-दीपक दुआ… (This review is featured in IMDb Critics Reviews)
एक लड़की है स्कूल में जिसके लिए ब्वॉय फ्रैंड बनाना पहली प्राथमिकता है। उसकी मां उसी स्कूल में टीचर है लेकिन वह लड़की रूल्स तोड़ना अपना हक समझती है। पढ़ाई की बजाय उसका ध्यान लड़कों में रहता है। मां-बाप समझाते हैं तो वह उन्हें धमकियां देती है। स्कूल के बाद कॉलेज, कॉलेज के बाद नौकरी करते हुए भी वह बदलती नहीं है। नियमों और परंपराओं से बगावत उसकी फितरत है। लोगों की नज़रों में ऐसी लड़कियां खराब होती हैं। वह भी ‘बैड गर्ल’ है। लेकिन अपनी नज़र में वह सही है, बिल्कुल सही।
यह असल में एक तमिल फिल्म है जो कई फिल्मोत्सवों में तालियां पाने के बाद पिछले दिनों रिलीज़ हुई और अब तीन हफ्ते बाद हिन्दी में डब होकर थिएटरों में आई है। क्यों आई है, यह तो निर्माता अनुराग कश्यप और वेत्रीमारन ही जानें क्योंकि बहुत जल्द यह जियो हॉटस्टार पर उपलब्ध हो ही जाएगी। वैसे भी हिन्दी के दर्शकों के लिए इसमें ऐसा कोई खास आकर्षण है नहीं कि कोई पैसे और वक्त खर्च कर थिएटर का रुख करे। ऊपर से यह कहां और कितने शो में रिलीज़ हुई है, उसका भी कुछ खास पता-ठिकाना नहीं है।
यह दरअसल वैसी ‘वोक’ किस्म की फिल्म है जिसमें नियमों, परंपराओं, मान्यताओं को तोड़ने वालों को ‘हीरो’ के तौर पर दिखाया जाता है और काफी सारे दर्शक, समीक्षक इनके लिए बिछ जाया करते हैं। फिल्म की नायिका (यदि वह ‘नायिका’ है तो) रम्या के तेवर बगावती हैं। अपनी दादी, मां, पिता, टीचर आदि की कही हर बात उसे चुभती है, बुरी लगती है। यहां तक कि वह अपनी सीनियर्स, अपनी दोस्तों की ईमानदार सलाहों को भी अनदेखा करती है जिसका खामियाजा भी उसे भुगतना पड़ता है। लेकिन ‘मेरी ज़िंदगी मेरी मर्ज़ी’ के आधुनिक स्त्रीवादी नारे का झंडा उठाती रम्या को जीना है तो अपनी मर्ज़ी से। उसे भुगतना भी है, रोना भी है, मनोचिकित्सक के पास भी जाना है, लेकिन पछताना नहीं है। फिल्म दिखाती है कि मनमर्ज़ियां करने वाली लड़कियां दुखी हो लेंगी लेकिन झुकेंगी नहीं।
सिनेमा के क्राफ्ट के नज़रिए से देखें तो यह एक शानदार फिल्म है। डायरेक्टर वर्षा भरत ने सीन बनाने से लेकर उसे फिल्माने तक में बेमिसाल कल्पनाशीलता दिखाई है। रंगों, अंधेरे, वी.एफ.एक्स. और कैमरे ने दृश्यों को प्रभावी बनाया है। सैट्स, कॉस्ट्यूम, मेकअप आदि से किरदारों व दृश्यों को असरदार बनाया गया है। अमित त्रिवेदी का संगीत अनोखा है। फिल्म देखते समय रवानगी बनी रहती है। लेकिन अपने कथ्य के स्तर पर यह फिल्म उलझाती है। मुमकिन है कि कुछ लोग इसे देखने के बाद रम्या को सही मानें जो लड़कों की दीवानी है, उनके साथ हर किस्म का रिश्ता रखने को बावली है लेकिन अपने घर-परिवार, दोस्तों के रिश्ते में उसकी आस्था नहीं है। वहीं यह भी मुमकिन है कि कुछ लोगों को रम्या की यही बातें, यही हरकतें पसंद न आएं।
रम्या बनीं अंजलि शिवरामन का अभिनय कमाल का है। उनकी मां के किरदार में शांतिप्रिया भी बेहद प्रभावी रही हैं। सच तो यह है कि शांतिप्रिया ही हैं जो कहीं कलाकार नहीं बल्कि हर जगह किरदार ही लगी हैं। बाकी के लोग भी सही रहे।
अपने अंतस में यह फिल्म लड़कियों को बागी बनने की तालीम देती है। उन्हें उकसाती है कि तुम्हारा वजूद तभी है जब तुम हर वह काम खुल कर करो जिसे समाज बुरा कहता है, तभी तुम आज़ादख्याल, बोल्ड और आधुनिक कहला पाओगी। शादी, परिवार जैसी संस्थाओं को तो ठेंगा दिखाती है यह फिल्म। जाइए, देखिए, तालियां बजाइए।
(रेटिंग की ज़रूरत ही क्या है? रिव्यू पढ़िए और फैसला कीजिए कि यह कितनी अच्छी या खराब है। और हां, इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर के इस रिव्यू पर अपने विचार ज़रूर बताएं।)
Release Date-26 September, 2025 in theaters
(दीपक दुआ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म–पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ–साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब–पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)
Aapke review mein complete picture dekhh liya.Bahut easy ho jaata hai ye decide karna ki film dekha ya nahin. Really appreciated.
धन्यवाद
Ye Mahilaon ki Aazadi ki Aur Ishara Karti hui dikh rahi hai…Ya Fir Sanskaron ki Dhajjiiyaan udati hui…??? Indian Culture ye to nahi jo iss film mei dikhaya gaya hai……. Bold Hona aur Apne aap mei apne ko sanjoye rakha donon alag-alag sthan rakhte hain… Bold Hona…. ka Matlab… Galat ka oppose karna…. Ye nahi Ki Jo HE kar raha hai wah SHE Bhi kare… To fir Nature ne jisko jaise banaya hai usko uski zarurat nahi thi.. fir to HE be Bachehe paida kar leta apni kokh se aur SHE ki need kya thi? Sabhi Kaam kiye jaat hain lekin Ek Daayre mei rehkar…. THENGA AUR TALIYAN he bajengi…Ajeebo Gareeb Sabject k liye? Jiska Sar ho na Pair… .. Dhe Taliyaan.