-दीपक दुआ… (This Review is featured in IMDb Critics Reviews)
कहां है हॉलीवुड? सुन लो और कान खोल कर सुन लो कि अब हमारे पास ‘बाहुबली 2’ जैसी एक फिल्म है जो तुम्हारी फिल्मों को न सिर्फ टक्कर देती है बल्कि कहीं न कहीं उनसे इक्कीस ही साबित होती है। यकीन न आए तो देख लो और आंखें मसल कर देख लो कि हमारे पास भी अब वह काबिलियत और कुव्वत है जिस पर कभी सिर्फ तुम्हारी बपौती हुआ करती थी।
जी हां, ‘बाहुबली’ देखते समय अगर आपने सोचा था कि इतनी भव्यता तो अब तक सिर्फ हॉलीवुड की फिल्मों में ही होती थी और हमने उसका जवाब दे दिया है तो यकीन मानिए कि ‘बाहुबली 2’ को देखते समय आपका सिर गर्व से ऊंचा हो जाएगा, कंधे चौड़े होंगे, छाती दम भर फूलेगी और मन कहेगा कि उतने ही जोर से चीख कर आप भारतीय सिनेमा की जय कहें जितने जोर से सामने पर्दे पर जय माहिष्मती का उद्घोष होता है।
यह फिल्म सिर्फ ‘कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?’ का ही जवाब नहीं देती है बल्कि यह उन तमाम लोगों के उन तमाम सवालों के जवाब देती है जो भारतीय सिनेमा पर उठाए जाते हैं। कहीं-कहीं मामूली तौर से हल्की पड़ती यह फिल्म हिन्दी फिल्मों के कारोबारियों के लिए एक उम्दा सबक है कि अब राग-विलाप छोड़ कर अपने यहां की प्रतिभाओं को छूट और इज्जत दीजिए। एक सबक दर्शकों के लिए भी है कि जरा आसपास नजरें दौड़ाइए, भव्य फिल्म आए सिर्फ तभी नहीं, बल्कि दूसरी भाषाओं में बनने वाली अच्छी फिल्में ढूंढिए, देखिए, सराहिए ताकि हिन्दी में भी और बेहतर सिनेमा बन कर आ सके।
‘बाहुबली 2’ को बिना सवाल उठाए देखिए और फख्र कीजिए कि आप ऐसे समय में हैं जब यह फिल्म बन कर आई है।
पढ़ें, मेरा आलेख… ‘बाहुबली 2’ का रिव्यू… कौन पढ़ना चाहता है…?
अपनी रेटिंग-चार स्टार
Release Date-28 April, 2017
(दीपक दुआ फिल्म समीक्षक व पत्रकार हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। मिज़ाज से घुमक्कड़। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के अलावा विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल आदि के लिए नियमित लिखने वाले दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य हैं और रेडियो व टी.वी. से भी जुड़े हुए हैं।)
लाजवाब कर दिए सर, मैंने राजामौली जी की बाहुबली भी देखी और आर आर भी, फिल्में बहुत कम देखता आया हूँ लेकिन बाहुबली के बाद आर आर आर का क्रेज देखा तो उसे भी देखने चला गया, लेकिन इसमें वह सब न मिला कुछ छूटा छूटा सा लगा, फिर ग्रुप में सभी के रिव्यु भी देखे तो मन में ख्याल आया कि आपका रिव्यु भी पढ़ने को मिल जाता एक बार, सच कहूं तो रिव्यु में एकदम दिल की बात कही है आपने, बहुत बहुत शुक्रिया आपका।
आभार…