• Home
  • Film Review
  • Book Review
  • Yatra
  • Yaden
  • Vividh
  • About Us
CineYatra
Advertisement
  • होम
  • फ़िल्म रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
  • होम
  • फ़िल्म रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
No Result
View All Result
CineYatra
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home फ़िल्म रिव्यू

फीकी चमक वाला ‘गोल्ड’

CineYatra by CineYatra
2021/06/01
in फ़िल्म रिव्यू
0
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

1936 के बर्लिन ओलंपिक में गुलाम भारत यानी ब्रिटिश इंडिया की हॉकी टीम ने गोल्ड मैडल तो जीता लेकिन स्टेडियम में ब्रिटेन का राष्ट्रगान बज रहा था। देश आज़ाद हुआ तो उसी टीम के जूनियर मैनेजर ने सपना देखा कि 1948 के लंदन ओलंपिक में भारतीय टीम ‘दो सौ साल की गुलामी’ के बाद जीते और अपने ‘जन गण मन…’ की धुन पर गोल्ड लेकर आए। और बस, वो जुट गया तमाम बाधाओं के बीच एक जानदार टीम तैयार करने में जो एक शानदार जीत हासिल कर सके।

यह सही है कि 1948 में भारतीय टीम ने लंदन ओलंपिक में ब्रिटेन को उसी के घर में 4-0 से हरा कर गोल्ड जीता था। लेकिन इतिहास यह नहीं बताता कि वो सपना किसी टीम-मैनेजर का था। लेकिन यह फिल्म है जनाब, जो इतिहास के कुछ सच्चे किस्सों में ढेर सारी कल्पनाएं मिला कर आपको देशप्रेम की ऐसी चाशनी चटाती है कि आप बिना कुछ आगा-पीछा सोचे बस, उसे चाटते चले जाते हैं।

Tags: गोल्ड
ADVERTISEMENT
Previous Post

‘हैप्पी’ की भागमभाग में चीनी हेराफेरी

Next Post

सत्यमेव जयते’-असली मसाले सच-सच

Related Posts

रिव्यू-‘जयेशभाई जोरदार’ बोरदार शोरदार
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-‘जयेशभाई जोरदार’ बोरदार शोरदार

रिव्यू-अच्छे से बनी-बुनी है ‘जर्सी’
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-अच्छे से बनी-बुनी है ‘जर्सी’

रिव्यू-बड़ी ही ‘दबंग’ फिल्म है ‘के.जी.एफ.-चैप्टर 2’
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-बड़ी ही ‘दबंग’ फिल्म है ‘के.जी.एफ.-चैप्टर 2’

वेब रिव्यू-क्राइम, इन्वेस्टिगेशन और तंत्र-मंत्र के बीच भटकती ‘अभय’
फ़िल्म रिव्यू

वेब रिव्यू-क्राइम, इन्वेस्टिगेशन और तंत्र-मंत्र के बीच भटकती ‘अभय’

रिव्यू-सैकिंड डिवीज़न ‘दसवीं’ पास
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-सैकिंड डिवीज़न ‘दसवीं’ पास

रिव्यू-मैदान न छोड़ने की सीख देता ‘कौन प्रवीण तांबे?’
फ़िल्म रिव्यू

रिव्यू-मैदान न छोड़ने की सीख देता ‘कौन प्रवीण तांबे?’

Next Post

सत्यमेव जयते’-असली मसाले सच-सच

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • होम
  • फ़िल्म रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में
संपर्क – [email protected]

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.

No Result
View All Result
  • होम
  • फ़िल्म रिव्यू
  • बुक-रिव्यू
  • यात्रा
  • यादें
  • विविध
  • हमारे बारे में

© 2021 CineYatra - Design & Developed By Beat of Life Entertainment.