकालम’ के लिए रेवती’, हिन्दी की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के लिए आलिया भट्ट’, तमिल की ‘गार्गी’ के लिए सई पल्लवी व हिन्दी की ‘जलसा’ की शेफाली शाह के बीच भिड़ंत हो रही है।
बैस्ट सपोर्टिंग एक्टर-
इस पुरस्कार के लिए जिन पांच अभिनेताओं को फाइनल में जगह मिली है वे हैं-‘19(1)(ए)’ (मलयालम) के लिए विजय सेतुपति, हिन्दी की ‘एन एक्शन हीरो’ के लिए जयदीप अहलावत, तमिल की ‘कदाइसी विवासाइ’ के लिए विजय सेतुपति, मलयालम की ‘थल्लुमाला’ के लिए शाइन टॉम चाको और तमिल की ‘विक्रम’ के लिए फहाद फासिल।
बैस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रैस-
‘बधाई दो’ (हिन्दी) की शीबा चड्ढा, ‘डार्लिंग्स’ (हिन्दी) की शेफाली शाह, ‘मोनिका ओ माई डार्लिंग’ (हिन्दी) की राधिका आप्टे, ‘क़ला’ (हिन्दी) की स्वास्तिका मुखर्जी और ‘विटनेस’ (तमिल) की श्रद्धा श्रीनाथ के बीच इस अवार्ड को पाने के लिए मुकाबला होगा।
बैस्ट राइटिंग-
जिन पांच फिल्मों के लेखक इस अवार्ड के लिए आपस में टकरा रहे हैं, वे हैं- तमिल की ‘गार्गी’ के हरिहरन राजू व गौतम रामचंद्रन, हिन्दी की ‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’ की अनामिका हकसर व लोकेश जैन, तमिल की ‘कदाइसी विवासाइ’ के एम. मणिकंदन, हिन्दी की ‘मोनिका ओ माई डार्लिंग’ के योगेश चंदेकर और हिन्दी की ‘आरके/आरके’ को लिखने वाले रजत कपूर।
बैस्ट सिनेमैटोग्राफी-
जिन पांच फिल्मों के कैमरावर्क को सबसे ज़्यादा सराहा गया और उनके डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी को इस वर्ग में नामांकन मिला, वे हैं- हिन्दी की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के सुदीप चटर्जी, हिन्दी की ‘घोड़े को जलेबी खिलाने ले जा रिया हूं’ के सौम्यानंद साही, हिन्दी की ‘मोनिका ओ माई डार्लिंग’ के स्वप्निल एस. सोनावने, तमिल की ‘पोन्नियिन सेल्वन 1’ के रवि वर्मन, और हिन्दी की ‘क़ला’ के सिद्धार्थ धवन।
बैस्ट एडिटिंग-
जिन पांच फिल्मों को बेहद कसी हुई मान कर इस वर्ग में नामित किया गया उनके संपादकों के नाम हैं- अतानु मुखर्जी-‘मोनिका ओ माई डार्लिंग’ (हिन्दी), सुरेश पाल-‘आरके/आरके’ (हिन्दी), ए. श्रीकर प्रसाद-‘आरआरआर’ (तेलुगू), निषाद यूसुफ-‘थल्लुमाला’ (मलयालम) और फिलोमिन राज-‘विक्रम’ (तमिल)।
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)