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Home फिल्म/वेब रिव्यू

रिव्यू-फ्रीकी नहीं ‘फिरकी’ अली है यह

Deepak Dua by Deepak Dua
2016/09/10
in फिल्म/वेब रिव्यू
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रिव्यू-फ्रीकी नहीं ‘फिरकी’ अली है यह
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-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)

गरीबों की बस्ती का एक आम इंसान। चड्डियां बेचने और हफ्ता वसूलने वाला एक अनाथ। एक दिन वह नामी गोल्फर बन जाए और अमीरों के इस खेल में पांच साल के चैंपियन को हरा दे तो कैसा लगेगा?

कहानी सच्ची भले न लगे, सुनने में अच्छी लगती है। वैसे भी किसी ‘अंडरडॉग’ के अपनी हैसियत और हद से बाहर जाकर जीत हासिल करने की कहानियां पूरी दुनिया को सुहाती हैं। कहानी यहां भी अच्छी है। मगर दिक्कत है कि उसे फैलाने में जिस कल्पनाशक्ति का इस्तेमाल होना था वह लेखक-मंडली के पास कम थी और उसे फिल्माने में जिस विज़न की जरूरत थी, डायरेक्टर सोहैल खान के भीतर वह मौजूद नहीं था।

सोहैल न तो गोल्फ के खेल की बारीकियों में जा पाए, न ही वह उस आम इंसान अली के संघर्ष और उसकी कोशिशों को कायदे से उभार सके। हां, फिल्म को हल्का-फुल्का फ्लेवर देने की अपनी कवायद में उन्होंने उन वन-लाइनर बातों, पंचेस और फूहड़ हरकतों का जरूर जम कर इस्तेमाल किया जिन्हें वह टी.वी. के कॉमेडी शोज़ में जज की कुर्सी पर बैठ कर लंबे अर्से से देखते-सुनते रहे हैं। लेकिन कॉमेडी के मैदान में भी यह फिल्म कोई बहुत बड़े तीर नहीं मारती। इससे तो बेहतर होता कि वह कृष्णा और सुदेश जैसों को ही ले लेते।

इस फिल्म (फ्रीकी अली) का कमजोर प्लाट इसे एक स्तर से ऊपर नहीं उठने देता। इस किस्म की कहानी को देखते हुए दर्शक के मन में उत्तेजना आनी चाहिए, उसे रोमांच होना चाहिए, उसकी मुठ्ठियां भिंचनी चाहिएं, आंखें नम होनी चाहिएं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। ऊपर से बार-बार टपकने वाला ‘फिल्मीपन’ इस कहानी की संजीदगी के साथ खिलवाड़ करने लगता है।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी का काम बढ़िया है। पूरी फिल्म उन्हीं के लिए ही देखी जा सकती है। जस अरोड़ा जंचे हैं। बाकी सब महज खानापूर्ति ही कर रहे थे। नवाज को मिले संवाद कुछ जगह उम्दा हैं। जैकी श्रॉफ अब फिरोज खान होते जा रहे हैं। संगीत हल्का है। हल्की तो खैर, यह पूरी फिल्म ही है। सोहैल को यह कहानी किसी काबिल निर्देशक को देनी चाहिए थी। इसे खुद बना कर उन्होंने इसकी फिरकी ले ली और इसी वजह से यह एक अच्छी फिल्म होते-होते रह गई।

अपनी रेटिंग-दो स्टार

Release Date-09 September, 2016

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: amy jacksonArbaaz KhanFreaky AliFreaky Ali ReviewJas AroraNawazuddin SiddiquiSohail Khan
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