–दीपक दुआ…
‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ में नवाजुद्दीन सिद्दिकी की नायिका बन कर आई बिदिता बाग इन दिनों फिर चर्चा में हैं। इस महिला दिवस यानी 8 मार्च को उनकी नई फिल्म ‘द शोले गर्ल’ एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है। बिदिता बहुत उत्साह से इस बारे में बताती हैं, ‘यह फिल्म उन रेशमा पठान की जिंदगी पर बनी है जिन्हें हिन्दी सिनेमा की पहली स्टंट वुमैन माना जाता है। उन्होंने ‘शोले’ में हेमा मालिनी जी की बॉडी डबल के अलावा उस दौर की बहुत सारी नायिकाओं के लिए स्टंट किए थे। मुझे खुशी है कि मुझे इस रोल के लिए चुना गया और इसके कारण अब मेरे प्रोफाइल में ‘शोले’ जैसी महान फिल्म का नाम भी जुड़ गया है।’
इस रोल को करने के दौरान आईं चुनौतियों के बारे में बिदिता बताती हैं, ‘मुझे इसकी तैयारी के लिए बिल्कुल भी वक्त नहीं मिला। मैंने जो भी तैयारी की वह सैट भी ही हुई। मैंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली है और मैं कई साल से योग करती आ रही हूं। इस सब का मुझे बहुत फायदा पहुंचा। वैसे भी मुझे चुनौतीपूर्ण किरदार निभाना पसंद है। इस रोल में मैंने जो एक्शन किए, उसके लिए शारीरिक से ज्यादा दिमागी तौर पर मुझे मजबूत होना था और अपनी यूनिट के साथियों की मदद से मैं ऐसा कर पाने में कामयाब रही।’
(रिव्यू-‘द शोले गर्ल’ देखनी चाहिए? जी गुरु जी…!)
बिदिता बताती हैं कि इस फिल्म की शूटिंग करने से पहले वह असली रेशमा पठान से भी मिली थीं। ‘रेशमा जी इस समय 65 साल की हैं। उनसे मिलना मेरे लिए इसलिए जरूरी था क्योंकि मैं उनकी उस समय की मनोदशा जानना चाहती थी जब उन्होंने एक स्टंट वुमैन का काम शुरू किया था। क्या हालात रहे होंगे, क्या सोच रही होगी उनके परिवार की, उनकी। यह सब मुझे समझना था। रेशमा जी ने मुझे सब बताया और मुझे वह इतना प्यार करती थीं कि शूटिंग के दौरान वह हर समय मेरे साथ ही रहती थीं। मुझे यह जान कर अच्छा लगा कि वह आज भी सक्रिय हैं और फिल्मों में एक्टिंग कर रही हैं।’
अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में बिदिता बताती हैं, ‘बीच में कुछ समय बीमार रहने के कारण मुझे घर पर बैठना पड़ा लेकिन अब मैं लगातार काम कर रही हूं। दो-तीन वेब-सीरिज की हैं जो आ चुकी हैं, अभी भी दो-तीन में काम कर रही हूं। दो फिल्में ‘दया बाई’ और ‘टी फोर ताजमहल’ पूरी हो चुकी हैं। श्रेयस तलपड़े के साथ एक फिल्म ‘तीन दो पांच’ अभी पूरी की है। और भी बहुत कुछ है लाइन में। मुझे लगता है कि ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ से मुझे जो पहचान मिली, उससे मेरा अच्छा वक्त शुरू हो चुका है।’
(नोट-यह इंटरव्यू 31 मार्च, 2019 के ‘हिन्दुस्तान’समाचार-पत्र में प्रकाशित हुआ है।)
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए सिनेमा व पर्यटन पर नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)