-दीपक दुआ…
10 साल से ऊपर हो गए जब कॉमेडी के लिए चर्चित कपिल शर्मा बतौर हीरो अपनी पहली फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ लेकर आए थे। उस फिल्म में उन्होंने एक ऐसे युवक की भूमिका निभाई थी जिसे मजबूरी में तीन शादियां करनी पड़ती हैं और अब वह अपनी पसंद की लड़की से चौथा ब्याह रचाने जा रहा है। उस फिल्म में रोमांस की हल्की खुशबू के साथ कॉमेडी का तड़का था और दर्शकों ने उस फिल्म पर अपनी पसंदगी का ठप्पा भी लगाया था। यह फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं 2’ उसी कड़ी की अगली फिल्म है। लेकिन यह उसका सीक्वेल नहीं है बल्कि लगभग उसी कहानी पर फिर से बनाई गई फिल्म है-कुछ अलग तड़के के साथ
(पिछली वाली फिल्म ‘किस किस को प्यार करूं’ का रिव्यू पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें)
‘किस किस को प्यार करूं 2’ का हीरो मोहन जिस लड़की से प्यार करता है, उससे शादी के चक्कर में उसकी तीन शादियां हो जाती हैं लेकिन वह लड़की उसे नहीं मिलती। नया एंगल यह है कि मोहन बन कर वह मीरा से शादी करता है, महमूद बन कर रूही से और माइकल बन कर जेनी से। एक ही शहर में अलग-अलग जगह रह रही तीनों पत्नियों के साथ तालमेल बिठाते हुए मोहन को जो भागदौड़ करनी पड़ती है उससे कन्फ्यूज़न उपजती है और कॉमेडी भी। यही इस कॉमडी सर्कस जैसी दिखती फिल्म का निचोड़ है।
ऐसी बिना लॉजिक वाली कहानियों में दर्शकों से यह उम्मीद की जाती है कि वे अपने दिमाग के तारों को ढीला छोड़ कर पर्दे पर दिखाई जा रही ऊलजलूल हरकतों से तालमेल बिठाएं और जैसी कॉमडी उपज रही है, उसे लपक लें। इस नज़र से देखें तो यह फिल्म बुरी नहीं है। वैसे भी जिन अनुकल्प गोस्वामी ने इसे लिखा है उन्होंने ही पिछली वाली ‘किस किस को प्यार करूं’ लिखी थी और कपिल शर्मा के कॉमेडी शोज़ को भी वही लिखते रहे हैं। इस बार भी अनुकल्प ने वन-लाइनर्स, हाज़िरजवाबी से भरी चुटीली बातों से हास्य उपजाने की कोशिश की है और वह इसमें कमोबेश सफल भी रहे हैं। पिछली फिल्म जैसे अतरंगी किरदारों इसमें भी हैं लेकिन इस बार का मामला उतना तड़कीला, भड़कीला, चुटीला नहीं बन पाया है जो पिछली बार था।
पिछली वाली फिल्म के निर्देशक अब्बास-मस्तान थे जबकि इस बार निर्देशक का जिम्मा अनुकल्प गोस्वामी ने ही उठाया है और वह इसे ठीक-ठाक ढंग से निभा भी गए हैं। वैसे भी इस किस्म की हल्की-फुल्की फिल्म में कोई भारी-भरकम कसरतें नहीं की जाती हैं। किसी तरह से दर्शकों को हंसाओ और बीच-बीच में सर्वधर्म समभाव का मैसेज पिलाओ, हो गया मकसद पूरा।
कपिल शर्मा का काम सचमुच अच्छा है। पिछली बार हीरो के दोस्त के किरदार में वरुण शर्मा जो काम कर रहे थे इस बार वही काम मनजोत सिंह ने किया है और बहुत खूब किया है। असरानी, अखिलेंद्र मिश्रा, विपिन शर्मा, स्मिता जयकर, जेमी लीवर, सुप्रिया शुक्ला, सुशांत सिंह जैसे सधे हुए कलाकारों ने फिल्म को साधे रखा है। चारों लड़कियां-हीरा वरीना, आयशा खान, पारुल गुलाटी और त्रिधा चौधरी ने कामचलाऊ काम किया है। त्रिधा ने दर्शकों की आंखों को लुभाने का, गर्माने का काम भी बखूबी किया है।
गाने-वाने ठीक-ठाक हैं। पूरी फिल्म ही बस ठीक-ठाक है। कपिल के चाहने वालों को, फिल्में देख कर मुस्कुराने वालों को यह फिल्म पसंद आ सकती है, टाइमपास के लिए।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-12 December, 2025 in theaters
(दीपक दुआ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ–साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब–पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)
