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Home फिल्म/वेब रिव्यू

वेब रिव्यू-थोड़ी क्रैक, थोड़ी डाउन ‘क्रैकडाउन’

Deepak Dua by Deepak Dua
2020/11/02
in फिल्म/वेब रिव्यू
0
वेब रिव्यू-थोड़ी क्रैक, थोड़ी डाउन ‘क्रैकडाउन’
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-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)

दुश्मन गैंग का एक बंदा मर गया तो पुलिस वालों ने उसके किसी हमशक्ल को ट्रेनिंग देकर उनके गैंग में भेज दिया। एक न एक दिन तो उसकी पोल खुलनी ही थी। क्यों, याद आ गई न अमिताभ बच्चन वाली ‘डॉन’? आने दीजिए, हमारे फिल्मी लेखकों को इस बात की रत्ती भर भी परवाह नहीं होती कि आप उनकी लिखी कहानी के बारे में क्या सोचते हैं। उन्हें तो बस मनोरंजन परोसना होता है, चाहे इस शक्ल में परोसा जाए या उस शक्ल में। और इस वेब-सीरिज़ में तो इस्लामी आतंकवादी हैं, उन्हें पकड़ते रॉ के एजेंट हैं, इस पकड़म-पकड़ाई में कभी वे जीतते हैं तो हार भी जाते हैं। भई, अगला सीज़न भी तो बनाना है न।

इस किस्म की बहुतेरी कहानियां हम लोग देख चुके हैं। इस कहानी में भी कुछ नया या अनोखा नहीं है। वूट सलैक्ट पर आई इस सीरिज़ को लिखने वाले चिंतन गांधी और सुरेश नायर अनुभवी लेखक हैं। इसीलिए इस कहानी को उन्होंने ढेर सारे दोहराव के बावजूद कमोबेश थामे रखा है। ‘कमोबेश’ इसलिए, क्योंकि इसकी स्क्रिप्ट में न कोई नयापन है, न कोई ज़बर्दस्त वाला झटका, फिर भी इसे देखते हुए आप बोर नहीं होते और बहुत सारा न सही, हल्का रोमांच इसे देखते हुए बना रहता है।

कई औसत किस्म की फिल्में बना चुके अपूर्व लखिया आठ एपिसोड की इस सीरिज़ के निर्देशक हैं। हल्की स्क्रिप्ट की सीमाओं के बीच रहते हुए अपने काम को उन्होंने ठीक-ठाक ढंग से निभाया है। इस सीरिज़ की बड़ी खासियत है इसकी लोकेशंस। जहां तक संभव हुआ, इसे रियल लोकेशनों पर शूट किया गया है और इसीलिए इसे देखते हुए विश्वसनीयता बनी रहती है। लेकिन इस सीरिज़ की सबसे बड़ी कमज़ोरी है इसके कलाकार। मेन हीरो साक़िब सलीम के अभिनय की रेंज बहुत सीमित है। लीड एक्ट्रैस श्रिया पिलगांवकर औसत किस्म की अदाकारा हैं। सिर्फ एक राजेश तैलंग ही हैं जिन्हें एक्टिंग करते हुए देखने का मन करता है। बाकी सारे के सारे बहुत ही औसत किस्म के कलाकार लिए गए हैं। हैरानी होती है कि क्या अपूर्व को नामी और अनुभवी कलाकार मिले नहीं, या उन्होंने लिए नहीं!

हल्की कहानी, कमज़ोर स्क्रिप्ट, कच्चे कलाकारों वाली इस सीरिज़ का नाम ‘क्रैकडाउन’ क्यों है, यह इसे देखते हुए समझ नहीं आएगा। हां, यह ज़रूर समझ में आएगा कि यह सीरिज़ थोड़ी-सी ‘क्रैक’ है और थोड़ी-सी ‘डाउन’ भी। अब हर कोई महान चीज़ तो नहीं बना सकता न।

(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि सिरीज़ कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)

Release Date-23 September, 2021

(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)

Tags: apoorva lakhiaCrackdowncrackdown reviewrajesh tailangsaqib saleemshriya pilgaonkarvoot selectक्रैकडाउन
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