• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू : ‘वॉर 2’-एक्शन मस्त कहानी पस्त

Deepak Dua by Deepak Dua
2025/08/15
in फिल्म/वेब रिव्यू
5
रिव्यू : ‘वॉर 2’-एक्शन मस्त कहानी पस्त
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

करीब छह बरस पहले जब सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में हृतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ वाली फिल्म ‘वॉर’ आई थी तो मैंने उसके रिव्यू में लिखा था-‘‘यह फिल्म पूरी तरह से पैसा वसूल एंटरटेनमैंट परोसती है। इसे ‘जानदार’ या ‘शानदार’ से ज़्यादा इसके ‘मज़ेदार’ होने के लिए देखा जाना चाहिए।’’

(रिव्यू-यह ‘वॉर’ है मज़ेदार)

दरअसल इस किस्म की फिल्में दर्शक को एक ऐसे आभासी संसार में ले जाती हैं जिनके बारे में हमें पता होता है कि इसमें जो दिखाया जा रहा है वैसा न हुआ है, न हो सकता है। लेकिन पर्दे पर दिख रहे इस संसार की रंगीनियां, मस्ती, चमक-दमक और रफ्तार हमें ‘मज़ेदार’ लगती हैं और हम कुछ घंटों के लिए उनमें खो-से जाते हैं। सस्पैंस, रोमांच, एक्शन और आंखों को भाने वाले दृश्यों का जो आभामंडल इस किस्म की फिल्में रचती हैं, वह हमें लुभाता है और ‘बॉलीवुड’ इन्हीं मसालों को हमें बार-बार परोस कर हमें खुश और खुद को अमीर बनाता है। लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि इन मसालों की खुशबू और क्वालिटी उतनी दमदार नहीं बन पाती कि हमारे दिल में गहरे उतर सके। ‘वॉर 2’ में यही हुआ है।

‘वॉर’ का एजेंट कबीर (हृतिक रोशन) देश के दुश्मनों के बीच जगह बनाने के लिए देश की नज़र में गद्दार हो गया था। इस बार वह दुश्मनों के बीच पहुंच चुका है लेकिन उसका मुकाबला करने के लिए एक और एजेंट विक्रम (एनटीआर जूनियर) आ पहुंचा है। इन दोनों की तनातनी के बीच देश-दुनिया पर कब्जा करने की खलनायकों की कोशिशें इस फिल्म की कहानी को आगे ले जाती हैं। बीच-बीच में बहुत सारे ट्विस्ट आते हैं और कहानी व किरदार यहां से वहां पलटी भी मारते हैं। अंत में, ज़ाहिर है कि यशराज फिल्म्स के स्पाई यूनिवर्स का हिस्सा बनते हुए यह फिल्म अपने अगले भाग की संभावना के साथ खत्म होती है।

‘वॉर’ की ही तरह ‘वॉर 2’ भी अपने पहले ही सीन से कहानी का मिज़ाज और उसका ट्रैक बता देती है। यदि आप फिल्म शुरू होने के बाद थिएटर में पहुंचे तो इस पहले सीन का आनंद खो बैठेंगे। लेकिन जल्द ही अहसास होता है कि इस बार कहानी का ताना-बाना काफी कमज़ोर रचा गया है। खासतौर से किरदारों की बैक-स्टोरी बहुत बोरिंग और हल्की रही है। लॉजिक के धागे तो ऐसी फिल्मों में ढीले पड़ते ही हैं लेकिन इस बार फिज़िक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी के नियमों की जो धज्जियां उड़ाई गई हैं, वे इस बात को फिर से स्थापित करती हैं कि ‘बॉलीवुड’ दर्शकों मूर्ख मानता है और काफी हद तक खुद दर्शक भी यही सोचते हैं। इस बार फिल्म बनाने वालों का फोकस कहानी को खिसकाने पर कम और लंबे-लंबे एक्शन-सीक्वेंस के ज़रिए दर्शकों को लुभाने पर ज़्यादा रहा है। ये एक्शन-सीक्वेंस हैं भी मस्त, लेकिन एक वक्त के बाद ये ज़रूरत से ज़्यादा लंबे लग कर अखरने लगते हैं। अंत में बर्फ की गुफा वाला सीक्वेंस तो पूरी तरह से गैर-ज़रूरी लगा जहां दो लोग अपना-अपना काम छोड़ कर सिर्फ ईगो शांत करने के लिए भिड़ रहे हैं।

