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Home यादें

यादें-उस मनहूस दिन मैं भी उपहार सिनेमा में था…

Deepak Dua by Deepak Dua
2017/06/13
in यादें
0
यादें-उस मनहूस दिन मैं भी उपहार सिनेमा में था…
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–दीपक दुआ…

13 जून, 1997। दिन शुक्रवार। जे.पी. दत्ता की फिल्म ‘बाॅर्डर’ की रिलीज का दिन। आने से पहले ही फिल्म की हवा बन चुकी थी और रिलीज के दिन हर तरफ इसके चर्चे थे। इसी दिन दक्षिणी दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके के ‘उपहार ग्रैंड’ सिनेमा हाॅल में दोपहर 3 बजे के शो में लगी आग में 59 जानें चली गई थीं और दसियों सिनेप्रेमी घायल हुए थे। एक सच यह है कि यह शो शुरू होने से कुछ देर पहले मैं भी वहीं था।

दरअसल इस हादसे से कुछ दिन पहले ‘उपहार’ के मालिकों ने काफी पैसे लगा कर थिएटर को चमकाया था और दिल्ली के चंद पत्रकारों को वह सब देखने के लिए बुलाया भी था। उन दिनों मैं ‘चित्रलेखा’ फिल्म पत्रिका के लिए लिखा करता था और नए अंक में ‘उपहार’ के बारे में खबर छपी थी। उस दिन किसी काम से वहां से गुजर रहा था सो सोचा कि क्यों न उस अंक की प्रति वहां देता चलूं। दोपहर करीब ढाई बजे मैं वहीं था। प्रति दी तो सामने से ऑफर मिला कि रुकिए, अगले शो में ‘बाॅर्डर’ देख कर जाइएगा। लेकिन वह दिन पहले ही कइयों के नाम हो चुका था सो उस ऑफर को ठुकरा कर अपन वहां से चल दिए। जब देर शाम घर पहुंचा तो पता चला कि आज फिल्म देखने का नहीं बल्कि मौत के मुंह में समाने का ऑफर ठुकराया है।

कई साल बीत चुके हैं। उस हादसे में अपनों को खोने वाले लोग अभी भी हर साल 13 जून को उन बिछड़े हुओं को याद करते हैं और रोते हैं। 13 जून का वह दिन मेरी स्मृतियों से भी कभी ओझल नहीं होता, हो भी नहीं सकता

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: 13 june 1997borderborder filmuphaar cinemauphaar fireuphaar granduphaar tragedyबॉर्डर
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