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Home बुक-रिव्यू

बुक-रिव्यू : सिनेमा को करीब से जानना

Deepak Dua by Deepak Dua
2025/09/20
in बुक-रिव्यू
0
बुक-रिव्यू : सिनेमा को करीब से जानना
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-दीपक दुआ…

डॉ. एस. श्रीकांत लंबे समय तक फिल्म पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। सिनेमा पर अनेक लेख व पुस्तकें उन्होंने लिखी हैं। बहुत सारी सिनेमाई हस्तियों के इंटरव्यू भी उन्होंने लिए हैं। उनकी यह पुस्तक ‘हिन्दी सिनेमा पुरस्कार और साक्षात्कार’ उनके किए कार्य की एक संकलित कृति है जिसमें वह हिन्दी सिनेमा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से लिखते हैं।

पांच अध्यायों में लेखक इस किताब में सिनेमा के संक्षिप्त इतिहास से शुरुआत करते हैं जिसमें वह मूक फिल्मों के दौर से लेकर बोलती फिल्मों के इतिहास पर विस्तृत दृष्टि डालते हैं। फिल्म पुरस्कारों के अपने अध्याय में उन्होंने मुख्यतः राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों और फिल्म फेयर पुरस्कारों को ही अपने लेखन के दायरे में रखा है। इसके अतिरिक्त उन्होंने ऑस्कर पुरस्कारों से भारतीयों के नाते, पद्म सम्मान पाने वाली फिल्मी हस्तियों आदि के बारे में भी विस्तार से लिखा है।

साक्षात्कारों वाले अध्याय में लेखक ने अनेक फिल्मी हस्तियों से लिए गए अपने साक्षात्कारों का उम्दा संकलन पेश किया है। शेखर सुमन, तापसी पन्नू, रंजीत, रवीना टंडन, गोविंद नामदेव, के.के. मैनन, सुष्मिता मुखर्जी, यशपाल शर्मा जैसे अनेक कलाकारों के साथ अपनी बातचीत में लेखक सिनेमा के साथ-साथ समाज और राजनीति की दशा और दिशा के बारे में भी इन हस्तियों के विचार जानने का प्रयास करते हैं। इन तमाम हस्तियों के नाम यदि पुस्तक के बाहर विषय-सूची में दिए जाते तो पाठकों को सुविधा हो सकती थी। इन साक्षात्कारों को पढ़ कर नई पीढ़ी के फिल्म पत्रकार यह भी सीख सकते हैं कि एक अच्छे इंटरव्यू में क्या तत्व समाहित होते हैं।

राजनीति में आए फिल्मी कलाकारों और हिन्दी सिनेमा से जुड़े रोचक तथ्य व जानकारियों के अध्याय में भी लेखक ढेरों जानकारियां देते हैं। श्री नटराज प्रकाशन से आई करीब पौने चार सौ पृष्ठ की यह पुस्तक सिनेमा पर लिखने-पढ़ने का शौक रखने वालों को अवश्य पढ़ लेनी चाहिए।

(दीपक दुआ राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म समीक्षक हैं। 1993 से फिल्म-पत्रकारिता में सक्रिय। ‘सिनेयात्रा डॉट कॉम’ (www.cineyatra.com) के साथ-साथ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेब-पोर्टल, रेडियो, टी.वी. आदि पर सक्रिय दीपक ‘फिल्म क्रिटिक्स गिल्ड’ के सदस्य भी हैं।)

Tags: bookbook reviewDr. S. Shrikanthindi cinemahindi cinema bookhindi cinema puraskar aur sakshatkar bookhindi cinema puraskar booknatraj prakashan
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