इस फिल्म में जेम्स बॉण्ड, मिशन इम्पॉसिबल जैसी फिल्मों की तरह मस्त एक्शन परोसा गया है लेकिन पस्त कहानी के चलते यह एक्शन सिर्फ फौरी मज़ा देता है। फिल्म खत्म होने के कुछ घंटे बाद जब झाग बैठ जाती है तो आप सोचते है कि इस फिल्म से आखिर आपको ‘हासिल’ क्या हुआ? वैसे इस किस्म की मसाला फिल्मों से ज़्यादा कुछ ‘हासिल’ करने की उम्मीद लगाना भी सही नहीं होगा। कसूर इस बार लिखाई का ज़्यादा रहा है। ‘वॉर’ में निर्देशक सिद्धार्थ आनंद खुद कहानी और पटकथा लिखने में शामिल थे, मगर ‘वॉर 2’ के निर्देशक अयान मुखर्जी ने ऐसी कोई कसरत नहीं की है। ऐसा लगता है कि उनकी अगली फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र 2’ की शूटिंग के बीच-बीच मे उनसे ‘वॉर 2’ में हाथ साफ करवाया गया है।

हृतिक रोशन हमेशा की तरह स्टाइलिश रहे हैं। हाल के बरसों में दक्षिण के कलाकारों को लेकर पैन-इंडिया टाइप की फिल्म बनाने का जो बुखार फैला है उसके चलते ‘वॉर 2’ में आए एनटीआर जूनियर कामचलाऊ ही लगे। ऐसी फिल्मों में नायिकाएं जिस ‘काम’ के लिए रखी जाती हैं, उसे पिछली बार वाणी कपूर ने तो इस बार कियारा आडवाणी ने अच्छे-से किया। बाकी, आशुतोष राणा, अनिल कपूर, वरुण वडोला, सोनी राज़दान, दिशिता सहगल, के.सी. शंकर आदि अपने-अपने किरदारों को बखूबी निभा गए। गीत-संगीत रंग-बिरंगा, स्टाइलिश है जिसे ‘देखना’ सुहाता है। फिल्म आधा दर्जन देशों में घूमती है और कैमरा मनभावन सीन कैप्चर करता है।

इस फिल्म में एक किरदार अपने बचपन में जब दूसरे को अपनी कहानी सुनाता है तो दूसरा कहता है-तू एल.डी.बी.डी. मत सुना। एल.डी.बी.डी. यानी लंबी दर्द भरी दास्तान। यह फिल्म भी दरअसल एक एल.डी.बी.डी. ही है, एल.डी.बी.डी. बोले तो…!

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-14 August, 2025 in theaters

(दीपक दुआ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ–साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब–पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)

Tags: aditya chopraAnil Kapoorashutosh ranaAyan Mukherjeedishita sehgalHrithik Roshank.c. shankarkiara advanintr juniorsoni razdanvarun badolawar 2war 2 reviewyashraj filmsyrf
ADVERTISEMENT
Previous Post

बुक-रिव्यू : पर्दे की परियों का पुराण

Next Post

रिव्यू-बंदिशों के गीत सुनाती ‘सांग्स ऑफ पैराडाइज़’

Next Post
रिव्यू-बंदिशों के गीत सुनाती ‘सांग्स ऑफ पैराडाइज़’

रिव्यू-बंदिशों के गीत सुनाती ‘सांग्स ऑफ पैराडाइज़’

Comments 5

  1. B S BHARDWAJ says:
    2 months ago

    सही कहा आपने कल देखी ये फिल्म। समझ में नहीं आया कि आखिर क्या सोच कर ये फिल्म बनाई गई है??

    Reply
  2. Utpal Datta says:
    2 months ago

    Liked the review of रिव्यू : ‘वॉर 2’-एक्शन मस्त कहानी पस्त |

    Reply
    • CineYatra says:
      2 months ago

      thanks Sir…

      Reply
  3. Nafees says:
    1 month ago

    अति सुंदर…..
    रंग भरी दुनिया क़े अतरंगी रंग….

    Reply
  4. Kamlesh Singh says:
    1 month ago

    दो बार पढ़ें😐

    Reply

Leave a Reply to CineYatra Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – dua3792@yahoo.com

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment

No Result
View All Result
  • होम
  • फिल्म/वेब रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment