-दीपक दुआ...
बाबा ने बताया कि इस फिल्म में उनका डबल रोल होगा। एक किरदार में वह टीचर बने दिखाई देंगे और दूसरे में जुगाड़ में माहिर जट्टू इंजीनियर। इस फिल्म का निर्देशन भी उनकी पिछली फिल्म की तरह बाबा और उनकी बेटी हनीप्रीत कर रहे हैं। इसके बाद फिल्म की सफलता की कामना के लिए ढेरों गुब्बारे भी आसमान में छोड़े गए।
अगले दिन सुबह हम इस फिल्म के सैट पर पहुंचे तो वहां लगे गांव का नाम पढ़ कर ही हमारी हंसी छूट गई। एक टूटे-फूटे बोर्ड पर लिखा था-गांव टट्टियाकर में आपका स्वागत है। हमें बताया गया कि महीने भर पहले तक यहां एक मैदान था जहां चारदीवार बना कर इस लंबे-चैड़े गांव का सैट तैयार किया गया है। चारों तरफ कच्चे मकान, पंचायत घर, स्कूल, इधर-उधर घूमते जानवर, ढेरों लोग और हर तरफ गंदगी का आलम। इस कदर वास्तविक लगते इस सैट पर मोबाइल फोन और कैमरा लाने की सख्त पाबंदी थी।
यहां शूटिंग में व्यस्त बाबा ने बताया कि यहां जितने भी लोग हैं उनमें से कोई भी प्रोफेशनल कलाकार नहीं है लेकिन हर कोई अपने काम को पूरे समर्पण से कर रहा है और हमें यकीन है कि जब यह फिल्म बन कर आएगी तो लोगों को हंसाने के साथ-साथ समाज को कई सारे सकारात्मक संदेश दे पाने में भी सफल होगी।
(यह रिपोर्ट 25 मार्च,
2017 के ‘हरिभूमि’ में प्रकाशित हुई है)
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